नई दिल्ली. वोडाफोन आइडिया लिमिटेड के शेयरों में सितंबर में भारी गिरावट दर्ज की गई, जिसमें कंपनी के शेयर 33 प्रतिशत तक टूट गए. यह अक्टूबर 2019 के बाद सबसे बड़ी गिरावट है, जिसके कारण कंपनी का बाजार पूंजीकरण 34,000 करोड़ रुपये से अधिक घट गया. 30 सितंबर को कंपनी के शेयर 10.36 रुपये प्रति शेयर पर बंद हुए, जबकि महीने की शुरुआत में यह 15.64 रुपये प्रति शेयर थे. इस गिरावट के साथ, वोडाफोन आइडिया का बाजार पूंजीकरण 1.06 लाख करोड़ रुपये से गिरकर 72,000 करोड़ रुपये पर पहुंच गया.
शेयरों में इस गिरावट का मुख्य कारण सुप्रीम कोर्ट द्वारा एजीआर (एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू) बकाया के रीकैल्कुलेशन के लिए दूरसंचार कंपनियों की याचिका को खारिज करना रहा. वोडाफोन आइडिया ने इस मामले में तीन प्रमुख राहत मांगी थी: गणना में हुई गलतियों को ठीक करना, पेनल्टी को 50% तक सीमित करना और पेनल्टी पर ब्याज दर को एसबीआई की प्रधान उधार दर से 2% ऊपर तक सीमित करना.
आर्थिक संकट और बढ़ते घाटे की संभावना
IIFL सिक्योरिटीज की रिपोर्ट के अनुसार, कोर्ट से राहत न मिलने के कारण वोडाफोन आइडिया की कैश फ्लो की समस्याएं और बढ़ सकती हैं. इसके विपरीत, भारती एयरटेल को इस फैसले से लाभ हो सकता है, क्योंकि इससे उसे बाजार हिस्सेदारी में वृद्धि का मौका मिल सकता है. लेकिन वोडाफोन आइडिया के लिए भविष्य में कर्ज जुटाने की संभावनाएं अनिश्चित हो गई हैं, जो कंपनी के कैपिटल एक्सपेंडिचर के लिए बेहद जरूरी है.
गोल्डमैन सैक्स की रिपोर्ट और शेयर के भाव
6 सितंबर को, गोल्डमैन सैक्स ने वोडाफोन आइडिया पर अपने नकारात्मक दृष्टिकोण को बरकरार रखा था. उन्होंने कहा था कि भले ही कंपनी ने हाल में पूंजी जुटाई हो लेकिन कंपनी की बाजार हिस्सेदारी लगातार घट रही है. गोल्डमैन ने अनुमान लगाया कि अगले 3-4 वर्षों में वोडाफोन आइडिया की बाजार हिस्सेदारी 300 आधार अंकों (3 परसेंट) तक गिर सकती है. इसके अलावा, कंपनी के प्रतिस्पर्धियों के पूंजीगत खर्च (कैपेक्स) में उससे 50% तक अधिक निवेश किया जा सकता है. हालांकि, अगर सकारात्मक परिदृश्य देखा जाए, जहां एजीआर बकाया 65% तक कम हो जाए, टैरिफ में लगातार वृद्धि हो और सरकार से कोई निकट भविष्य में भुगतान का दबाव न हो, तो वोडाफोन आइडिया के शेयर की कीमत 19 रुपये तक पहुंच सकती है.
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FIRST PUBLISHED : October 1, 2024, 22:09 IST