वुमन पॉवर! एक दिन के लिए बनी डिलीवरी गर्ल और बदल दिया कंपनी का सिस्‍टम

हाइलाइट्स

बैंगलोर की रहने वाली स्‍नेहा ने ब्लिंकिट में डिलीवरी पार्टनर की नौकरी शुरू की. पहले दिन उन्‍होंने कुछ सामान डिलीवर किए और कंपनी को खामियों के बारे में बताया. कंपनी के सीटीओ ने स्‍नेहा के सुझावों पर 5 बदलाव करने का ऐलान भी कर दिया है.

नई दिल्‍ली. कंपनी में जॉब करने वालों को उसके नियम के अनुसार ही अपना कामकाज करना होता है. लेकिन, बैंगलोर की रहने वाली स्‍नेहा ने सिर्फ एक दिन के लिए कंपनी ज्‍वाइन किया और उसे ही सिस्‍टम बदलने की नसीहत दे डाली. कंपनी ने भी स्‍नेहा की बातों को गंभीरता से लिया और कहा कि जल्‍द ही आपके सुझावों पर अमल करेंगे. कंपनी ने स्‍नेहा को धन्‍यवाद भी दिया.

यह पूरा मामला बैंगलोर का है, जहां ऑनलाइन डिलीवरी स्‍टार्टअप ब्लिंकिट (Blinkit) ने 10 मिनट में डिलीवरी करने की सुविधा शुरू की है. स्‍नेहा ने इस कंपनी में बतौर डिलीवरी गर्ल नौकरी ज्‍वाइन की और सिर्फ रविवार को ही कंपनी के लिए काम किया. स्‍नेहा ने बैंगलोर के इंदिरानगर इलाके में कुछ सामान डिलीवरी किया और अपने अनुभवों को सोशल मीडिया पर शेयर कर दिया. इस पर तमाम यूजर्स ने कमेंट किए और ब्लिंकिट की निगाह भी उनके पोस्‍ट तक पहुंची.

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क्‍या लिखा स्‍नेहा ने
सामान डिलीवरी करने के बाद स्‍नेहा ने टि्वटर पर लिखा, ‘मैंने ब्लिंकिट के डिलीवरी पार्टनर के तौर पर ज्‍वाइन किया और आज कुछ सामान डिलवर भी किए. यह काफी अच्‍छा अनुभव रहा और कुछ पैसे भी कमाए हैं. साथ ही कई राइडर के साथ बातचीत भी की और उनकी बताई समस्‍याओं को साझा कर रही हूं.’

क्‍या बोली कंपनी
स्‍नेहा का यह ट्वीट वायरल हो गया और इस पर ब्लिंकिट के फाउंडर अलबिंदर ढींढसा की भी नजर गई और उन्‍होंने इस पर संज्ञान लिया. फाउंडर ने स्‍नेहा के पोस्‍ट पर रिप्‍लाई किया कि जल्‍द ही उनके उठाए मुद्दों पर विचार किया जाएगा और कंपनी इसमें बदलाव करने को गंभीरता से लेगी. फाउंडर ने इसके लिए स्‍नेहा को बाकायदा धन्‍यवाद भी किया.

क्‍या समस्‍या बताया था स्‍नेहा ने
स्‍नेहा ने अपने पोस्‍ट में ब्लिंकिट के उस एसएमएस का जिक्र किया जो कंपनी ने अपने डिलीवरी एजेंट को भेजा था. इसमें कंपनी ने कहा था कि आपके पास हर महीने 50 हजार रुपये कमाने का मौका है. साथ ही 2,000 रुपये बोनस भी मिलेगा. स्‍नेहा लिखा, यह मैसेज पूरी तरह मिसलीडिंग करने वाला है. उन्‍होंने कंपनी को सुझाव किया कि इस तरह झूठा वादा न किया जाए और राइडर की झूठी उम्‍मीदें न बढ़ाई जाएं, क्‍योंकि इतना पैसा कमाना संभव नहीं है. मैंने कुछ ऑर्डर डिलीवर किए हैं और मुझे पता है कि 50 हजार कमाना कितना मुश्किल काम है.

क्‍या दिया सुझाव
कंपनी की इस नीति को उजागर करने के साथ स्‍नेहा ने पारदर्शिता बढ़ाने का सुझाव भी दिया. उन्‍होंने सोशल मीडिया प्‍लेटफॉर्म पर लिखा, डिलीवरी एजेंट का फ्री मेडिकल इंश्‍योरेंस करने की पॉलिसी को और पारदर्शी बनाना चाहिए. साथ ही ब्लिंकिट के स्‍टोर में बैठने और साफ पानी की कमी की समस्‍या भी बताई. उन्‍होंने कंपनी को सुझाव किया कि वह स्‍टोर का ध्‍यान रखे.

कंपनी ने लागू किए बदलाव
कंपनी के चीफ टेक्‍नोलॉजी ऑफिसर सजल गुप्‍ता ने स्‍नेहा के पोस्‍ट और सुझाव के बाद कंपनी में 5 बदलाव लागू करने का ऐलान भी कर दिया. उन्‍होंने कहा कि ब्लिंकिट अपने स्‍टोर में बैठने की सुविधा को और बढ़ाने जा रही है, जिसे देश के सभी स्‍टोर में लागू किया जाएगा. इसके अलावा डिलीवरी पार्टनर्स की सुविधा का भी ध्‍यान रखा जा रहा है.

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