15 साल की उम्र में 300 रुपये लेकर घर से निकली थी ये लड़की, डोर-टू-डोर जाकर की सेल्समैनी, आज करोड़पति

हाइलाइट्स

एक सेल्सगर्ल के रूप में काम करते हुए सिर्फ 20 रुपये प्रतिदिन की कमाई की.घर-घर जाकर कोस्टर सेट और कटलरी बेचने का काम भी किया. रुबन्स एक्सेसरीज़ (Rubans Accessories) नाम से एक ज्वेलरी ब्रांड की शुरुआत की.

Success Story: यह कहानी है ऐसी महिला की, जिसने सिर्फ 15 साल की उम्र में अपना घर छोड़ दिया था. अपने जीवन के सबसे कठिन दौर में उसने महज़ 20 रुपये प्रति दिन कमाकर अपना गुजारा किया. आज वही लड़की करोड़पति है, एक सफल बिजनेसवूमन के तौर पर उसकी एक पहचान है. उसकी मेहनत, संघर्ष, और दृढ़ निश्चय ने उसे इस मुकाम तक पहुंचाया है. आज वह BMW जैसी महंगी और लग्जरी गाड़ी में चलती है. इस महिला के प्रेरणादायक सफर में आपको उन छोटे-छोटे कदमों के किस्से हैं, जिन्होंने उनकी पूरी कहानी को दिलचस्प बना दिया है. चलिए जानते हैं एक गरीब-सी लड़की कैसे करोड़पति बन गई.

जिस महिला की बात हम कर रहे हैं, उनका नाम चीनू काला है. एक वेबसाइट विकीटिया के अनुसार, वे 10 अक्टूबर 1981 को राजस्थान में जन्मी थीं. इस हिसाब से उनकी आयु फिलहाल 43 साल की है. चीनू काला का जीवन संघर्षों और साहस की मिसाल है. छोटी-सी उम्र में घर छोड़कर वह एक नए सफर पर निकल गई. जाहिर है घर छोड़ते समय उसके पास कुछ भी नहीं था. शुरुआत में गुजारा करने के लिए उसने एक सेल्सगर्ल के रूप में काम करते हुए सिर्फ 20 रुपये प्रतिदिन की कमाई की. हालांकि, कठिन परिस्थितियों ने उसकी हिम्मत को कमजोर नहीं किया, बल्कि उसकी मेहनत और दृढ़ संकल्प ने उसे आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया.

शुरुआती संघर्ष और बिजनेस की शुरुआत
चीनू काला ने अपना गुजारा चलाने के लिए वेट्रेस, रिसेप्शनिस्ट और यहां तक ​​कि घर-घर जाकर कोस्टर सेट और कटलरी बेचने का काम भी किया. कुछ समय बाद वह एक कपड़ों की दुकान में काम करने लगी, जहां उसने ग्राहकों के व्यवहार और बेहतरीन सेवा देने के महत्व के बारे में सीधे तौर पर सीखा.

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चीनू का सफर सिर्फ सेल्सगर्ल तक सीमित नहीं रहा. अपनी कड़ी मेहनत के बल पर, उन्होंने रुबन्स एक्सेसरीज़ (Rubans Accessories) नाम से एक ज्वेलरी ब्रांड की शुरुआत की, जिसमें उन्होंने सिर्फ 3 लाख रुपये का निवेश किया था. यह ब्रांड आज 100 करोड़ रुपये का है. उनका पहला कदम एक छोटे से किओस्क से शुरू हुआ, जो 2018 तक पांच किओस्क में बदल गया.

कोविड-19 के बाद बदल गया बिजनेस
COVID-19 महामारी ने उनके बिजनेस के लिए एक अप्रत्याशित अवसर पैदा किया, जहां ऑनलाइन ज्वेलरी की बिक्री में तेजी आई. चीनू ने इस मौके को बखूबी पहचाना और इसका लाभ उठाते हुए अपने बिजनेस को और बड़ा किया. आज उनके पास एक लग्जरी घर और BMW 5 सीरीज़ की कार है. सफल जरूर हुईं है, मगर उनके काम के प्रति लगन और समर्पण में कोई कमी नहीं आई.

शार्क टैंक बना टर्निंग पॉइन्ट
उनके बिजनेस का टर्निंग पॉइंट तब आया, जब उन्होंने शार्क टैंक पर हिस्सा लिया और निवेशकों से 1.5 करोड़ रुपये की फंडिंग हासिल की. इस निवेश ने न सिर्फ उनकी ब्रांड वैल्यू को बढ़ाया, बल्कि उनकी पहचान को भी और मजबूती दी. वित्तीय वर्ष 2022 में उनकी कंपनी ने 51 करोड़ रुपये की बिक्री की, और उनका ग्राहक लौटने का दर 30% तक रहा.

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चीनू काला जब शार्क टैंक इंडिया में पहुंची तो उनकी कंपनी की वैल्यूएशन 100 करोड़ रुपये आंकी गई. बेंगलुरु स्थित इस कंपनी को अपने 1 फीसदी स्टेक के लिए 1 करोड़ रुपये का निवेश मिला और 12 फीसदी ब्याज पर 50 लाख रुपये अतिरिक्त भी दिए गए थे.

नमिता, विनीता और अमन गुप्ता ने लगाया पैसा
रूबन्स को एमक्योर फार्मास्यूटिकल्स की कार्यकारी निदेशक नमिता थापर, शुगर कॉस्मेटिक्स की को-फाउंडर विनीता सिंह और बोट लाइफस्टाइल के को-फाउंडर अमन गुप्ता से निवेश हासिल हुआ. रूबन्स की फाउंडर चीनू काला ने तब कहा था, “अमन, नमिता और विनीता से हमें जो निवेश और मार्गदर्शन मिला है, उससे हमें रूबन्स को वैश्विक स्तर पर ले जाने में मदद मिलेगी. हमारी शुरुआत हालांकि बहुत साधारण थी, लेकिन हमारे लक्ष्य महत्वाकांक्षी हैं और हमें यकीन है कि हम आने वाले वर्षों में अपनी 1000 करोड़ रुपये की बिक्री हासिल कर लेंगे.”

बता दें कि रूबन्स को 2007 में लॉन्च किया गया था और इसने बेंगलुरु, कोच्चि और हैदराबाद में 6 खुदरा स्टोर खोले. आज, कंपनी ने 100% ऑनलाइन ई-कॉमर्स बिक्री में बदलाव किया है, जो Myntra, Flipkart और अपनी खुद की वेबसाइट www.rubans.in सहित पोर्टलों पर बिक्री करती है.

कौन हैं चीनू काला के पति?
उन्होंने 2004 में अमित नाम एक शख्स से शादी की थी. अमित ने एमबीए किया हुआ था, तो चीनू को बिजनेस आगे बढ़ाने में उन्होंने काफी मदद की. अमित के साथ से ही उन्हें एक रणनीति के तहत जोखिम उठाने का साहस मिला और वे लगातार आगे बढ़ती रहीं. 2004 में शादी के बाद चीनू काला बेंगलुरु चली गईं थीं.

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