मुंबई. देश में गोल्ड लोन का चलन तेजी से बढ़ा है और बैंक व गोल्ड फाइनेंस कंपनियां धड़ाधड़ लोन बांट रही हैं. इस ट्रेंड से भारतीय रिजर्व बैंक परेशान नजर आ रहा है. फाइनेंशियल इंडस्ट्री डेवलपमेंट काउंसिल के आंकड़ों से पता चला है कि FY25 की पहली तिमाही में गोल्ड लोन में साल-दर-साल 26% और मार्च तिमाही में 32% की वृद्धि हुई. गोल्ड लोन की यह रकम 79,217 करोड़ रुपये है. गोल्ड लोन में यह बढ़ोतरी सिर्फ इसी तिमाही में नहीं बल्कि कई तिमाहियों से लगातार हो रही है. अप्रैल-जून 2023 तिमाही के दौरान यह वृद्धि 10% थी. हैरानी की बात है कि गोल्ड लोन सेक्टर में कड़े कॉम्पिटिशन के बावजूद इतनी तेज ग्रोथ देखने को मिल रही है. अगस्त 2024 के लिए बैंक क्रेडिट पर आरबीआई के सेक्टोरल आंकड़ों के अनुसार, गोल्ड लोन साल-दर-साल लगभग 41% बढ़कर 1.4 लाख करोड़ रुपये हो गया है.
गोल्ड लोन पर RBI की परेशानी की वजह
गोल्ड लोन के बढ़ते डिसबर्समेंट को लेकर आरबीआई की चिंता की बड़ी वजह बैड लोन का खतरा है. क्योंकि, गोल्ड लोन में रिकॉर्ड वृद्धि को देखते हुए आरबीआई ने कड़ा कदम उठाते हुए बैंकों को अपनी लोन बुक पर बेड लोन के बुरे असर बचने के लिए इन लोन के अकाउंटिंग गैप को ठीक करने के लिए कहा है. क्योंकि यह बेड लोन की संभावना के लिए बड़ा ट्रिगर माना जाता है.
RBI का अल्टीमेटम
आरबीआई ने गोल्ड लोन को लेकर बैंकों और फाइनेंस कंपनियों को अपनी पॉलिसी में सुधार करने के लिए 3 महीने का अल्टीमेटम दिया है. इसके अलावा रिजर्व बैंक सभी वित्तीय संस्थाओं से बेड लोन को छिपाने समेत अनियमित तौर-तरीकों को उजागर करने को कहा है, और अपनी लोन पॉलिसी में किसी भी गैप की पहचान करने व कमियों को खत्म करने की अपील की है.
दरअसल गोल्ड लोन को लेकर आरबीआई को जांच के दौरान लोन ऑपरेशन कई अनियमितताएं मिली थीं. इसमें यह पाया गया कि नए मूल्यांकन के बिना टॉप-अप लोन का इस्तेमाल और आंशिक भुगतान के बाद भी लोन दिया जा रहा है.
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FIRST PUBLISHED : October 3, 2024, 10:25 IST