100 से ज्यादा फिल्मों में किया काम, मस्तमौला थे शम्मी कपूर, साल 1961 की मूवी ने बना दिया बॉलीवुड का ‘याहू’ बॉय

नई दिल्ली. दिवंगत एक्टर शम्मी कपूर भले ही आज हमारे बीच नहीं हैं, लेक‍िन उनके काम की चमक आज भी कायम है. बड़ी-बड़ी आंखें, चेहरे पर गजब का तेज, उनकी भाव-भंगिमा की तरह उनकी आवाज भी गरजती थी. हिंदी सिनेमा पर अपनी अमिट छाप छोड़ने वाले अभिनेता एक मस्तमौला इंसान थे. 21 अक्टूबर, 1931 को जन्में शम्मी कपूर का पूरा नाम शमशेर राज कपूर था.

शम्मी कपूर को भारतीय सिनेमा के इतिहास में सबसे महान और सफल अभिनेताओं में से एक माना जाता है. उन्‍होंने 100 से अधिक फिल्मों में भी काम किया था. उस दशक में भी उनके पास 3 फिल्मफेयर पुरस्कारों के साथ सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार था. शम्मी कपूर का जन्म मुंबई में पृथ्वीराज कपूर और रामशरनी मेहरा कपूर के घर हुआ था.

कोलकाता में बिताया था जीवन का बड़ा हिस्सा
उन्होंने अपने बचपन का एक बड़ा हिस्सा कोलकाता में बिताया था. कोलकाता में ही उन्होंने अपनी मोंटेसरी शिक्षा और किंडरगार्टन की पढ़ाई की. मुंबई वापस आने के बाद पहले सेंट जोसेफ कॉन्वेंट (वडाला) और फिर डॉन बॉस्को स्कूल में एडमिशन लिए. उन्होंने ह्यूजेस रोड स्थित न्यू एरा स्कूल से अपनी मैट्रिक की पढ़ाई पूरी की. रामनारायण रुइया कॉलेज में पढ़ाई करने के बाद वह अपने पिता की ड्रामा कंपनी पृथ्वी थियेटर्स में शामिल हो गए थे और कई सालों तक काम किया.

साल 1961 में रिलीज हुई थी जंगली फिल्म.

साल 1953 में की करियर की शुरुआत
शम्मी कपूर ने साल 1953 में आई ‘जीवन ज्योति’ के साथ हिंदी फिल्मों में अपनी शुरुआत की थी. फिल्म को महेश कौल ने निर्देशित किया था, जिसमें उनकी अभिनेत्री चांद उस्मानी थीं. शम्मी कपूर के जीवन में असफलता से सफलता तक का रास्ता भी काफी लंबा था. उन्होंने ‘रेल का डिब्बा’, ‘नकाब’, ‘हम सब चोर हैं’, ‘महबूबा शमां परवाना’, ‘मेम साहिब’, ‘चोर बाजार’ जैसी फिल्मों में काम क‍िया. शम्मी कपूर को बड़ी सफलता नासिर हुसैन निर्देशित ‘तुम सा नहीं देखा’, ‘दिल देकर देखो’ के साथ मिली.

‘जंगली’ फिल्म ने बना दिया था स्टार
इसके साथ ही 1961 में रिलीज हुई ‘जंगली’ के बाद तो वह इंडस्ट्री में ‘याहू’ बॉय के रूप में छा गए. पर्दे पर गंभीर दिखने वाले शम्मी कपूर वास्तव में मस्तमौला इंसान थे और अक्सर एकदम अलग हटकर की गई एक्टिंग से दर्शकों के बीच छा जाते थे. शम्मी कपूर ने एक्ट्रेस गीता बाली से 1955 में शादी कर ली थी, लेक‍िन उनकी पत्नी का निधन महज 35 साल की उम्र में हो गया था. इसके चार साल बाद कपूर ने भावनगर राज्य के गोहिल राजवंश की राजकुमारी नीला देवी गोहिल से शादी की.

साल 2011 में हुआ था शम्मी कपूर का निधन
साल 2011 में दिए गए एक इंटरव्यू में मुमताज ने खुलासा किया था कि ‘ब्रह्मचारी’ फिल्म की शूटिंग के दौरान करीब आने के बाद शम्मी कपूर ने उन्हें शादी का प्रस्ताव दिया था. मुमताज ने बताया कि उन्होंने मैरिज प्रपोजल ठुकरा दिया था, क्योंकि कपूर चाहते थे कि वह अपना करियर छोड़ दें. शम्मी कपूर क्रोनिक किडनी फेल्योर से पीड़ित थे. उनका निधन 14 अगस्त 2011 को हो गया.

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