आखिर भारत के आगे मजबूर हुई दुनिया! बढ़ाना पड़ा विकास दर का आंकड़ा

हाइलाइट्स

बीते वित्‍तवर्ष में भारत की विकास दर 8.6 थी. पहली तिमाही में भी विकास दर 8.2 फीसदी रही. इस साल 7.2 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है.

नई दिल्‍ली. भारत की तेज विकास दर की कायल पूरी दुनिया हो गई है. अर्थव्‍यवस्‍था की मजबूती और उसकी तेजी इतनी ज्‍यादा है कि जो रेटिंग एजेंसियां पहले इससे इनकार करती थीं, उन्‍हें भी मजबूर होकर हमारी ग्रोथ का अनुमान बढ़ाना पड़ा है. अमेरिका स्थित दुनिया की सबसे बड़ी रेटिंग एजेंसी मूडीज (Moody’s) ने गुरुवार को आंकड़े जारी कर बताया कि साल 2024 में भारत की विकास दर 7.2 फीसदी रहने का अनुमान है. पहले यह विकास दर 6.8 फीसदी रहने का अनुमान लगाया था. इसी तरह, अगले साल 2025 में भी विकास दर 6.6 फीसदी रहने का दावा किया है, जो पहले 6.4 फीसदी बताया था.

मूडीज ने अपनी रिपोर्ट में साफ कहा है कि भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाली बड़ी अर्थव्‍यवस्‍था बना रहेगा. फिलहाल इसके आसपास भी किसी अन्‍य देश की जीडीपी ग्रोथ का आंकड़ा नहीं दिख रहा. अगर देश की साइक्लिक मोमेंटम और निजी खपत बरकरार रहती है तो जीडीपी ग्रोथ में आगे भी तेजी बरकरार रहती है.

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पहली तिमाही में ही दिखा जलवा
भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था 2024 की पहली तिमाही में ही दमदार स्‍पीड से आगे बढ़ी है. जून तिमाही में विकास दर 7.8 फीसदी रही थी, जो अनुमान से भी कहीं ज्‍यादा थी. इस दौरान उद्योगों और सर्विस सेक्‍टर दोनों की ही परफॉर्मेंस दमदार रही. सर्विस पीएमआई तो 60 से भी ऊपर चली गई थी. यही कारण है कि देश की ग्रोथ में भी काफी तेजी आई.

बस महंगाई का है दबाव
रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में घरेलू खपत तेजी से बढ़ रही है, लेकिन इस पर महंगाई का ही दबाव है. आरबीआई ने महंगाई का लक्ष्‍य 4 फीसदी रखा है, जो अभी दूर की कौड़ी दिखाई देती है. ग्रामीण मांग भी बढ़ाने के लिए महंगाई को काबू में रखना होगा. अच्‍छी बात ये है कि मानूसन सीजन बेहतर होने की वजह से इस साल उपज बेहतर होने का अनुमान है. इससे ग्रामीण अर्थव्‍यवस्‍था मजबूत होगी.

पिछले वित्‍तवर्ष में गाड़े झंडे
भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था ने पिछले वित्‍तवर्ष में भी झंडे गाड़ दिए थे. राष्‍ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, पिछले वित्‍तवर्ष में भारत की विकास दर 8.4 फीसदी रही थी, जो इससे पहले के वित्‍तवर्ष में महज 7 फीसदी थी. अंतरराष्‍ट्रीय मुद्रा कोष ने भी भारत की विकास दर का आंकड़ा 20 आधार अंक बढ़ाकर 7 फीसदी कर दिया है. इसी तरह, वर्ल्‍ड बैंक ने भी 20 आधार अंक बढ़ाकर 6.6 फीसदी कर दिया है.

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