वेंटिलेटर पर है राज्य, बिजली सब्सिडी पर खर्च करेगा ₹24,000 करोड़, सीएम भगवंत मान की नींद उड़ाएगा ये बिल

नई दिल्ली. पंजाब सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष में बिजली सब्सिडी के लिए बजट में 20,200 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं. हालांकि, क्षेत्र में अधिक तापमान के कारण किसानों और घरेलू उपभोक्ताओं द्वारा बिजली की खपत बढ़ गई है. पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार आने के बाद राज्य में घरेलू उपभोक्ताओं को हर महीने 300 यूनिट बिजली मुफ्त दी जा रही है. दिलचस्प बात यह है कि अगर पंजाब की बिजली सब्सिडी इस साल 24,000 करोड़ रुपये तक पहुंच जाती है, तो यह राज्य के राजस्व घाटे से भी अधिक होगी. बजट के अनुसार, चालू वित्त वर्ष में राज्य का राजस्व घाटा 23,198 करोड़ रुपये है. अगर राज्य को बिजली सब्सिडी का भुगतान नहीं करना पड़ता, तो उसे कोई राजस्व घाटा नहीं होता.

पहले से ही कर्ज तले दबे राज्य के ऊपर अब बिजली सब्सिडी का भार भारी पड़ता दिख रहा है. सूत्रों के मुताबिक, 2023-24 में राज्य सरकार का कर्ज 3.44 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर 2024-25 में 3.74 लाख करोड़ रुपये होने का अनुमान है. पंजाब सरकार द्वारा आवंटित 20,200 करोड़ रुपये के पॉवर सब्सिडी बिल का एक बड़ा हिस्सा घरेलू उपभोक्ताओं के साथ-साथ कृषि क्षेत्र की सब्सिडी में जाएगा.

कुल बजट का 10% है बिजली सब्सिडी बिल
आश्चर्य की बात है कि पंजाब सरकार द्वारा आवंटित 20,200 करोड़ रुपये का पॉवर सब्सिडी बिल राज्य के कुल बजट (2,04,2018 करोड़ रुपये) का 10% है. इनमें कृषि क्षेत्र की सब्सिडी के लिए 9,330 करोड़, उद्योगों को मुआवजे के लिए 3,367 करोड़ और घरेलू उपभोक्ताओं के लिए 7,780 करोड़ रुपये आवंटित किये गए हैं.

सूत्रों के अनुसार, बिजली नियामक ने टैरिफ बढ़ोतरी के बाद इस वित्त वर्ष के लिए सब्सिडी को केवल 21,909 करोड़ रुपये निर्धारित किया है और सरकार को पिछली सरकार द्वारा छोड़ी गई सब्सिडी के बकाया के रूप में 1,805 करोड़ रुपये का भुगतान करना है. बकाया राशि पर 400 करोड़ रुपये का ब्याज है. सरकार से सब्सिडी मिलने के कारण बिजली खपत में भी इजाफा हुआ है, क्योंकि कई परिवारों ने 300 यूनिट मुफ्त बिजली सुनिश्चित करने के लिए नए मीटर लगवा लिए हैं. वहीं कई लोग एलपीजी के साथ-साथ बिजली से चलने वाले इंडक्शन का भी इस्तेमाल करने लगे हैं.

गर्मी के चलते बढ़ी बिजली की खपत
इस साल लंबी चली गर्मी और कमजोर मानसून ने कृषि और घरेलू उपभोक्ताओं के बीच बिजली की खपत को बढ़ा दिया है. जहां किसानों को राज्य सरकार मुफ्त बिजली दे रही है, वहीं घरेलू उपभोक्ताओं को 300 यूनिट बिजली फ्री है. पंजाब सरकार ने इस साल जून में बिजली की कीमतों में 1.5% तक की वृद्धि भी की थी. इस बढ़ोतरी के कारण सरकार को 300 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ उठाना पड़ेगा, क्योंकि 80 प्रतिशत से अधिक उपभोक्ताओं को सर्वाधिक खपत सीजन के दौरान भी 300 यूनिट मुफ्त बिजली दी जा रही है.

राज्य जीडीपी का 46% हुआ कर्ज
पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल चीमा ने मार्च 2024 में बजट पेश करते हुए बताया था कि पंजाब पर कर्ज उसकी जीडीपी का 46 प्रतिशत हो गया है. आपको बता दें कि पंजाब का सकल घरेलू उत्पाद (GDP) 8 लाख करोड़ रुपये है, जबकि राज्य पर 3.74 लाख करोड़ रुपये के कर्ज का बोझ है. चीमा ने यह भी बताया था कि सरकार इस साल 41,000 करोड़ रुपये का ताजा उधार लेगी.

इससे पहले राज्य सरकार किसानों को राज्य में 14 लाख ट्यूबवेल के लिए ही मुफ्त बिजली मुहैया कराती थी. वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान सरकार का सब्सिडी बिल 20,000 करोड़ रुपये को पार कर गया था और यह लगातार 20,000 करोड़ रुपये से ऊपर बना हुआ है.

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