सड़कें क्षतिग्रस्त होने और गड्ढों से लोगों को दिक्कत हो रही है. एनएचएआई पर आरोप है कि वो नेशनल हाईवेज की अनदेखी कर रहा है. अब एनएचएआई ने हाईवेज की मरम्मत के लिए पुख्ता प्रबंध किए हैं.
नई दिल्ली. देशभर में कई एक्सप्रेसवे बनाकर वाहवाही लूट रहे नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) पर पिछले कुछ समय से राष्ट्रीय राजमार्गों यानी नेशनल हाईवेज की अनदेखी करने का आरोप लग रहे हैं. बहुत से लोग सोशल मीडिया पर देश के नेशनल हाईवेज की टूटी सड़कों, गड्ढों और खराब क्षतिग्रस्त साइन बोर्ड्स की फोटो शेयर कर आरोप लगा रहे हैं कि एनएचएआई को आम आदमी की चिंता नहीं है. यही वजह है कि वह राष्ट्रीय राजमार्गों की ओर ध्यान नहीं दे रहा है. सड़कें क्षतिग्रस्त होने, गड्ढों और खराब साइनबोर्ड की बढ़ती घटनाओं पर हो रही आलोचनाओं को देखते हुए अब एनएचएआई ने राष्ट्रीय राजमार्गों को चकाचक करने के लिए बड़ा कदम उठाया है.
हाल ही में एनएचएआई ने 37,000 किलोमीटर लंबे राष्ट्रीय राजमार्गों का निरीक्षण किया तो उसे 12,795 खामियां मिलीं. इनमें गड्ढे, क्षतिग्रस्त सड़कें, खराब क्रैश बैरियर और साइनबोर्ड शामिल थे. अब तक इनमें से लगभग 68% (8,900) खामियों को ठीक किया जा चुका है. कई मामलों में NHAI ने ठेकेदारों पर जुर्माना भी लगाया है. अब अथॉरिटी ने हाईवेज की जांच को सालभर चलने वाली प्रक्रिया बना लिया है और अपने ऑनलाइन रिपोर्टिंग सिस्टम को भी मजबूत बना रहा है. इस पहल के तहत ठेकेदारों को सड़क मरम्मत के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार ठहराया जा रहा है.
इन हाउस ऐप की ले रहा मदद
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, NHAI के एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि सड़क की स्थिति और मरम्मत कार्य की प्रगति की जांच के लिए एक इन-हाउस मोबाइल ऐप का इस्तेमाल किया जा रहा है. इस ऐप के माध्यम से ठेकेदारों को खराब रखरखाव के लिए जवाबदेह ठहराया जा रहा है. NHAI ने यह भी निर्णय लिया है कि राजमार्ग गश्ती वैन में तैनात कर्मी किसी भी सड़क क्षति या अन्य समस्याओं की जानकारी इस ऐप के माध्यम से तुरंत रिपोर्ट करेंगे, जिससे समय पर कार्रवाई हो सके.
अधिकारी ने बताया, “जैसे ही किसी खराबी की सूचना दी जाती है, ठेकेदार की टीम को ऐप के माध्यम से तत्काल सूचना भेजी जाती है. वे दोष का स्थान, फोटो और अन्य विवरण देख सकते हैं. प्रत्येक दोष के लिए सुधार की संविदात्मक समय सीमा के आधार पर एक लाइव काउंटडाउन टाइमर होता है. ठेकेदार द्वारा सुधार की सूचना मिलने के बाद, इसकी पुष्टि की जाती है और उसके बाद ही इसे बंद किया जाता है.”
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FIRST PUBLISHED : September 22, 2024, 10:02 IST