नई दिल्ली. भारत में शेयर बाजार से जुड़े निवेशक अक्सर निफ्टी और बैंक निफ्टी की चाल को लेकर चिंतित रहते हैं. और जब गिरावट चल रही हो तो यह चिंता और ज्यादा बढ़ जाती है. हाल ही में, भारत के दोनों प्रमुख सूचकांकों में गिरावट देखी जा रही है. ऐसे में निवेशकों के मन में यह सवाल आता है कि इस गिरावट का कारण क्या है और आगे क्या संभावनाएं हैं? ऐसी गिरावट के बीच जब कोई एक्सपर्ट इस बारे में कुछ भी कहता है तो उसकी बात को बड़े गौर से सुना और समझा जाता है. अब इंडिया चार्ट्स के संस्थापक रोहित श्रीवास्तव ने कहा है कि निफ्टी बैंक (Nifty Bank) में 2000 अंकों की और गिरावट आ सकती है.
यहां ध्यान देने वाली बात ये है कि किसी भी देश की तरक्की का आधार बैंक होते हैं. जब तक बैंकों की स्थिति मजबूत रहती है, तक तक इकॉनमी का पहिया भी अच्छे से घूमता रहता है. हाल फिलहाल कुछ बैंकों के बहुत खराब तिमाही नतीजों ने मार्केट के सेंटीमेंट को प्रभावित किया है. विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के लिए भी यह एक नकारात्मक खबर है.
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प्रमुख बाजार विश्लेषक और इंडिया चार्ट्स के संस्थापक रोहित श्रीवास्तव ने ने CNBC-TV18 पर एक साक्षात्कार में बताया कि निफ्टी बैंक के मौजूदा स्तर से लगभग 2,000 अंकों की और गिरावट संभव है. यह बात शुक्रवार, 25 अक्टूबर को, कही गई, जबकि निफ्टी बैंक इंडेक्स पहले ही लगभग 4,000 अंकों की गिरावट दर्ज कर चुका है.
शुक्रवार को भी निफ्टी बैंक में 743.70 अंकों की गिरावट आई, और यह 50,500 से नीचे चला गया. हालांकि इसकी क्लोजिंग 50,787.45 पर हुई है. टेक्निकल इंडीकेटर्स के अनुसार, इस समय निफ्टी बैंक का रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स (RSI) 39 के स्तर पर है, जो इसे ‘ओवरसोल्ड’ के करीब पहुंचाता है. ‘ओवरसोल्ड’ का मतलब है कि किसी भी स्टॉक या इंडेक्स में ठीक-ठाक बिकवाली हो चुकी है, और इस समय इसकी कीमत काफी कम है.
श्रीवास्तव ने बताया कि ‘फ्री फॉल’ के दौरान, ओवरसोल्ड आने के बावजूद भी आसानी से रिवर्सल नहीं होता. उनके मुताबिक, निफ्टी बैंक में अगले पड़ाव के लिए 48,500 अंक का स्तर स्थिरता ला सकता है, जो कि वर्तमान स्तर से 2,000 अंकों की गिरावट के संकेत दे रहा है.
निफ्टी में गिरावट और महत्वपूर्ण सपोर्ट लेवल
निफ्टी का चार्ट लगातार 4 सप्ताहों से गिरावट का सामना कर रहा है. श्रीवास्तव ने निफ्टी के पहले सपोर्ट स्तर को 23,700 अंक पर बताया और इसके बाद 23,200 अंक, जो कि इसके 200-DMA के करीब है. CLSA के चार्ट विशेषज्ञ लॉरेन्स बालांको ने भी इस सप्ताह के शुरू में अनुमान जताया कि अगले 20 ट्रेडिंग सेशंस में निफ्टी अपने 200-DMA के स्तरों को टेस्ट कर सकता है.
निवेशकों के लिए सलाह
श्रीवास्तव ने बताया कि इस समय शॉर्ट ट्रेड पर रिस्क-रिवार्ड रेश्यो निफ्टी पर बेहतर दिखता है. बैंक निफ्टी में उतना बेहतर नहीं है. उन्होंने निवेशकों को सलाह दी है कि वे इस समय किसी भी काउंटर-ट्रेंड बाउंस में प्रवेश करने या ‘फॉलिंग नाइफ’ पकड़ने से बचें. ‘फॉलिंग नाइफ’ का अर्थ होता है कि गिरावट के समय में किसी स्टॉक को पकड़ना, जोकि जोखिम भरा होता है. फॉलिंग नाइफ का हिन्दी में मतलब है- गिरता हुआ चाकू. यदि गिरते हुए चाकू को पकड़ने की कोशिश की जाए तो हाथ कट सकता है.
मिडकैप पर क्या कहा?
ज्यादातर छोटे निवेशक मिडकैप और स्मालकैप कंपनियों में पैसा लगाना चाहते हैं. उनका मानना है कि निफ्टी मिडकैप इंडेक्स भी ‘करेक्शन’ के एरिया में प्रवेश कर चुका है, जिसमें 24 सितंबर से 10% से अधिक की गिरावट देखी जा चुकी है. 27 सितंबर को अपने पीक लेवल से अब तक, निफ्टी में 2,200 अंकों की गिरावट आई है, जबकि निफ्टी बैंक में 4,000 अंकों की गिरावट दर्ज की गई है.
अमेरिकी बाजारों की स्थिति के बारे में श्रीवास्तव का कहना है कि वॉल स्ट्रीट पर भी शॉर्ट-टर्म मोमेंटम इंडिकेटर्स ‘सेल’ सिग्नल दे रहे हैं और ऐसा लगता है कि अमेरिकी बाजार अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच चुके हैं. इस समय वॉल स्ट्रीट के तीनों प्रमुख बेंचमार्क इंडेक्स अपने ऑल-टाइम हाई लेवल पर ट्रेड कर रहे हैं या उसके करीब हैं.
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FIRST PUBLISHED : October 25, 2024, 16:29 IST