नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज सोमवार को गुजरात के वडोदरा में टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स की ओर से सी-295 विमान के निर्माण के लिए स्थापित टाटा एयरक्राफ्ट कॉम्प्लेक्स का उद्घाटन करेंगे. स्पेन की कंपनी एयरबस के सहयोग से टाटा समूह भारत में सी-295 विमान बनाएगी. यह भारत में सैन्य विमानों के लिए निजी क्षेत्र की पहली फाइनल असेंबली लाइन (AFL) होगी. साल 2021 में भारत ने एयरबस से 56 सी-295 विमानों को खरीदने का सौदा 2.5 बिलियन डॉलर में किया था. एयरबस और टाटा वडोदरा संयंत्र में 40 विमान बनाए जाएंगे, जबकि एयरबस स्पेन से सीधे 16 विमान उपलब्ध कराएगी. टाटा समूह मानद चेयरमैन रतन टाटा के रहते ही एयरबस और टाटा समूह में यह समझौता हो गया था. अब नोएल टाटा की अगुवाई में टाटा ग्रुप पहला जहाज साल 2026 तक बना देगा.
वडोदरा एफएएल की आधारशिला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 30 अक्टूबर 2022 को रखी थी. वडोदरा एफएएल में विनिर्माण से लेकर संयोजन, परीक्षण और योग्यता, तथा विमान के संपूर्ण जीवन चक्र की डिलीवरी और रखरखाव तक संपूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र का पूर्ण विकास शामिल होगा. टाटा के अलावा, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स और भारत डायनेमिक्स जैसी अग्रणी रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयां, साथ ही निजी सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम भी इस कार्यक्रम में योगदान देंगे.
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3000 लोगों को मिलेगा रोजगार
वडोदरा में टाटा एडवांस सिस्टम्स लिमिटेड की फाइनल एसेंबली लाइन के साथ ही हैदराबाद में मेन कंस्टिट्यूटेंट असेंबली (MCA) भी है. वडोदरा में एफएएल के 24000 स्क्वेयर मीटर स्पेस तो होगा ही साथ ही एमसीए के लिए 20 हजार मीटर स्पेस भी होगा. सी- सी-295 विमानों के निर्माण के लिए भारत में 18000 पार्ट्स बनाए जांएगे. भारत में एयरबेस के विमानों का निर्माण होने से 3000 ये ज्यादा लोगों को रोजगार मिलेगा. इसके अलावा इससे 15000 लोगों को अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार भी दिलाएगा.
साल 2026 तक तैयार हो जाएगा पहला विमान
वडोदरा फैसिलिटी में पहला सी-295 विमान साल 2026 तक बनकर तैयार हो जाएगा. यहां पर 40 विमान बनाएं जाएंगे और साल 2031 तक इनका प्रोडक्शन पूरा हो जाएगा. टाटा एडवांस सिस्टम्स 25 साल तक भारतीय वायुसेना के बेड़े में शामिल इन विमानों का रखरखाव करेगी. टाटा एडवांस सिस्टम्स और इसके स्पलायर्स को एक विमान के निर्माण पर करीब 10 लाख घंटे खर्च करने होंगे.
16 विमान स्पेन में बनकर आएंगे
साल 2021 में हुए सौदे के अनुसार, 56 विमानों में से भारत को 16 विमान एयरबस स्पेन की अपनी फैक्टरी से बनाकर देगी. इन 16 विमानों की डिलीवरी साल 2023 से मिलनी भी शुरू हो गई है. भारत को अब तक ये छह एडवांस विमान भारत को मिल भी चुके हैं. भारतीय वायुसेना में ये 56 विमान शामिल होने के बाद भारत के पास इनका सबसे बड़ा बेड़ा होगा.
सी-295 विमान की खासियतें
एयरबस सी-295 एक आधुनिक विमान है जो 9 टन तक का पेलोड ले जा सकता है. इसमें 71 सैनिक या 50 पैराट्रूपर्स ले जाने की क्षमता होती है. खास बात यह है कि इसे किसी भी तरह की हवाई पट्टी पर उतारा जा सकता है. यह विमान 320 मीटर की दूरी में ही टेक-ऑफ़ कर सकता है. लैंडिंग के लिए इसे 670 मीटर की लंबाई चाहिए. 480 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ़्तार से 11 घंटे तक उड़ान भर सकता है. इसका इस्तेमाल समुद्री गश्त, हवाई निगरानी और टोही अभियान, चिकित्सा निकासी, वीआईपी परिवहन जैसे मिशनों के लिए किया जाता है. आपदा के समय बचाव अभियानों में भी सी-295 राहत सामग्री ले जाने और लोगों को निकालने में काम आता है.
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FIRST PUBLISHED : October 27, 2024, 14:19 IST