‘Aliya Basu Gayab Hai’ Movie Review: रहस्यों में उलझाए रखेगी विनय पाठक की ‘आलिया बसु गायब है’

हमारे देश में सस्पेंस-थ्रिलर फिल्मों को काफी पसंद किया जाता है. हमेशा से देखा गया है कि ऐसे जोनर की फिल्मों का बॉक्स ऑफिस पर भी अच्छा खासा असर पड़ता है. मैं भी बहुत दिनों से एक अच्छी सस्पेंस थ्रिलर फिल्मों की तलाश में था और जब मैंने फिल्म ‘आलिया बसु गायब है’ के बारे में सुना था, तभी से इसे देखने की इच्छा थी. यह एक शानदार फिल्म है, जो दर्शकों को पसंद आने वाली है.

रिहैब पिक्चर्स की फिल्म ‘आलिया बसु गायब है’ एक साइकोलॉजिकल थ्रिलर है. विनय पाठक, राइमा सेन, सलीम दीवान जैसे उम्दा कलाकारों से सजी यह फिल्म आपको पूरे समय बांधे रखती है. सबसे पहले बात करते हैं ‘आलिया बसु गायब है’ की कहानी की. यह पूर्व अपराधियों दीपक और विक्रम की कहानी पर आधारित है, जो फिरौती और निजी बदला लेने के लिए एक अमीर आदमी, यानी बिजनेसमैन गौतम बसु की बेटी आलिया का अपहरण करते हैं, लेकिन दीपक के छिपे हुए इरादों से उसका दोस्त विक्रम भी अनजान है.

आलिया उन किडनैपरों से खुद को छुड़ाने के लिए संघर्ष करती है. वहीं, जब किडनैपर फिरौती लेने के लिए तय किए हुए स्थान पर पहुंचते हैं, तो उन्हें धोखे का पता चलता है और उसके बाद क्या होता है, इसलिए आपको सिनेमाघर जाकर पूरी फिल्म देखनी होगी. वैसे कहानी में आपको कुछ नयापन नहीं मिलेगा, लेकिन जिस तरह से कहानी को पेश किया गया है वो कमाल का है. अगर एक्टिंग की बात करें तो फिल्म में विनय पाठक, राइमा सेन और सलीम दीवान जैसे बेहतरीन कलाकार हैं और सभी ने अपने किरदारों के साथ पूरा न्याय किया है.

सबसे पहले बात अभिनेता सलीम दिवान की, जिनकी यह दूसरी ही थियेटर रिलीज फीचर फिल्म है, लेकिन वह एक मंझे हुए कलाकार के तौर पर सामने आते हैं. अपने काम से उन्होंने अपने अंदर के कलाकार के कद को सबके सामने प्रभावशाली तरीके से रखा है. सलीम दिवान ने साइकोलॉजिकल थ्रिलर में अपने अनुभव के आधार पर किरदार को जिस तरह से पोट्रेट किया है, उसे थियेटर का कोई मंझा हुआ कलाकार ही सही से निभा सकता है, चूंकि सलीम थिएटर बेस्ड कलाकार हैं, इसी वजह से उन्होंने इस फिल्म में अपने किरदार को काफी आसानी से हरपल जीवंत बनाए रखा.

हालांकि, इस तरह का किरदार करना काफी कठिन होता है, लेकिन सलीम दिवान ने थियेटर के अपने अनुभवों को एकीकृत कर अपनी भूमिका और उसके सस्पेंस को आखिर तक बरकरार रखा. अपने किरदार को पूरे भाव के साथ निभाते हुए आलिया बासु को किडनैप करने और उसके बाद के दृश्यों में उन्होंने हर दर्शक को कुर्सी से बांधे रखा. क​ह सकते हैं कि अपने किरदार के जरिए उन्होंने अभिनय की दुनिया में अपनी विशिष्ट छाप छोड़ने में कामयाबी हासिल की है.

वहीं, दिलकश राइमा सेन ने हमेशा अपने कम्फर्ट-जोन से बाहर निकलने की कोशिश की है और उनकी यह कोशिश इस फिल्म में भी साफ नजर आती है. ‘आलिया बसु गायब है’ में खूबसूरत राइमा एक अमीर आदमी की बेटी आलिया का किरदार निभा रही हैं, जिसका ‘अपहरण’ कर लिया जाता है और उसे यातनापूर्ण बंदी हिरासत में रखा जाता है. इस किडनैप लड़की के किरदार में राइमा सेन ने अपनी भूमिका में जान डाल दी है, जबकि विनय पाठक तो अपने किरदार में इस कदर रच बस गए हैं, उन्हें किरदार में ढूंढना तक मुश्किल हो जाता है.

भूमिका चाहे जैसी भी हो, विनय पाठक उसमें विशेष प्रवाह ला देते हैं. उनमें सिनेमा कूट-कूट कर भरा है. वह एक ऐसे मंझे हुए कलाकार हैं, जो टीवी से लेकर फिल्मों और वेब सीरीज तक में हर तरह के किरदार में छाप छोड़ते हैं. उनकी सधी हुई अदाकारी और बेजोड़ हास्य कलाकारी का सिनेमा में कोई सानी नहीं है. ‘आलिया बसु गायब है’ में भी उनके अभिनय के आप कायल हो जाएंगे. उन्होंने इस फिल्म में गजब की भफूमिका निभाई है.

वहीं, निर्देशन की बात की जाए तो प्रीति सिंह ने ‘आलिया बसु गायब है’ के जरिये पहली बार किसी फीचर फिल्म के डायरेक्शन की बागडोर संभाली है. हालांकि, इससे पहले उन्होंने पहले एक शॉर्ट फिल्म ‘द लवर्स’ का निर्देशन किया था, लेकिन इसके बावजूद ‘आलिया बसु गायब है’ उनके लिए एक बहुत ही खास प्रोजेक्ट था. ऐसे में उन्होंने अपने सारे अनुभव को इसमें झोंक दिया. ऐसे में फिल्म के हरेक एंगल में उनकी ईमानदारी और मेहनत साफ झलकती है. वहीं, कुछ कमजोर पार्ट की बात की जाए, तो फिल्म में कई जगह आपको ठहराव नजर आता है. फिल्म का फर्स्ट हाफ हो सकता है आपको थोड़ा स्लो लगे, लेकिन सेकंड हाफ में यह अपना रफ्तार पकड़ लेती है. वहीं, फिल्म में संगीत उतनी मजबूत तो नहीं, लेकिन ठीक ठाक है. कुल मिलाकर कहा जाए तो आप एक बार इस फिल्म को देख सकते हैं. मेरी ओर से फिल्म को 3 स्टार.

डिटेल्ड रेटिंग

कहानी :
स्क्रिनप्ल :
डायरेक्शन :
संगीत :

Tags: Bollywood actors, Film review

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