पटना. आपने वेदांता ग्रुप (Vedanta Group) के फाउंडर और चेयरमैन अनिल अग्रवाल (Anil Agarwal) को सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए अक्सर देखा होगा. एक बिहारी सौ पर भारी वाली कहावत इन पर सटीक बैठती है. वे बिहार के सबसे अमीर शख्स माने जाते हैं. वेदांता से पहले अग्रवाल ने 9 कारोबार शुरू किए लेकिन सभी में असफलता मिली. उन्होंने हार नहीं मानी. आज उनका कारोबार देश से लेकर विदेश तक फैला है.
साल 1954 में जन्में अग्रवाल ने 20 साल की उम्र में पटना छोड़ दिया था और खाली हाथ देश की आर्थिक राजधानी मुंबई आ गए थे. अग्रवाल ने मई 2022 में ट्वीट कर बताया था कि जब उन्होंने बिहार छोड़ा था तो उनक हाथों में एक टिफिन बॉक्स और एक बिस्तरबंद और आंखों में सपने थे. साल 1970 में उन्होंने कबाड़ के कारोबार से अपने करियर की शुरुआत की थी और आज 179,813 करोड़ की कंपनी चला रहे हैं. उनकी अनुमानित कुल संपत्ति 4 अरब डॉलर (3280 करोड़ रुपये) है.
अनिल अग्रवाल ने पटना में बिताया था अपना बचपन
अग्रवाल का बचपन बिहार की राजधानी पटना में व्यतीत हुआ है. उनका जन्म 1954 में बिहार के पटना में एक मारवाड़ी परिवार में हुआ था. उनकी पढ़ाई पटना के मिलर हाई स्कूल से हुई है. अग्रवाल के पिता द्वारका प्रसाद अग्रवाल एल्युमिनियम कंडक्टर के छोटे व्यवसायी थे. अनिल अग्रवाल ने शुरुआत में अपने पिता के बिजनेस में भी हाथ बंटाया. वह अवसर तलाशने के लिए 20 साल की उम्र में मुंबई चले गए थे.
कब पहुंचे लंदन
10 दिसंबर 2003 में उन्होंने अपनी कंपनी वेदांता रिसोर्सेज की लंदन स्टॉक एक्सचेंज (LSE) पर लिस्टिंग कराई. लिस्टिंग के समय वेदांता रिसोर्सेज पीएलसी लंदन स्टॉक एक्सचेंज में लिस्ट होने वाली पहली भारतीय फर्म थी.
FIRST PUBLISHED : September 7, 2024, 16:15 IST