नई दिल्ली. देश की प्रमुख खनन कंपनियां के शेयरों में बुधवार को 5 फीसदी तक की गिरावट देखने को मिली. एनएमडीसी से लेकर टाटा स्टील, वेदांता, हिंदुस्तान जिंक और मोइल जैसी दिग्गज कंपनियों के शेयरों को लड़खड़ाते हुए देखा गया. यह असर देश की उच्चतम अदालत के एक फैसले के बाद हुआ.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि खनिज संपदा वाले राज्यों को केंद्र सरकार से पिछले कई सालों का रॉयल्टी बकाया वसूलने का अधिकार है. यानी अब खनन कंपनियों को राज्यों को काफी पैसा चुकाना पड़ेगा. इस फैसले के बाद से ही शेयर बाजार में खलबली मच गई और खनन कारोबार से जुड़ी कंपनियों के शेयरों में जबरदस्त गिरावट आई.
ये भी पढ़ें – जिनके इशारों पर ‘ता ता थैया’ करता है शेयर बाजार, उन्होंने कहां डाला पैसा? जानिए
एनएमडीसी का हाल सबसे बुरा है. इसके शेयर 5% से ज्यादा गिर गए. टाटा स्टील के शेयर भी 4% से ज्यादा नीचे चले गए. वेदांता, हिंदुस्तान जिंक, मोइल और एमएमटीसी के शेयर भी करीब 4% तक लुढ़के हुए नजर आए. कोल इंडिया, ओरिसा मिनरल्स डेवलपमेंट कंपनी और आशापुरा माइनकेम पर भी दबाव रहा.
राज्यों को मिली पावर, केंद्र को झटका
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट की एक बड़ी बेंच ने केंद्र सरकार की उस दलील को खारिज कर दिया कि 25 जुलाई का फैसला सिर्फ आगे के लिए लागू हो. कोर्ट ने साफ कहा कि राज्यों को खनिज अधिकारों और खनिज वाली जमीन पर टैक्स लगाने का पूरा अधिकार है. साथ ही, राज्यों को 1 अप्रैल, 2005 से पहले का रॉयल्टी बकाया भी मांगने का हक है. कोर्ट ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार और खनन कंपनियां मिलकर अगले 12 सालों में राज्यों को यह पैसा दे सकती हैं, लेकिन इस पर कोई जुर्माना नहीं लगाया जाएगा.
सबसे बड़ी बात यह है कि सुप्रीम कोर्ट ने 1989 के एक पुराने फैसले को पलट दिया है. उस फैसले के मुताबिक, सिर्फ केंद्र सरकार ही खनिजों और खनिज वाली जमीन पर रॉयल्टी लगा सकती थी. लेकिन अब कोर्ट ने कहा है कि यह अधिकार राज्यों का है.
इसका अभिप्राय ये है कि अब खनन कंपनियों की मुश्किलें बढ़ गई हैं. उन्हें न सिर्फ ज्यादा टैक्स देना होगा, बल्कि पुराने बकाये भी चुकाने होंगे. इससे इन कंपनियों की कमाई पर असर पड़ सकता है और इसका असर शेयर बाजार पर भी दिखाई दे रहा है.
Tags: Share market, Stock market, Supreme Court, Tata steel
FIRST PUBLISHED : August 14, 2024, 14:01 IST