खेतों में ‘छिपकर’ रहती है अमेरिका की चौथी सबसे अमीर फैमिली, 157 साल से धंधे पर 100% कंट्रोल

हाइलाइट्स

2021 में कारगिल इंक के मुनाफे में 63% की बढ़ोतरी हुई.इसे फिलहाल अमेरिका की चौथी सबसे अमीर फैमिली माना जाता है. इस परिवार के कई सदस्य मोंटाना के खेतों और रैंचों में रहते हैं.

अमेरिका में खाने-पीने की शायद ही कोई ऐसी चीज होगी, जो कारगिल फैमिली के हाथों से होकर न गुजरती हो. यह फैमिली अमेरिका का 25 फीसदी अनाज और कुल मांस प्रोडक्शन के 22 फीसदी पर कब्जा रखती है. इतना ही नहीं, दुनियाभर के चॉकलेट उत्पादन का बड़ा हिस्सा इनके नियंत्रण में है. 2021 में कारगिल इंक के मुनाफे में 63% की बढ़ोतरी हुई. फैमिली ने 4.93 बिलियन डॉलर (41,000 करोड़ रुपये) का रिकॉर्ड तोड़ मुनाफा कमाया. कंपनी के 157 साल के इतिहास में इतना जबरदस्त लाभ पहले कभी हीं कमाया था. माना जाता है कि यह फैमिली इस समय अमेरिका की चौथी सबसे अमीर फैमिली है. इतना सबकुछ होते हुए भी इस परिवार के लोग कहां रहते हैं, क्या करते हैं, इस बारे बहुत कम जानकारी सार्वजनिक है. आमतौर पर इतने बड़े बिजनेस एंपायर को कंट्रोल करने वाले परिवार आए दिन सुर्खियों में रहते हैं, मगर ये परिवार खबरों से ही नहीं, दुनिया की नजरों से भी ओझल रहता है.

कहानी काफी इंट्रस्टिंग हैं, इसलिए शुरू से शुरू करते हैं. कारगिल परिवार का व्यापार 1865 में आयोवा में शुरू हुआ, जब विलियम वालेस कारगिल (William Wallace Cargill) नामक व्यक्ति ने एक अनाज भंडार खरीदा. आज अनाज भंडार एक आम बात है, लेकिन उस समय यह एक नई अवधारणा थी. उस दौर में किसान मजबूर थे कि वे अपने अनाज को बाजार मूल्य पर बेचें, भले ही उन्हें नुकसान हो. अगर वे इंतजार करते, तो उनका अनाज सड़ जाता. यहीं कारगिल परिवार ने अनाज को भंडारित करने का तरीका इजाद किया, जिससे किसान उस समय तक इंतजार कर सकते थे, जब तक उन्हें लाभ न मिले. आज, कारगिल ने उस एक छोटे से अनाज भंडार बढ़ाकर सालाना 177 बिलियन डॉलर (₹14.7 लाख करोड़) के राजस्व वाली कंपनी में बदल दिया है.

यह कंपनी कितनी बड़ी है, इसका अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि अगर ये पब्लिक होती तो फॉर्च्यून 500 कंपनियों की लिस्ट में यह 15वें स्थान पर आती. लेकिन यह प्राइवेट कंपनी है और शायद यह दुनिया की सबसे बड़ी प्राइवेट कंपनी है, जिसके अधिकतम शेयरों पर केवल इसी फैमिली का अधिकार है. एक परिवार द्वारा चलाई जाने वाली इस कंपनी में आम लोग शेयर नहीं खरीदे सकते. हालांकि कुछ योग्य कर्मचारियों को कंपनी के नियमों के अधीन शेयर मिल सकते हैं.

दूसरे विश्व युद्ध के बाद ग्लोबल हुई कंपनी
दूसरे विश्व युद्ध के बाद ‘कारगिल’ ने दुनियाभर में विस्तार करना शुरू किया. उन्होंने अर्जेंटीना में कार्यालय खोले, हाइब्रिड बीजों का व्यापार शुरू किया, फिर यूरोप तक फैल गए. इसके बाद उन्होंने एशिया में अनाज डीलरों का अधिग्रहण किया और देखते ही देखते उनका व्यापार वैश्विक हो गया. लेकिन, इस कहानी में अभी भी कई अनसुलझे सवाल हैं.

Cargill inc

विश्वास करना मुश्किल हो सकता है, लेकिन यह परिवार फूड इंडस्ट्री में हर जगह है. दरअसल, मैकडॉनल्ड्स का एक भी अंडा ऐसा नहीं है जो कारगिल के प्लांट से होकर न गुजरता हो, खासकर अमेरिका में. लेकिन अगर आप आज कारगिल इंक पर ध्यान दें, तो परिवार का कहीं कोई नामो-निशान नहीं है. वे खाने-पीने की चीजों पर इतना नियंत्रण रखते हैं… और फिर भी वे अदृश्य हैं. इसके पूर्व सीईओ ने कहा था, “बहुत सारे अमीर लोग चाहते हैं कि आपको पता चले कि वे क्या हैं और कितने मालिक हैं. लेकिन ये लोग ऐसा नहीं चाहते.” इस परिवार के कई सदस्य मोंटाना के खेतों और रैंचों में रहते हैं. 1995 के बाद से वे सीधे तौर पर ‘कारगिल इंक’ में शामिल तक नहीं हैं.

5 लाख करोड़ की चैरिटी, मगर फायदा जीरो!
इस परिवार के इतने छिपे रहने के पीछे कई षड्यंत्रकारी बातें चलन में हैं. लेकिन जितना हम जानते हैं, वे अभी भी अपनी कंपनी को निजी बनाए रखने के लिए दृढ़ हैं. यही कारण है कि जब मार्गरेट ऐन कारगिल (Margaret Anne Cargill) की मृत्यु हुई, तो इसका बड़ा असर हुआ. मार्गरेट ने मरने से पहले 6 बिलियन डॉलर (₹5 लाख करोड़) दान में दे दिए थे. यह पैसा उनके पारिवारिक बिजनेस के शेयरों से आया था – लेकिन क्योंकि कंपनी निजी थी, तो चैरिटी के लिए इन शेयरों को नकद में बदलना मुश्किल हो गया. इससे कंपनी को सार्वजनिक न किए जाने को लेकर सवाल खड़े होने लगे.

मार्गरेट ऐन कारगिल (Margaret Anne Cargill)

एक बार तो बच निकले…
फैमिली की पांचवीं पीढ़ी के कारगिल परिवार के सदस्य कंपनी के बोर्ड में शामिल थे. युवा पीढ़ी और पुरानी पीढ़ी के बीच कंपनी को पब्लिक करने को लेकर भारी दबाव था. लेकिन युवा पीढ़ी का सामना परिवार की पुरानी परंपराओं से भी हुआ. ऐसे मुद्दे तब उठते हैं, जब युवा उत्तराधिकारियों की वैल्यूज फैमिली बिजनेस के वैल्यूज़ से मेल नहीं खातीं. शायद वे कंपनी को आने वाली पीढ़ियों के लिए सुरक्षित रखने में दिलचस्पी नहीं रखते. इसका परिणाम हितों के टकराव के रूप में सामने आता है. यह समस्या तब आती है जब अगली पीढ़ी को कंपनी की जिम्मेदारी संभालने के लिए तैयार नहीं किया जाता है.

हालांकि, कारगिल परिवार ने इस बार तो खुद को कंपनी को पब्लिक करने से बचा लिया, क्योंकि इसके सीईओ ने स्पष्ट रूप से कहा है कि परिवार की कंपनी को सार्वजनिक करने की कोई योजना नहीं है. लेकिन क्या वे भविष्य में इस दबाव का सामना कर पाएंगे? यह तो समय ही बताएगा.

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