क्या है DDOS अटैक? जिसने एलन मस्क और डोनाल्ड ट्रंक के इंटरव्यू में डाली खलल, जानें डिटेल्स

DDOS Attack: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोशल मीडिया के एक्स प्लैटफॉर्म पर एक बार फिर से वापसी की है. हालही में डोनाल्ड ट्रंप पर एक जानलेवा हमला हुआ था. बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) अमेरिका में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए तैयारी कर रहे हैं. इसी बीच एक्स पर वापसी के बाद टेस्ला के सीईओ एलन मस्क (Elon Musk) ने डोनाल्ड ट्रंप का इंटरव्यू लेने का फैसला किया जिसके बाद इंटरव्यू के दौरान इन्हें DDOS अटैक का सामना करना पड़ा. इस अटैक से इस इंटरव्यू को दुनियाभर के लोगों ने ठीक ने नहीं देख पाया है. आइए जानते हैं कि आखिर क्या है ये DDOS अटैक.

क्या है DDOS अटैक?

दरअसल, DDOS का अर्थ होता है डिस्ट्रिब्यूटेड डेनियल-ऑफ-सर्विस (Distributed Danial Of Services) अटैक. यग किसी एक टारगेट सर्वर पर अटैक करता है और इसपर इंटरनेट ट्रैफिक को बढ़ा कर सामान्य ट्रैफिक में बाधा डालता है. साइबर सिक्योरिटी फर्म की भाषा में इसे साइबर क्राइम की कैटेगरी में रखा जाता है.

साइबर सिक्योरिटी फर्म फोर्टिनेट के मुताबिक, ‘डीडीओएस अटैक एक साइबर अपराध माना जाता है. इस अटैक में अपराधी एक निश्चित सर्वर पर इंटरनेट ट्रैफिक को कई गुना बढ़ा देता है जिसके बाद यूजर्स उस वेबसाइट पर नहीं पहुंच पाते हैं और उन्हें ऑनलाइन सर्विस नहीं मिल पाती है. वहीं यह अटैक कुछ घंटे या कई दिनों तक भी चल सकता है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस अटैक के बाद एलन मस्क और डोनाल्ड ट्रंप का इंटरव्यू करीब 40 मिनट की देरी से शुरू हुआ.

डोनाल्ड ट्रंप ने इंटरव्यू में कही ये बात

एलन मस्क के साथ इंटरव्यू में डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अमेरिका को एक मजबूत राष्ट्रपति की जरुरत है. इसके साथ ही अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अगर जो बाइडन अमेरिका के राष्ट्रपति नहीं होते तो रूस कभी भी यूक्रेन पर इस तरीके का हमला नहीं कर पाता. इसीलिए अब समय है जब अमेरिका को एक मजबूत राष्ट्रपति की जरुरत है.

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