Binod Chaudhary net worth : दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति एलन मस्क हैं. उनकी कुल पूंजी 247 बिलियन डॉलर है. इस समय भारत के सबसे अमीर आदमी रिलायंस के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर मुकेश अंबानी हैं. फोर्ब्स के अनुसार, उनकी नेट वर्थ 107.1 बिलियन डॉलर है. गौतम अडानी की नेट वर्थ 78 बिलियन डॉलर है. इसी लिस्ट के मुताबिक, भारत के छोटे-से पड़ोसी देश नेपाल के सबसे अमीर व्यक्ति बिनोद चौधरी हैं. उनकी नेट वर्थ 1.8 बिलियन डॉलर है. अमीरों की सूची में वे नेपाल का एकमात्र व्यक्ति हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं बिनोद चौधरी क्या काम करते हैं और उन्होंने इतना पैसा कैसे बनाया.
फोर्ब्स के अनुसार, बिनोद चौधरी नेपाल के सबसे अमीर व्यक्ति हैं और देश के एकमात्र अरबपति भी हैं. उनकी पहचान मुख्य रूप से प्रसिद्ध इंस्टेंट नूडल ब्रांड वाई वाई (Wai-Wai) के संस्थापक के रूप में होती है, जिसने भारत में मैगी जैसे बड़े ब्रांड को बी कड़ी टक्कर दी है. संभव है कि आपने भी कई वाई वाई का स्वाद चखा हो. फोर्ब्स के अनुसार, उनकी कुल संपत्ति लगभग 15,000 करोड़ रुपये से अधिक (1.8 बिलियन डॉलर) आंकी गई है. नेपाल की अर्थव्यवस्था में बिनोद चौधरी का योगदान और उपलब्धियां बहुत खास हैं.
JRD टाटा से ली प्रेरणा
बिनोद चौधरी का जन्म काठमांडू के एक ऐसे परिवार में हुआ था, जिसका पेशा व्यापार था. इसलिए बचपन से ही वे बिजनेस की तरफ खास झुकाव रखते थे. इसके अलावा, उन्होंने जे.आर.डी. टाटा और अमिताभ बच्चन जैसी महान हस्तियों से भी प्रेरणा ली. चौधरी की सफलता की कहानी बताती है कि कड़ी मेहनत और सही सोच के साथ हर सपना सच किया जा सकता है.
चौधरी के जीवन का सबसे बड़ा मोड़ तब आया, जब वे थाईलैंड यात्रा पर गए. वहां उन्होंने देखा कि इंस्टेंट नूडल्स बहुत लोकप्रिय हैं. इस अनुभव ने उन्हें प्रेरित किया और उन्होंने नेपाल में वाई वाई नूडल्स की शुरुआत की. वाई वाई जल्द ही न केवल नेपाल, बल्कि भारत और अन्य देशों में भी एक प्रसिद्ध ब्रांड बन गया. भारत में मैगी का वर्चस्व होते हुए भी, वाई वाई ने अपनी एक खास पहचान बनाई. इसका स्वाद, विविधता और क्विक कुकिंग स्टाइल ने इसे काफी जल्दी लोकप्रिय बना दिया.
अन्य बिजनेस
वाई वाई बिनोद चौधरी की सबसे बड़ी पहचान है, लेकिन उन्होंने केवल इसी ब्रांड तक खुद को सीमित नहीं रखा. उन्होंने नेशनल पैनासोनिक के साथ भागीदारी की और नेपाल के बाजार में सुजुकी कारों को लाने का प्रयास भी किया. चौधरी की व्यापारिक सोच हमेशा नई संभावनाओं की तलाश में रही, जिसने उन्हें कई अलग-अलग क्षेत्रों में सफलता दिलाई.
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1990 में, चौधरी ने सिंगापुर में सिनोवेशन ग्रुप की स्थापना की. इसके बाद, 1995 में उन्होंने दुबई सरकार से नबिल बैंक में कंट्रोल करने लायक हिस्सेदारी प्राप्त की, जिससे वे फाइनेंशियली और भी ज्यादा सशक्त हो गए.
भारत में पढ़ना चाहते थे CA की पढ़ाई
बिनोद चौधरी की रुचि अकाउंटिंग में थी. उन्होंने भारत में चार्टर्ड अकाउंटेंसी की पढ़ाई करने का मन भी बनाया था. लेकिन उनके पिता की तबीयत खराब होने के बाद परिवार की जिम्मेदारियों ने उन्हें बिजनेस की दुनिया में धकेल दिया. परिवार की जिम्मेदारी संभालने के बाद चौधरी ने व्यापार को एक नई ऊंचाई पर पहुंचाया.
विनाशकारी भूकंप में किया पुण्य का काम
बिनोद चौधरी केवल एक सफल व्यवसायी ही नहीं, बल्कि एक परोपकारी व्यक्ति भी हैं. उन्होंने 2015 में नेपाल में आए विनाशकारी भूकंप के बाद प्रभावित लोगों की मदद के लिए बड़े पैमाने पर योगदान दिया. उन्होंने भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में घरों और स्कूलों के पुनर्निर्माण के लिए 20 करोड़ रुपये से अधिक का दान किया. इसके अलावा, उन्होंने लोगों को आवश्यक वस्तुएं, जैसे जूस के डिब्बे और वाई वाई नूडल्स के पैक भी मुहैया कराए. चौधरी का मानना है कि समाज को वापस देना आवश्यक है, और उनके ये प्रयास इस बात का प्रमाण हैं.
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FIRST PUBLISHED : October 21, 2024, 16:46 IST