नई दिल्ली. निवेशकों के बीच ‘करोड़पति’ बनने का सपना काफी आम है, खासकर उन लोगों के लिए जो नियमित रूप से बचत और निवेश करते हैं. म्यूचुअल फंड में निवेश करने से यह सपना साकार किया जा सकता है, बशर्ते आपके पास धैर्य और लंबी अवधि तक निवेश करने की योजना हो. निवेश की इस यात्रा में कंपाउंडिंग की शक्ति काफी अहम होती है.
8-4-3 नियम कंपाउंडिंग के जादू से आपकी बचत को तेजी से बढ़ाने में मदद करता है. यह एक सरल तरीका है, जिससे आप समझ सकते हैं कि आपका निवेश कैसे बढ़ सकता है. यह कोई विशिष्ट निवेश रणनीति नहीं है, बल्कि यह आपको आपके वित्तीय लक्ष्यों की दिशा में मार्गदर्शन करता है. इस नियम के अनुसार, आप अपने निवेश को तीन चरणों में विभाजित कर सकते हैं – प्रारंभिक वृद्धि, तेज़ी से वृद्धि और तीव्र वृद्धि.
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कैसे करता है यह नियम काम?
1. प्रारंभिक वृद्धि (1-8 साल): निवेश के पहले 8 सालों में, आपका पैसा धीरे-धीरे बढ़ता है. यह वह समय है जब कंपाउंडिंग की प्रक्रिया शुरू होती है, लेकिन शुरुआती चरण में इसका असर धीमा होता है. उदाहरण के लिए, यदि आप हर महीने 20,000 रुपये निवेश करते हैं और 12% वार्षिक ब्याज प्राप्त करते हैं, तो 8 साल में यह राशि 32 लाख रुपये हो जाएगी.
2. तेज़ी से वृद्धि (9-12 साल): अगले 4 सालों में, आपके निवेश का असर तेजी से दिखने लगता है. कंपाउंडिंग का जादू यहां काम करता है, और आपका पैसा दोगुनी गति से बढ़ने लगता है. इससे, अगले 4 साल में आपका निवेश फिर से 32 लाख तक पहुंच जाएगा, यानी कुल राशि 64 लाख हो जाती है.
3. तीव्र वृद्धि (13-15 साल): अंतिम 3 सालों में, आपका निवेश तीव्रता से बढ़ता है. कंपाउंडिंग की वजह से, आपका निवेश लगभग उतना ही बढ़ जाता है जितना पहले 4 सालों में हुआ था. 15 साल की अवधि में यह राशि 1 करोड़ तक पहुंच सकती है.
कंपाउंडिंग की शक्ति कैसे काम करती है?
कंपाउंडिंग का मतलब है कि आपके द्वारा कमाए गए ब्याज पर भी ब्याज मिलता है. यह आपके निवेश को हर साल बढ़ाता है, जिससे लंबे समय में बहुत अधिक मुनाफा होता है. जितना अधिक समय आप अपने पैसे को निवेशित रखते हैं, उतना ही अधिक कंपाउंडिंग का असर दिखाई देता है.
करोड़पति बनने के लिए क्या करें?
1. नियमित निवेश: निवेश का सबसे महत्वपूर्ण पहलू यह है कि आप नियमित रूप से निवेश करें. चाहे छोटी रकम ही क्यों न हो, इसे लंबे समय तक निवेश में लगाए रखें. इससे कंपाउंडिंग को अधिक समय मिलेगा और आपका निवेश तेजी से बढ़ेगा.
2. धैर्य रखें: शुरुआती कुछ सालों में निवेश की गति धीमी होती है, लेकिन धैर्य रखने से यह तेजी से बढ़ने लगता है. इसलिए, जल्दी मुनाफा पाने के चक्कर में निवेश को बीच में न निकालें.
3. लंबे समय के लिए सोचें: कंपाउंडिंग से सबसे अधिक लाभ तब होता है जब आप लंबी अवधि के लिए निवेश करते हैं. इसलिए अपने लक्ष्यों को दीर्घकालिक रखें और निवेश को उसी अनुसार योजना बनाएं.
एक्सपर्ट की सलाह
विशेषज्ञों का कहना है कि निवेश की शुरुआत जितनी जल्दी हो सके, कर देनी चाहिए. यह न केवल आपके निवेश को समय देता है बल्कि कंपाउंडिंग का अधिकतम लाभ भी प्राप्त करने में मदद करता है. म्यूचुअल फंड, SIP (सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान), और इक्विटी में नियमित निवेश कंपाउंडिंग की शक्ति को और अधिक प्रभावी बना सकते हैं.
इस 8-4-3 नियम का पालन करके कोई भी साधारण निवेशक आसानी से अपने ‘करोड़पति’ बनने के सपने को साकार कर सकता है. बस आवश्यकता है धैर्य, अनुशासन और एक सही निवेश योजना की.
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FIRST PUBLISHED : October 27, 2024, 18:09 IST