नई दिल्ली. टाटा समूह की सबसे पुरानी सहयोगी कंपनी और देश के बड़े औद्योगिक परिवार ने एक बार फिर विरोध के स्वर उठाए हैं. टाटा संस की सालाना आम सभा यानी एजीएम में समूह के सामने सवाल उठाए हैं कि आखिर टाटा संस अपना आईपीओ लाने से पीछे क्यों हट रही है. समूह का आईपीओ लाने के बाद उसे निवेश लाने के साथ अपने छोटे निवेशकों को फायदा पहुंचाने में भी मदद मिलेगी. हालांकि, पुराने सहयोगी ने टाटा संस के चेयरमैन की सराहना भी की है.
आपको बता दें कि टाटा संस के आईपीओ का मामला पिछले 3 साल से उसका पीछा नहीं छोड़ रहा है. सोमवार को कंपनी की वार्षिक आम सभा यानी एजीएम में एक बार फिर इसके शेयरधारक शापूर जी पलोन जी समूह ने आईपीओ लाने की मांग की. साथ ही, इसने टाटा समूह को बढ़ाने के लिए टाटा संस के चेयरमैन की सराहना भी की. आपको याद दिला दें कि एसपी समूह के अगुवा रहे साइरस मिस्त्री को टाटा संस के चेयरमैन पद से हटाने पर भी दोनों औद्योगिक घरानों में लंबा विवाद चला था.
क्या बोला शापूरजी समूह
सूत्रों के मुताबिक, टाटा संस में 18 फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी रखने वाले शापूरजी पलोनजी (एसपी समहू) ने टाटा संस के चेयरमैन एन चंद्रशेखरन के नेतृत्व की सराहना की. टाटा संस का कर पूर्व लाभ 30,024 करोड़ रुपये से बढ़कर 39,813 करोड़ रुपये हो गया है. साथ ही एसपी ग्रुप ने कंपनी के लिए और अधिक वित्तीय लाभ हासिल करने के लिए टाटा संस की आईपीओ लिस्टिंग की भी वकालत की. दोनों कंपनियों के एक करीबी सूत्र ने बताया कि एसपी ग्रुप ने एजीएम में कहा कि बाजार में लिस्टिंग से टाटा संस को अगले पांच वर्षों में 90 अरब डॉलर का निवेश प्राप्त करने के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने के लिए पर्याप्त पूंजी तक पहुंच मिलेगी.
क्यों लाना जरूरी है आईपीओ
टाटा संस को स्केल बेस्ड रेगुलेटरी फ्रेमवर्क (एसबीआरएफ) के तहत सितंबर 2022 में एक अपर लेयर एनबीएफसी के रूप में वर्गीकृत किया गया था. इस आधार पर उसे सितंबर 2025 तक शेयर बाजार में लिस्ट होना जरूरी है. हालांकि, टाटा संस की ओर से लिस्टिंग से बचने के प्रयास किए गए हैं. इसमें पंजीकरण प्रमाणपत्र के स्वैच्छिक समर्पण के लिए आरबीआई को उनका आवेदन करना भी शामिल है.
एसपी समूह ने शुरू किया विरोध
सूत्रों के अनुसार, एसपी ग्रुप ने नियामक लिस्टिंग से बचने के लिए बोर्ड के किसी भी प्रयास पर अपना विरोध दर्ज कराया है. उन्होंने जोर देकर कहा कि लिस्टिंग से ट्रस्टों सहित सभी शेयरधारकों के लिए मूल्य और तरलता अनलॉक होगी, जबकि उन लाखों शेयरधारकों को लाभ होगा जिन्होंने कंपनी में धैर्यपूर्वक निवेश किया है. आपको बता दें कि इस साल की शुरुआत में कोटक सिक्योरिटीज ने बताया था कि टाटा संस आईपीओ के जरिये 55,000 करोड़ रुपये जुटा सकता है. बाजार विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि टाटा संस का आईपीओ इसकी वित्तीय स्थिति को मजबूत कर सकता है.
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FIRST PUBLISHED : September 18, 2024, 12:47 IST