शेख हसीना के बांग्लादेश छोड़ते ही मार्केट में कोहराम, कारोबारियों की उड़ी नींद

नई दिल्ली. बांग्लादेश में जारी उथल-पुथल ने दिल्ली के ऑटो-पार्ट्स कारोबारियों की रातों की नींद उड़ा रखी है. कश्मीरी गेट और करोल बाग जैसे बाजारों में जो व्यापारी बांग्लादेश को कल-पुर्जे निर्यात करते हैं, वे सामानों की बिक्री को लेकर चिंता में हैं क्योंकि उन्हें इस बात का डर सता रहा है कि पहले से जो माल वहां भेजे गए हैं और जो माल रास्ते में हैं, उनका भुगतना उन्हें मिल सकेगा.

चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआई) ने कहा कि भारत और बांग्लादेश में एक ही ब्रांड के दोपहिया और चार पहिया वाहन बेचे जाते हैं, जिससे ऑटो पार्ट्स में बिक्री संभव हो जाती है. दिल्ली से हर महीने 1,000 करोड़ रुपए की वस्तुएं पड़ोसी देश में निर्यात की जाती हैं, लेकिन जैसा कि सीटीआई के राष्ट्रीय संयोजक, ब्रिजेश गोयल ने बताया, “वर्तमान संकट ने व्यापार को जोखिम में डाल दिया है, जिससे व्यापारी अपने व्यवसाय के भविष्य के बारे में कुछ भी तय नहीं कर पा रहे हैं.”

ऑटोमोटिव पार्ट्स मर्चेंट्स एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष और प्रमुख भारतीय ब्रांडों के ऑटो पार्ट्स के डिस्ट्रीब्यूटर विष्णु भार्गव ने खुलासा किया कि भारतीय ब्रांड गाड़ियों की तादाद बांग्लादेश, नेपाल और श्रीलंका में काफी अधिक है. महिंद्रा ऑटो पार्ट्स का कारोबार करने वाले भार्गव ने ‘द टाइम्स ऑफ इंडिया’ से कहा, ‘श्रीलंका में राजनीतिक अशांति के दौरान हमारे कारोबार को नुकसान हुआ था. हमें नए ऑर्डर मिलने में समय लगा और अब बांग्लादेश की स्थिति ने नुकसान को लेकर हमारी चिंता बढ़ा दी है. हम नए ऑर्डर देने से इनकार कर रहे हैं, लेकिन उन ऑर्डरों का क्या जो हम पहले ही भेज चुके हैं?”

20 साल से करोल बाग के ऑटो स्पेयर व्यवसायी कारोबारी अजय गुप्ता भी उतने ही परेशान थे. उन्होंने दावा किया कि पिछले कुछ दिनों की घटनाओं से पहले ही हालात चिंताजनक हो गए थे. उन्होंने कहा, “पिछले दो दशकों में, हम अब जैसी अनिश्चितता का सामना नहीं कर पाए. सड़क मार्ग से हमारी हालिया खेप पश्चिम बंगाल सीमा पर बेनापोल में बांग्लादेश में फंस गई है, अब हमें परिवहन कंपनी को डैमेज चार्ज का भुगतान करना होगा. इतना ही नहीं, ऐसे भी उदाहरण हैं जब ग्राहकों को बैंक की जानकारी के अनुसार सामान प्राप्त हुआ है, लेकिन बांग्लादेश में इंटरनेट सेवाएं बहाल होने के बाद भी माल की प्राप्ति पर मेल पर हमारे प्रश्नों का कोई जवाब नहीं आया है. हम केवल यही आशा कर सकते हैं कि हमें नुकसान का सामना न करना पड़े.”

बांग्लादेश के हालात से परेशानी व्यवसायी कोलकाता, जयपुर और लुधियाना में निर्यातकों के संपर्क में हैं और अगर ऐसे ही स्थिति बनी रही तो समाधान खोजने के लिए वे सभी मिलकर काम करेंगे. चांदनी चौक के सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने दावा किया कि उनकी रिसर्च टीम बाजारों पर राजनीतिक संकट के प्रभाव का आकलन कर रही है. उन्होंने कहा, “सिर्फ ऑटो पार्ट्स ही नहीं, भारत बांग्लादेश को कॉफी, मसाले और कन्फेक्शनरी आइटम भी आपूर्ति करता है. लेकिन फिलहाल हम केवल इंतजार कर सकते हैं और देख सकते हैं. वहां सरकार बनने के बाद ही हम इस मामले को किसी स्तर पर आगे बढ़ा सकते हैं.’

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