नई दिल्ली. सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (GNSS) ऑन-बोर्ड यूनिट से टोल वसूली की अधिसूचना जारी कर दी है. इसे लेकर चालकों में एक भ्रम पैदा हो रहा है कि वाहनों में लगा ऑन-बोर्ड यूनिट केवल उसी राज्य में काम करेगा, जहां से लगवाया गया है या फिर अन्य राज्यों में भी काम करेगा. इसका जवाब स्वयं सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अधिकारी दे रहे हैं.
मंत्रालय के सचिव अनुराग जैन और हाईवे टोल के संयुक्त सचिव सुमन प्रसाद सिंह ने बताया के अनुसार ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (GNSS) ऑन-बोर्ड यूनिट का काम किसी एक ऑपरेटर को नहीं दिया जाएगा. बल्कि इस काम के लिए तीन से चार ऑपरेटर होंगे, जिससे किसी एक ऑपरेटर की मोनोपोली न हो. इसके अलावा ज्यादा ऑपरेटर होने से एक्यूरेसी होगी. जो एक से संभव नहीं था.
पूरे देश में करेगा काम
इसके इसका सबसे बड़ा फायदा होगा कि किसी एक राज्य में लगवाया गया ऑन बोर्ड यूनिट दूसरे राज्य में भी काम करेगा. इस तरह भी समझा जा सकता है कि दिल्ली में लगवाया गया ऑन-बोर्ड यूनिट दिल्ली-मुंबई के साथ बेंगलुरू मैसूर एक्सप्रेसवे पर भी काम करेगा. इस तरह देश के किसी भी कोने के हाईवे में यह काम करेगा. वाहन चालक किसी भी राज्य से आन बोर्ड यूनिट लगवा सकते हैं.
अगले माह तय होंगे ऑपरेटर
ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम कब से शुरू होगा, इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि इसकी प्रक्रिया जल्द शुरू होगी. नोटिफिकेशन के लिए एक माह का समय तय किया गया है. इसके बाद ऑपरेटर तय किए जाएंगे. फिर करीब पांच हाईवे पर पायलट प्रोजेक्ट के रूप में इसको शुरू किया जाएगा.
वाहन चालकों को फायदा
इसका फायदा वाहन चालकों. वे जितने किमी. सफर करेंगे, उतने का भुगतान करना होगा. अभी टोल तय पूरी के अंतराल में होते हैं. वाहन चालक को बाहर निकलने के लिए टोल प्लाजा तक जाना होता है. इसके बाद वो एक्सप्रेसवे से बाहर निकलता है. लेकिन ऑन बोर्ड यूनिट लगने के बाद कहीं भी उतर सकता है.
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FIRST PUBLISHED : September 17, 2024, 07:31 IST