नई दिल्ली. सेबी की एक रिपोर्ट इन दिनों खूब चर्चा में है. इस रिपोर्ट को समझने के बाद ‘समझदार लोग’ तो डेरिवेटिव ट्रेडिंग से दूरी बना ही लेंगे. इस रिपोर्ट में बताया गया है कि किस तरह के ट्रेडर ने एक साल में कितना नुकसान उठाया है, और किन्होंने कितना प्रॉफिट लिया है. जाहिर है, लॉस तो केवल छोटे अथवा रिटेल ट्रेडर्स का हुआ है, जो कम पूंजी लेकर आते हैं और ऑप्शन खरीदकर रातों-रात करोड़पति हो जाने का ख्वाब देखते हैं. कमाने वालों में वही विदेशी निवेशक और ऑपरेटर हैं, जिनके पास बहुत ज्यादा पूंजी होती है. सेबी की यही रिपोर्ट एक और सच को सामने रखती है. वह यह कि शेयर बाजार और खासकर डेरिवेटिव ट्रेडिंग में लड़कियां, लड़कों के मुकाबले ज्यादा समझदार हैं और वे कम लॉस करती हैं. आपको शायद इस बात पर यकीन न हो, इसलिए एक नजर आंकड़ों पर डाल लें.
ध्यान रहे कि हम यहां लॉन्ग टर्म निवेश की बात नहीं करके, केवल ट्रेडिंग की बात कर रह हैं. खासकर फ्यूचर्स एंड ऑप्शन्स (F&O) ट्रेडिंग में महिलाओं की भागीदारी बढ़ी है. सेबी के सर्वे के मुताबिक, इस ‘आग के दरिया’ में महिलाओं ने पुरुषों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया है. महिलाओं ने अपनी सूझबूझ और समझदारी से पुरुषों के मुकाबले कम नुकसान उठाया है. पिछले दो दशकों में, भारत दुनिया के सबसे बड़े और लिक्विड डेरिवेटिव बाजारों में से एक बनकर उभरा है. इसका मुख्य कारण खुदरा निवेशकों की बढ़ती भागीदारी है. एक आश्चर्यजनक पहलू यह है कि इक्विटी डेरिवेटिव्स सेगमेंट में महिला ट्रेडर्स की भागीदारी तेजी से बढ़ी है, और इसके परिणाम भी काफी चौंकाने वाले हैं.
महिलाओं का प्रदर्शन पुरुषों से बेहतर
वित्तीय वर्ष 2021-22 में F&O ट्रेडिंग में महिलाओं की भागीदारी 14.9% से घटकर 2023-24 में 13.7% रह गई, फिर भी महिलाओं ने अपेक्षाकृत कम नुकसान झेला. SEBI की रिपोर्ट के मुताबिक, 2023-24 में 91.9% पुरुषों ने F&O ट्रेडिंग में नुकसान उठाया, जबकि 86.3% महिलाएं ही घाटे में रहीं. इसे दूसरे शब्दों में कहा जा सकता है कि, केवल 8.1 फीसदी पुरुषों ने मुनाफा कमाया, जबकि लगभग 14 प्रतिशत महिलाएं पैसा बनाने में कामयाब रहीं.
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महिला ट्रेडर्स ने औसतन 75,973 रुपये (INR) का नुकसान दर्ज किया, जो कि पुरुष ट्रेडर्स के औसत नुकसान 88,804 रुपये (INR) से कम है. महिलाओं का यह प्रदर्शन दर्शाता है कि वे मार्केट के उतार-चढ़ाव में अधिक सूझबूझ से काम करती हैं और अपनी रणनीतियों को सही समय पर लागू करती हैं.
F&O ट्रेडिंग की कड़वी सच्चाई
SEBI के सर्वेक्षण में यह भी खुलासा हुआ कि F&O ट्रेडिंग काफी कठोर है. 100 में से 90 से अधिक ट्रेडर्स को नुकसान उठाना पड़ता है. पिछले तीन सालों में F&O ट्रेडर्स द्वारा कुल 1.8 लाख करोड़ रुपये (INR) का नुकसान दर्ज किया गया, जिसने 1 करोड़ से अधिक व्यक्तिगत ट्रेडर्स को प्रभावित किया. इन ट्रेडर्स का औसत नुकसान 2 लाख रुपये (INR) प्रति व्यक्ति था.
टॉप 3.5% नुकसान उठाने वाले ट्रेडर्स (लगभग 4 लाख ट्रेडर्स) ने औसतन 28 लाख रुपये (INR) प्रति व्यक्ति का नुकसान उठाया. यह आंकड़े F&O ट्रेडिंग में होने वाले संभावित नुकसान की गंभीरता को दर्शाते हैं.
यदि मुनाफे की बात करें, तो केवल 1% ट्रेडर्स ही ऐसे थे, जिन्होंने लेन-देन लागतों के बाद 1 लाख रुपये (INR) से अधिक का मुनाफा कमाया. यह आंकड़ा दर्शाता है कि F&O मार्केट में ट्रेडिंग करना कितना चुनौतीपूर्ण हो सकता है. मुनाफा कमाने के लिए यहां काफी समझदारी और सावधानी की जरूरत होती है.
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FIRST PUBLISHED : September 25, 2024, 18:11 IST