भारत को मिली ऐसी उपलब्धि जो अमेरिका के पास भी नहीं, सिर्फ 3 देश हैं आगे

हाइलाइट्स

भारत का विदेशी मुद्रा भंडार पहली बार 700 अरब डॉलर पहुंचा. पिछले सप्‍ताह आरबीआई ने 12 अरब डॉलर से ज्‍यादा बढ़ोतरी की. फॉरेक्‍स रिजर्व के मामले में भारत अब दुनिया में 4 पायदान पर है.

नई दिल्‍ली. किसी भी देश की अर्थव्‍यवस्‍था की स्‍टेबिलिटी में उसके विदेशी मुद्रा भंडार का बड़ा रोल होता है. इस लिहाज से देखा जाए तो भारत ने ऐसी उपलब्धि हासिल की है, जो अमेरिका के पास भी नहीं है. रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को आंकड़ा जारी कर बताया कि देश का विदेशी मुद्रा भंडार पहली बार 700 अरब डॉलर को पार कर गया है, जो दुनिया में चौथे पायदान पर है. अब भारत से आगे सिर्फ चीन, जापान और स्विट्जरलैंड ही हैं. अमेरिका भी इस मामले में भारत से पीछे है.

आरबीआई के अनुसार, डॉलर के मुकाबले रुपये में आई मजबूती ने फॉरेक्‍स रिजर्व को बढ़ा दिया. 27 सितंबर को समाप्‍त सप्‍ताह में हमारा विदेशी मुद्रा भंडार 12.58 अरब डॉलर बढ़कर पहली बार 700 के पार पहुंचा और 704.88 अरब डॉलर हो गया है. इसका मतलब है कि चीन, जापान और स्विट्जरलैंड के बाद भारत इस मामले में चौथे पायदान पर पहुंच गया है. विदेशी मुद्रा भंडार में जुलाई, 2023 के बाद किसी सप्‍ताह में सबसे अधिक उछाल आया है.

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मार्च से अब तक बंपर इजाफा
देश के विदेशी मुद्रा भंडार में चालू वित्‍तवर्ष में जबरदस्‍त इजाफा हुआ है. आरबीआई ने बताया कि मार्च, 2024 के बाद से अब तक फॉरेक्‍स रिजर्व 83.50 अरब डॉलर बढ़ चुका है. इससे पहले के सप्‍ताह में विदेशी मुद्रा भंडार में 2.83 अरब डॉलर का इजाफा हुआ था. अगर 2024 में जनवरी से अब तक का आंकड़ा देखें तो इसमें 87.6 अरब डॉलर की बढ़ोतरी हुई है. यह पिछले 2023 के पूरे साल में हुई 62 अरब डॉलर की बढ़ोतरी से कहीं ज्‍यादा है.

आरबीआई ने जमकर खरीदा सोना
भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में सबसे ज्‍यादा हिस्‍सेदारी डॉलर जैसी विदेशी मुद्रा की रहती है, जो कुल भंडार का 616.15 अरब डॉलर पहुंच गया है. इसके बाद गोल्‍ड का नंबर आता है. आरबीआई ने पिछले सप्‍ताह 2.18 अरब डॉलर का सोना खरीदा और कुल गोल्‍ड रिजर्व 65.79 अरब डॉलर पहुंच गया है. फिलहाल भारत के पास आईएमएफ की ओर से दी जाने वाली स्‍पेशल निकासी अधिकार का आंकड़ा भी बढ़कर 18.54 अरब डॉलर पहुंच चुका है. यानी भारत जब चाहे आईएमएफ से इतनी राशि ले सकता है.

फॉरेक्‍स रिजर्व से क्‍या फायदा
आपको बता दें कि युद्ध की आशंकाओं और दुनियाभर में बढ़ते तनाव के बीच विदेशी मुद्रा भंडार काफी महत्‍वपूर्ण हो गया है. इससे देश के आयात बिल को मैनेज करने का काम किया जाता है. फिलहाल भारत के पास एक साल तक आयात करने जितना पैसा इकट्ठा हो चुका है, जो हमारी इकनॉमी की स्थिरता को बताता है. साल 2023 में भारत ने 58 अरब डॉलर का फॉरेक्‍स जुटाया था, जबकि 2022 में इसमें 71 अरब डॉलर की गिरावट दिखी थी.

किस देश के पास कितना भंडार
विदेशी मुद्रा भंडार की बात करें तो सबसे आगे चीन है, जिसके पास अगस्‍त तक 3.2 ट्रिलियन डॉलर (करीब 3,288 अरब डॉलर) का फॉरेक्‍स रिजर्व था. दूसरे नंबर पर काबिज जापान के पास भी 1,235 अरब डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार है. टॉप-5 में शामिल एकमात्र यूरोपीय देश स्विट्जरलैंड का विदेशी मुद्रा भंडार भी 802 अरब डॉलर है, जबकि आश्चर्यजनक रूप से अमेरिका का फॉरेक्‍स रिजर्व महज 242 अरब डॉलर का ही है और वह 13वें पायदान पर है.

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