नई दिल्ली. जिस मंदी के आने की बात लगातार कही जा रही है वह अभी तो सच होती नहीं दिख रही है. मंदी के आगमन का एक बड़ा संकेत नौकरियों का जाना होता है लेकिन अमेरिका से सामने आए ये आंकड़े अलग कहानी बता रहे हैं. दरअसल, यूएस में बेरोजगारी भत्ते के लिए दिए साप्ताहिक आवेदनों में गिरावट आई है. रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, 3 अगस्त के खत्म हुए सप्ताह के लिए बेराजगारी भत्ते के 2,33,000 दावे मिले जो साप्ताहिक आधार पर 17000 दावे कम है. इस बात की घोषणा यूएस के लेबर डिपार्टमेंट ने की है. इसे 11 महीनों में सबसे बड़ी गिरावट बताया जा रहा है.
जून के बाद से ही बेरोजगारी भत्ते के लिए दावे लगातार बढ़े हुए ही दिख रहे थे. हालांकि, छंटनी इस दौरान कम दिख रही थीं. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, जून में जो छंटनी हुई वह पिछले 2 साल के मुकाबले सबसे कम थीं. रॉयटर्स के अनुसार, लेबर मार्केट में स्लोडाउन के पीछे छंटनी नहीं कंपनियों द्वारा हायरिंग को धीमा कर देना बड़ी वजह है. दिलचस्प है कि एक अन्य सरकारी के आकंड़े के अनुसार, जुलाई में बेरोजगारी दर बढ़कर 4.3 फीसदी पर पहुंच गई.
तेजी के साथ खुले बाजार
उम्मीद से बेहतर जॉब डाटा आने के कारण आज अमेरिकी शेयर बाजार तेजी के साथ खुले. एसएंडपी ने जहां 1.1 फीसदी की बढ़त के साथ शुरुआत की, तो वहीं नैसडेक ने 1.3 फीसदी की तेजी के साथ कारोबार शुरू किया. इसके अलावा डो जोन्स ने 0.7 फीसदी बढ़कर बिजनेस शुरू किया. सोमवार की तेज गिरावट के बाद ज्यादातर स्टॉक्स आज स्थिरता की ओर बढ़ते हुए दिख रहे हैं.
भारत में क्या है स्थिति
आज आरबीआई की एमपीसी ने मौद्रिक नीति की घोषणा की. आरबीआई ने लगातार 9वीं बार रेपो रेट को 6.5 फीसदी पर बरकरार रखा. केंद्रीय बैंक के गर्वनर शक्तिकांत दास ने कहा, ‘‘खाद्य मुद्रास्फीति लगातार ऊंची बनी हुई है. …मूल्य स्थिरता के बिना उच्च वृद्धि को कायम नहीं रखा जा सकता है। ऐसे में मौद्रिक नीति महंगाई को नीचे लाने वाली बनी रहेगी.’’
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FIRST PUBLISHED : August 8, 2024, 20:54 IST