नई दिल्ली. अडानी ग्रुप का एक शेयर फिलहाल काफी सस्ते में मिल रहा है. जब इसका आईपीओ आया तो, तब काफी तेजी से ऊपर गया था और लोग इसे खरीदने की प्लानिंग कर रहे थे. किसी ने तो इसे भागते हुए पकड़ा लेकिन कुछ लोगों ने इंतजार करना बेहतर समझा. अभी यह शेयर अपने आईपीओ प्राइस से थोड़ा ही ऊपर मिल रहा है. इसके हाई से कम्पेयर करें तो यह लगभग 55 फीसदी नीचे है. बस यूं समझ लीजिए कि हाई के आधे से भी कम में आप इसे अपने पोर्टफोलियो में शामिल कर सकते हैं. हम बात कर हैं अडानी विल्मर के शेयर की.
अडानी ग्रुप की एफएमसीजी ब्रांच अडानी विल्मर के शेयर अपने रिकॉर्ड उच्च स्तर से 55% नीचे हैं. 8 फरवरी 2022 को 227 रुपये पर लिस्ट होने वाला यह शेयर 28 अप्रैल 2022 के दिन 878.35 रुपये के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया था, लेकिन फिलहाल 380.50 रुपये पर है. कंपनी ने वित्त वर्ष 22 में अच्छा मुनाफा (807.9 करोड़ रुपये) कमाया था, मगर उसके बाद के दो वित्त वर्षों में इसका मुनाफा कम हुआ है. वित्त वर्ष 23 में 607.2 करोड़ रुपये तो 2024 में 278.2 करोड़ रुपये ही रह गया. हालांकि वित्त वर्ष 25 में इसका अनुमानित नेट प्रॉफिट 640.2 करोड़ रहने की संभावना है.
इस गिरावट के पीछे कई कारण हो सकते हैं. वैश्विक और घरेलू बाजारों में अस्थिरता, मुद्रास्फीति और सप्लाई चेन की बाधाओं जैसी चुनौतियों ने एफएमसीजी सेक्टर पर नकारात्मक प्रभाव डाला है. इसके अलावा, अडानी ग्रुप के अन्य कारोबारों में हो रही उथल-पुथल का भी असर विल्मर के शेयरों पर पड़ा हो सकता है. कंपनी का मार्केट कैप 50,037 करोड़ रुपये है.
भारी वॉल्यूम से बड़ा इशारा, मगर आगे रेजिस्टेंस भी
29 जुलाई के बाद से ही अडानी विल्मर के शेयरों में भारी लेन-देन हो रहा है. इस बात का पता इसकी डेली वॉल्यूम से चलता है. 5 अगस्त को लगभग 35 मिलियन का वॉल्यूम ट्रेड हुआ है, जबकि उससे एक दिन पहले लगभग 27 मिलियन. आमतौर पर यह वॉल्यूम 1-2 मिलियन के बीच रह रहा था.
शॉर्ट-टर्म ट्रेडिंग रणनीति पर कमेंट करते हुए प्रभुदास लीलाधर के तकनीकी रिसर्च विश्लेषक, शिजु कूथुपलक्कल ने कहा, “शेयर ने 350 रुपये के स्तर से अच्छा सुधार किया है. वर्तमान में, यह भारी मात्रा में भागीदारी के साथ एक मजबूत उछाल दिखा रहा है. आने वाले दिनों में अगले उच्च लक्ष्य 440 रुपये और 464 रुपये तक पहुंचने के लिए शेयर को 410 रुपये के रेजिस्टेंस लेवल को पार करना होगा.”
लक्ष्मीश्री इन्वेस्टमेंट एंड सिक्योरिटीज के रिसर्च हेड अंशुल जैन ने कहा, “अडानी विल्मर वर्तमान में अपने दैनिक चार्ट पर एक मजबूत तकनीकी सेटअप प्रदर्शित कर रहा है, जिसमें 108-दिन का राउंडिंग VCP (वोलैटिलिटी कॉन्ट्रैक्शन पैटर्न) बन रहा है. इस पैटर्न को अक्सर मजबूती के तौर पर देखा जाता है, जहां संस्थागत निवेशक चुपचाप अपनी पॉजिशन बनाते हैं. 408 रुपये का महत्वपूर्ण स्तर ध्यान देने योग्य है, जहां पहले शेयर की ग्रोथ रुक गई थी. 410 रुपये के ऊपर एक वॉल्यूम के साथ ब्रेकआउट होगा तो ये शेयर 460 रुपये तक जा सकता है.
कंपनी में अडानी की कितनी हिस्सेदारी?
अडानी विल्मर लिमिटेड (AWL), अडानी ग्रुप और सिंगापुर स्थित विल्मर इंटरनेशनल के बीच 50:50 का जॉइंट वेंचर है. यह कंपनी भारत की अग्रणी एफएमसीजी कंपनियों में से एक है, जो खाने का तेल, आटा, चावल, दालें, चीनी, और अन्य रोजमर्रा के उपभोक्ता उत्पादों का प्रोडक्शन और मार्केटिंग करती है. कंपनी का प्रमुख ब्रांड ‘फॉर्च्यून’ है, जो देशभर में जाना जाता है और खाने के तेल में मार्केट लीडर है.
अडानी विल्मर भारत में खाद्य तेलों के क्षेत्र में सबसे बड़ी कंपनी है. ‘फॉर्च्यून’ ब्रांड के तहत, यह विभिन्न प्रकार के खाने के तेल जैसे रिफाइंड सोयाबीन तेल, सूरजमुखी तेल, सरसों का तेल, और बासमती चावल के क्षेत्र में प्रमुख हिस्सेदारी रखता है. कंपनी की बाजार हिस्सेदारी लगभग 20% से अधिक है, जिससे यह देश की सबसे बड़ी खाद्य तेल निर्माता कंपनी बनी हुई है.
अडानी विल्मर का पोर्टफोलियो
खाने का तेल: फॉर्च्यून के तहत रिफाइंड सोयाबीन तेल, सूरजमुखी तेल, सरसों का तेल, आदि.
आटा और चावल: कंपनी विभिन्न प्रकार के आटे और चावल का उत्पादन करती है.
दालें और चीनी: रोजमर्रा की जरूरतों के लिए विभिन्न प्रकार की दालें और चीनी भी कंपनी के पोर्टफोलियो में शामिल हैं.
बेसिक केमिकल्स: कंपनी औद्योगिक उत्पादों जैसे कैस्टर ऑयल और कैस्टर डेरिवेटिव्स का भी उत्पादन करती है.
(Disclaimer: यहां बताए गए स्टॉक्स ब्रोकरेज हाउसेज की सलाह पर आधारित हैं. यदि आप इनमें से किसी में भी पैसा लगाना चाहते हैं तो पहले सर्टिफाइड इनवेस्टमेंट एडवायजर से परामर्श कर लें. आपके किसी भी तरह के लाभ या हानि के लिए News18 जिम्मेदार नहीं होगा.)
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FIRST PUBLISHED : August 22, 2024, 16:49 IST