एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने भारत का ग्रोथ रेट अनुमान 6.8% पर बरकरार रखा.एजेंसी ने कहा RBI अक्टूबर की पॉलिसी में ब्याज दरों में कटौती शुरू करेगा.आरबीआई चालू वित्त वर्ष में दो बार दरों में कटौती की योजना बनाएगा.
नई दिल्ली. देश में पिछले 4 सालों से लगातार बैंकों में ब्याज दरें ऊंची बनी हुई हैं. हालांकि, बचत योजनाओं में तो लोगों को फायदा हो रहा है लेकिन लोन लेने वाले ग्राहकों को ज्यादा ब्याज चुकाना पड़ रहा है. अमेरिका में इंटरेस्ट रेट में कटौती का सिलसिला शुरू हो गया है और अब भारत में भी अक्टूबर से इसकी शुरुआत होने की संभावना है. इस बीच एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने कहा कि उसे उम्मीद है कि आरबीआई अपनी अक्टूबर की मौद्रिक नीति समीक्षा में ब्याज दरों में कटौती शुरू कर देगा. एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने चालू वित्त वर्ष 2024-25 के लिए भारत का वृद्धि अनुमान 6.8 प्रतिशत पर बरकरार रखा. एजेंसी ने कहा कि भारत में ठोस वृद्धि से भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) मुद्रास्फीति को अपने लक्ष्य के अनुरूप लाने पर ध्यान केंद्रित कर सकेगा.
ब्याज दरों में कितनी कटौती संभव
भारत में महंगाई कंट्रोल में है, शेयर बाजार में भी जबरदस्त तेजी जारी है और अर्थव्यवस्था की स्थिति भी मजबूत बनी हुई है. ऐसे में आरबीआई ब्याज दरों में कटौती की शुरुआत कर सकता है. ऐसे में स्टॉक मार्केट, खासकर बैंकिंग शेयरों में अच्छी तेजी देखने को मिल सकती है. रेटिंग एजेंसी ने कहा, ‘‘ भारत में अप्रैल-जून तिमाही में उच्च ब्याज दरों ने शहरी मांग को प्रभावित किया और सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर धीमी रही. हालांकि, यह समूचे वित्त वर्ष 2024-25 के लिए हमारे सकल घरेलू उत्पाद के 6.8 प्रतिशत की दर के अनुमान के अनुरूप है.’’
इससे पिछले वित्त वर्ष 2023-24 में भारतीय अर्थव्यवस्था 8.2 प्रतिशत की दर से बढ़ी थी. एसएंडपी ने कहा, ‘‘ हमारा परिदृश्य यथावत बना हुआ है. हम उम्मीद करते हैं कि आरबीआई जल्द से जल्द अक्टूबर में दरों में कटौती शुरू कर देगा और चालू वित्त वर्ष (मार्च 2025 में समाप्त होने वाले) में दो बार दरों में कटौती की योजना बनाएगा.’’ एसएंडपी का अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष में मुद्रास्फीति औसतन 4.5 प्रतिशत रहेगी.
सरकार ने आरबीआई को मुद्रास्फीति को दोनों तरफ दो प्रतिशत घट-बढ़ के साथ चार प्रतिशत पर रखने का लक्ष्य दिया है. आरबीआई की ब्याज दर निर्धारित करने वाली मौद्रिक नीति समिति की बैठक सात से नौ अक्टूबर को होने वाली है.
मुद्रास्फीति को नियंत्रण में रखने के लिए केंद्रीय बैंक ने फरवरी 2023 से नीतिगत दर को 6.5 प्रतिशत पर यथावत रखा है. अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने भी अपनी नीतिगत ब्याज दर में 0.50 प्रतिशत की कटौती की है. इसके बाद आरबीआई के अगले महीने इसमें 0.25 प्रतिशत की कटौती करने की उम्मीद है.
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FIRST PUBLISHED : September 24, 2024, 12:09 IST