अप्रैल-जुलाई में सोने का आयात 4 फीसदी से ज्यादा घटा है. इस दौरान देश में आयात 12.64 अरब डॉलर रह गया है. पिछले साल समान अवधि में यह 13.2 अरब डॉलर था.
नई दिल्ली. देश में सोने की खपत अप्रैल के बाद से ही घट रही है और जुलाई तक के आंकड़े तो निराश करने वाले हैं. इन आंकड़ों को देखकर साफ लग रहा है कि ऊंची कीमतों की वजह से लोगों ने फिलहाल इस पीली धातु से दूरी बना ली है. अनुमान है कि अगले महीने से सोने की मांग बढ़ेगी जिससे कीमतों में और उछाल आने की संभावना है. सरकार ने आंकड़े जारी कर अप्रैल से जुलाई तक कितना सोना देश में आया इसकी जानकारी दी है.
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, भारत का सोने का आयात वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं के कारण चालू वित्त वर्ष (2024-25) में अप्रैल-जुलाई के दौरान 4.23 प्रतिशत घटकर 12.64 अरब डॉलर रह गया है. सोना आयात का देश के चालू खाता घाटे (सीएडी) पर असर पड़ता है. पिछले साल समान अवधि में यह 13.2 अरब डॉलर था.
जुलाई में हो गया मोहभंग
सबसे ज्यादा असर जुलाई महीने में दिख रहा है, जब आयात 10.65 प्रतिशत घटकर 3.13 अरब डॉलर रह गया, जबकि पिछले साल इसी महीने में यह 3.5 अरब डॉलर था. जून (-38.66 प्रतिशत) और मई (-9.76 प्रतिशत) के दौरान भी आयात घटा है. हालांकि, अप्रैल में आयात बढ़कर 3.11 अरब डॉलर हो गया, जो पिछले साल की समान अवधि में 1 अरब डॉलर था.
अगले महीने से और बढ़ेंगे दाम
एक आभूषण कारोबारी के अनुसार, ऊंची कीमतें आयात को हतोत्साहित कर रही हैं, लेकिन सितंबर से इसमें तेजी आएगी क्योंकि भारत में त्योहारी सत्र शुरू हो जाएगा और आयात शुल्क में कटौती का लाभ भी मिलेगा. सरकार ने सोने और चांदी पर सीमा शुल्क 15 प्रतिशत से घटाकर छह प्रतिशत कर दिया है, जिससे सोने की कीमतों में 6 हजार रुपये की गिरावट दिखी थी. हालांकि, डिमांड बढ़ने पर एक बार फिर कीमतों में उछाल आ सकता है.
ग्लोबल मार्केट में दिखा उछाल
अंतरराष्ट्रीय बाजारों में कीमती धातुओं की कीमतों में उछाल के बीच 14 अगस्त को राष्ट्रीय राजधानी में सोने की कीमत 300 रुपये बढ़कर 73,150 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई. वित्त वर्ष 2023-24 में भारत का सोने का आयात 30 फीसदी बढ़कर 45.54 अरब डॉलर हो गया था. स्विटजरलैंड सोने के आयात का सबसे बड़ा स्रोत है, जिसकी हिस्सेदारी लगभग 40 प्रतिशत है, इसके बाद संयुक्त अरब अमीरात (16 प्रतिशत से अधिक) और दक्षिण अफ्रीका (लगभग 10 प्रतिशत) का स्थान है. देश के कुल आयात में कीमती धातु का हिस्सा पांच प्रतिशत से अधिक है.
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FIRST PUBLISHED : August 15, 2024, 14:57 IST