नई दिल्ली. भारत के केंद्रीय बैंक यानी आरबीआई ने सोमवार को कहा कि देश ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में 4.67 करोड़ नौकरियां बढ़ीं. यह निजी सर्वेक्षणों द्वारा पेश की गई संख्या से कहीं अधिक है. निजी सर्वे के आंकड़े भारत में उच्च बेरोजगारी दर की ओर इशारा कर रहे थे. 2023-24 में रोजगार वृद्धि दर 6% रही जबकि 2022-23 में 3.2% थी. बता दें कि मौजूदा सरकार के लिए नौकरियां एक संवेदनशील विषय रहा है.
आरबीआई के आंकड़ों से पता चलता है कि 2023-24 में भारत में कुल 64.3 करोड़ नौकरियां थी. जबकि वित्त वर्ष 23 में यह आंकड़ा 59.67 करोड़ मिलियन था. केंद्रीय बैंक देश की उत्पादकता और रोजगार के स्तर का अनुमान लगाने के लिए सरकार के राष्ट्रीय खातों और श्रम मंत्रालय के डेटा का उपयोग करता है. यह रिपोर्ट, केंद्रीय बैंक की ओर से नियमित रूप से जारी की जाती है, जिसमें आमतौर पर केवल ऐतिहासिक यानी पुराने आकड़े ही दिखाए जाते हैं.
पहली बार कुछ नया
हालांकि, सोमवार को केंद्रीय बैंक ने कहा कि वह उपलब्ध जानकारी के आधार पर पहली बार वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए कुल अर्थव्यवस्था के लिए उत्पादकता का एक प्रोविजनल अनुमान लगाने का प्रयास कर रहा है. इसका मतलब है कि इन आंकड़ों में आगे बदलाव हो सकता है.
सिटी बैंक की रिपोर्ट का खंडन
डेटा जारी होने से पहले बीते हफ्ते सिटीबैंक की रिपोर्ट आई थी जिसमें कहा गया था कि 7% के करीब की वृद्धि भारत में केवल 80-90 लाख नौकरियां पैदा करेगी, जो कि आवश्यक 1.1-1.2 करोड़ से काफी कम है. एक अलग बयान में, केंद्रीय श्रम विभाग ने सिटी की रिपोर्ट का विरोध करते हुए कहा कि विभाग के अनुमान से पता चलता है कि 2017-18 से 2021-22 के बीच प्रति वर्ष औसतन 2 करोड़ से अधिक रोजगार के अवसर पैदा हुए. देश में बेरोजगारी पर नज़र रखने वाले एक अन्य निजी थिंक टैंक, सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी ने अनुमान लगाया था कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में भारत में बेरोजगारी दर पिछले दो वर्षों में 7.5% और 7.7% से बढ़कर 8% हो गई.
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FIRST PUBLISHED : July 8, 2024, 21:45 IST