कितना पैसा कमाते हैं LIC एजेंट? कंपनी ने खुद उठा दिया रहस्य से पर्दा, आप भी देख लीजिए हकीकत

LIC agent income : भारत के जीवन बीमा क्षेत्र की रीढ़ कहे जाने वाले एलआईसी एजेंटों की कमाई कितनी है, इस बात को लेकर लोग अलग-अलग कयास लगाते रहते हैं. सुनने में आता है कि कोई लाखों में कमाता है तो कोई हजारों में. परंतु सच बात केवल कंपनी ही बता सकती है, जो इन एजेंट्स को पैसा देती है. तो LIC ने एजेंट्स की सैलरी से जुड़े आंकड़ों को जगजाहिर कर दिया है. आंकड़ों को देखने पर पता चलता है कि देश के अलग-अलग राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में एसआईसी एजेंट्स की कमाई में काफी अंतर है. दिलचस्प यह है कि बीमा एजेंटों की कमाई सिर्फ उनके काम करने की क्षमता पर ही निर्भर नहीं करती, बल्कि उस राज्य या क्षेत्र की आर्थिक स्थिति और जनसंख्या जैसे अलग-अलग कारणों पर भी निर्भर करती है.

हिमाचल प्रदेश में एलआईसी एजेंटों की औसत मासिक कमाई सबसे कम है, जो करीब 10,328 रुपये है. वहीं, दूसरे छोर पर अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह में एजेंटों की औसत कमाई सबसे ज्यादा है, जो 20,446 रुपये महीने है. यह काफी छोटा नहीं, बल्कि 100 प्रतिशत का है.

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अब एक और दिलचस्प आंकड़ा यह भी है कि अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह में जहां सबसे ज्यादा कमाई होती है, वहां एलआईसी एजेंटों की संख्या भी सबसे कम है. यहां महज 273 एजेंट्स हैं, हालांकि यही कमाई बढ़ जाने की वजह भी है. दूसरी तरफ, हिमाचल प्रदेश में सबसे कम कमाई है, लेकिन यहां 12,731 एजेंट है. ज्यादा एजेंट, मतलब ज्यादा कंपीटिशन. ज्यादा कंपीटिशन मतलब कम कमाई.

देशभर में कुल कितने एजेंट?
भारत में एलआईसी एक विशाल संस्था है, जिसके देशभर में करीब 13 लाख 90 हजार एजेंट हैं. उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा 1.84 लाख से ज्यादा एलआईसी एजेंट हैं, लेकिन उनकी औसत कमाई 11,887 रुपये महीने है. महाराष्ट्र में 1.61 लाख से ज्यादा एजेंट हैं, जिनकी औसत कमाई 14,931 रुपये महीने है. पश्चिम बंगाल में 1.19 लाख एजेंट हैं और उनकी औसत कमाई 13,512 रुपये महीने है.

तमिलनाडु, कर्नाटक, राजस्थान, मध्य प्रदेश और दिल्ली-एनसीआर जैसे राज्यों में भी एलआईसी एजेंटों की संख्या अच्छी खासी है, लेकिन उनकी औसत कमाई इन तीनों राज्यों के मुकाबले थोड़ी कम है.

कमीशन से होती है कमाई
एलआईसी एजेंटों की कमाई का ढांचा भी समझना जरूरी है. ये ज्यादातर कमीशन पर काम करते हैं, यानी जितनी ज्यादा पॉलिसी बेचेंगे, उतनी ही ज्यादा कमाई होगी. इस वजह से उन्हें ग्राहकों से अच्छे संबंध बनाने की जरूरत होती है. इसके अलावा एलआईसी अपने एजेंटों को लगातार ट्रेनिंग देता है, ताकि वे नए उत्पादों और बिक्री की तकनीकों के बारे में जान सकें.

ग्रेच्युटी, पेंशन और बोनस भी
कमाई के अलावा एलआईसी एजेंटों को कई तरह के फायदे भी मिलते हैं, जैसे कि ग्रेच्युटी, पेंशन योजनाएं और बोनस. ये सभी चीजें मिलाकर एलआईसी एजेंट का काम आकर्षक बन जाता है.

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एलआईसी एजेंट बनने के पीछे एक कारण यह भी है कि उन्हें समाज में काफी सम्मान मिलता है. वे लोगों के भरोसेमंद सलाहकार बन जाते हैं, और कई बार तो परिवार की कई पीढ़ियों को बीमा कवर देते हैं. यही वजह है कि एलआईसी भारत के बीमा क्षेत्र में एक मजबूत ब्रांड बन गया है.

कैसे बनें एलआईसी का एजेंट?
एलआईसी एजेंट बनने के लिए उम्मीदवार की आयु कम से कम 18 वर्ष होनी चाहिए और 12वीं कक्षा (शहरी क्षेत्रों) या 10वीं कक्षा (ग्रामीण क्षेत्रों) पास होना अनिवार्य है. एजेंट बनने के लिए नजदीकी एलआईसी ब्रांच में विकास अधिकारी से संपर्क करना होगा. 25 घंटे का आईआरडीएआई (IRDAI) की ट्रेनिंग लेने के बाद इसकी परीक्षा पास करनी होगी. परीक्षा में सफल होने के बाद एलआईसी के साथ पंजीकरण करके कोई भी एक एजेंट के रूप में काम शुरू कर सकता है. एजेंट की कमाई कमीशन के आधार पर होती है, और अच्छे प्रदर्शन से प्रमोशन के अवसर भी मिलते हैं.

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