नोएडा रियल एस्टेट: प्रस्ताव पर लगी मुहर तो और ज्यादा ऊंची इमारतें बनाएंगे बिल्डर, बढ़ेगा फ्लोर एरिया रेश्यो

हाइलाइट्स

नोएडा अथॉरिटी ने Building by-laws में अहम संशोधन का प्रस्ताव रखा है. यह प्रस्ताव फ्लोर एरिया रेश्यो (FAR) को बढ़ाने को लेकर है.मकसद रेवेन्यू बढ़ाना और लगातार बढ़ती शहरी आबादी के लिए जगह मुहैया कराना है.

नोएडा. नोएडा अथॉरिटी ने भवन उपनियमों (Building by-laws) में अहम संशोधन का प्रस्ताव रखा है. यदि यह प्रस्ताव स्वीकृत हो जाता है तो प्लॉट मालिक और रियल एस्टेट डेवलपर्स अधिक मंजिलें बना सकेंगे. प्रस्ताव फ्लोर एरिया रेश्यो (FAR) को बढ़ाने से जुड़ा है. इसके तहत प्लॉट्स की अलग-अलग कैटेगरीज़ भी शामिल हैं, जैसे कि इंस्टीट्यूशनल, इंडस्ट्रियल, मिक्स्ड लैंड यूज, और इंटीग्रेटेड टाउनशिप प्रोजेक्ट्स. यह बदलाव नोएडा मास्टर प्लान-2031 का हिस्सा हैं. अभी कहा ये जा रहा है कि इसका मकसद रेवेन्यू में वृद्धि करना और लगातार बढ़ती शहरी आबादी के लिए जगह मुहैया कराना है. अथॉरिटी अगले 15 दिनों तक इन बदलावों पर जनता की प्रतिक्रिया मांगेगी. अंतिम निर्णय जनता के समर्थन पर ही निर्भर करेगा और इसे राज्य सरकार के साथ साझा किया जाएगा.

फ्लोर एरिया रेश्यो (FAR) का मतलब है कि प्लॉट के कुल निर्मित एरिया और प्लॉट के क्षेत्रफल का अनुपात. FAR यह निर्धारित करता है कि प्लॉट मालिक कितनी मंजिलें बना सकते हैं और कितना हिस्सा निर्माण के लिए कवर किया जा सकता है. हिन्दुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट कहती है कि प्रस्तावित संशोधनों में महत्वपूर्ण बदलाव शामिल हैं, जैसे कि रेजिडेंशियल, इंडस्ट्रियल, और कमर्शियल प्लॉटों के लिए FAR (फ्लोर एरिया रेश्यो) बढ़ाना. 25 एकड़ या उससे अधिक के इंडस्ट्रियल प्लॉटों के लिए, मिश्रित उपयोग की अनुमति दी जाएगी, जिसमें इंडस्ट्रियल गतिविधि मुख्य कार्य के रूप में बनी रहेगी और कम से कम 75% जायज (Permissible) FAR इंडस्ट्रियल उपयोग के लिए आरक्षित रहेगा. संशोधनों में डॉर्मिटरी, कमर्शियल, और फैसिलिटी पर्पज की भी अनुमति दी गई है, जिन पर पहले प्रतिबंध था.

इंडस्ट्रियल प्लॉट्स के लिए बड़े बदलाव
25 एकड़ या उससे अधिक के इंडस्ट्रियल प्लॉट्स के लिए मिक्स्ड यूज की अनुमति दी जाएगी, जिसमें इंडस्ट्रियल गतिविधि मुख्य कार्य के रूप में बनी रहेगी और कम से कम 75% परमिसिबिल FAR इंडस्ट्रियल एक्टविटी के लिए आरक्षित रहेगा. इसके अलावा 12% FAR डॉर्मिटरी (समूह आवास) और फील्ड होस्टल्स के लिए, 8% कमर्शियल उपयोग के लिए और 5% फैसिलिटी पर्पज के लिए उपयोग किया जा सकेगा. पहले इन सुविधाओं की अनुमति नहीं थी.

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सेक्टर 145, 156, 157, 158, 159, 162, और 166 में (नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेसवे के साथ नए इंडस्ट्रियल सेक्टरों में) FAR को 2.5 से बढ़ाकर 3.5 किया जाएगा. मौजूदा इंडस्ट्रियल सेक्टरों में, 1 का अतिरिक्त खरीदा जा सकने वाला FAR प्रस्तावित है, जिससे कुल परमिसिबिल FAR 2.5 हो जाएगा, जबकि पहले यह 1.5 था.

उदाहरण के लिए, 1800 वर्ग मीटर या उससे बड़े प्लॉट पर, जो कम से कम 24 मीटर चौड़ी सड़क पर स्थित हो, FAR को 3.5 तक बढ़ाया जा सकता है, जिससे 3500 वर्ग फीट तक के छह मंजिला भवन का निर्माण संभव होगा. मास्टर प्लान 2031 ने औद्योगिक विकास के लिए 2,806 हेक्टेयर भूमि आवंटित की है, लेकिन अभी तक केवल 1,500 हेक्टेयर ही विकसित की गई है.

जनता का समर्थन नहीं मिला तो क्या?
इन परिवर्तनों से नोएडा में महत्वपूर्ण परिवर्तन आने की उम्मीद है और भविष्य में बिजनेस ग्रोथ पर इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा. हालांकि, कुछ विशेषज्ञों ने बुनियादी ढांचे, जैसे सड़कों, सीवर नेटवर्क, और जल निकासी प्रणाली पर प्रभाव को लेकर चिंता व्यक्त की है. उनका मानना है कि इन बदलाव को लागू करने से पहले अथॉरिटी को इन चुनौतियों का समाधान करना होगा.

एचटी की रिपोर्ट के मुताबिक, नोएडा प्राधिकरण के सीईओ लोकेश एम ने कहा, “प्रस्तावित बदलावों से जनसंख्या घनत्व (Population Density) में वृद्धि होगी और इसका असर यातायात और बुनियादी ढांचे पर पड़ेगा. अंतिम निर्णय जनता के समर्थन पर निर्भर करेगा.” लोकेश एम ने यह भी कहा कि यदि अधिकांश लोग इन बदलावों का विरोध करते हैं, तो निर्णय पर पुनर्विचार किया जाएगा.

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