OPINION: क्यों फिर से रिलीज हो रही हैं 90 के दशक की फिल्में? कहीं मेकर्स का ये मास्टर प्लान तो नहीं!

कोविड के बाद से एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में कई बदलाव हुए हैं. खासकर बॉलीवुड इन दिनों काफी चुनौतियों का सामना कर रहा है. 100 में से 90 फीसदी फिल्में नहीं चल रही हैं, इसलिए कई फिल्में सिनेमाघरों तक पहुंच ही नहीं पा रही हैं. हाल ही में मैं एक फिल्म देख रहा था. यह एक छोटे बजट की फिल्म है, जिसमें अमित सियाल जैसे एक्टर लीड रोल में नजर आ रहे हैं और इस फिल्म का नाम है ‘तिकड़म’. आप इस फिल्म को जियो सिनेमा पर देख सकते हैं.

फिल्म मुझे अच्छी लगी, लेकिन सवाल उठता है कि ऐसी फिल्में सिनेमाघरों में क्यों नहीं रिलीज होतीं? जब हमारे देश में ओटीटी का चलन नहीं था, तब छोटी से छोटी फिल्में भी सिनेमाघरों में रिलीज होती थीं. ओटीटी पर मैंने एक और फिल्म देखी थी ‘महाराजा’. इस फिल्म की सबसे खास बात यह थी कि इससे आमिर खान के बेटे जुनैद खान ने फिल्मों में डेब्यू किया था. इसमें कोई शक नहीं कि फिल्म काफी अच्छी थी और यह कई दिनों तक ओटीटी पर ट्रेंड करती रही. अब यहां भी सवाल उठता है कि बॉलीवुड के सुपरस्टार के बेटे की डेब्यू फिल्म को ओटीटी पर क्यों रिलीज किया गया?

शायद आमिर या मेकर्स ऐसा नहीं चाहते होंगे कि जुनैद की पहली न चले, इस वजह से हो सकता है उन्होंने इतना बड़ा कदम उठाया कि फिल्म को सिनेमाघरों के बजाय सीधे ओटीटी पर रिलीज कर दिया. वैसे फिल्म अच्छी थी, अगर यह सिनेमाघरों में भी रिलीज होती तो बॉक्स ऑफिस पर सफल साबित होती. हम जिस ऑरिजिनल कंटेंट की बात कर रहे हैं, वो हमें महाराजा में देखते को मिलती है.

बॉलीवुड के लिए हम जिन चुनौतियों की बात कर रहे हैं, उनमें सबसे बड़ी चुनौती उनके लिए OTT है. कोविड से पहले ही हमारे देश में OTT का चलन शुरू हो गया था, लेकिन लोग सिनेमा हॉल से इस प्लेटफॉर्म पर ज्यादा नहीं आ पा रहे थे. मुझे याद है उस समय नेटफ्लिक्स और ऑल्ट बालाजी अपनी पहुंच बढ़ाने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन कोविड के बाद जब लॉकडाउन का समय आया तो OTT घर बैठे लोगों के लिए मनोरंजन का एकमात्र साधन बनकर उभरा और देखते ही देखते इसने मोबाइल से लेकर टीवी और फिर सीधे लोगों के दिलों पर राज करना शुरू कर दिया.

इस दौरान ओटीटी ने दर्शकों के सामने ऐसा कंटेंट पेश किया कि फिल्मों को लेकर लोगों की सोच बदल गई और इसमें सबसे बड़ी भूमिका निभाई वेब सीरीज ने. जब लॉकडाउन हटा और सिनेमाघर फिर से खुले तो लोगों ने ओरिजिनल कंटेंट की बात शुरू की और जो ओरिजिनल कंटेंट उन्हें चाहिए था वो कुछ साउथ फिल्मों में मिला. इसी के चलते इंडियन बॉक्स ऑफिस पर साउथ फिल्मों का दबदबा रहा. फिर कुछ बॉलीवुड फिल्में भी रहीं, जिन्हें लोगों ने खूब पसंद किया, जिसमें ‘द कश्मीर फाइल्स’ मुख्य रूप से शामिल रही.

यह सिलसिला अब तक जारी है. अगर 2024 की ही बात करें तो स्त्री 2, फाइटर, कल्कि, शैतान, क्रू, तेरी बातों में ऐसा उलझा जिया, मुंज्या, बैड न्यूज जैसी फिल्मों के अलावा और कोई भी फिल्म ज्यादा कुछ कमाल नहीं कर पाई. दरअसल, बहुत से लोग अब सिनेमाघर जाकर फिल्म देखने के बजाय स्ट्रीमिंग सर्विसेज ओटीटी पर फिल्म के रिलीज होने का इंतजार करते हैं. मेकर्स के लिए यह बहुत चुनौती है कि कैसे दर्शकों को वापस सिनेमाघरों की ओर लाएं. यही वजह है कि मेकर्स कुछ अलग करने का प्रयास कर रहे हैं. अब वह अपना मास्टर प्लान पर काम शुरू कर चुके हैं.

अब आप सोच रहे होंगे कि मेकर्स का मास्टर प्लान क्या है? आपको बता दें, इन दिनों आप सिनेमाघरों में 90 के दशक की कई हिट फिल्में देख रहे होंगे और कुछ रिलीज होने वाली हैं. मैंने प्यार किया और हम आपके हैं कौन जैसी फिल्में दोबारा रिलीज हो चुकी हैं और अब मेकर्स 30 अगस्त को 3 और पुरानी फिल्में रिलीज करने जा रहे हैं, जिनमें मुख्य रूप से रहना है तेरे दिल में, तुम्बाड और गैंग्स ऑफ वासेपुर शामिल हैं. दरअसल, मेकर्स ऐसा इसलिए कर रहे होंगे ताकि वो लोगों को वापस सिनेमाघरों तक ला सकें. अब मेकर्स इसमें कितना सफल होते हैं ये तो आना वाला वक्त ही बताएगा, लेकिन इतना तो तय है कि ओटीटी पर जा चुके दर्शकों को वापस लाना काफी मुश्किल भरा होगा.

(डिस्क्लेमर: ये लेखक के निजी विचार हैं. लेख में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता/सटीकता के प्रति लेखक स्वयं जवाबदेह है. इसके लिए News18Hindi उत्तरदायी नहीं है.)

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