नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने सिर्फ 2 योजनाओं के बूते भारत को इस मुकाम तक पहुंचा दिया है, जिसके बूते पहली बार एक खास उपलब्धि हासिल होने की उम्मीद दिख रही है. आजादी के बाद से अब तक भारत इस तरह की उपलब्धि के लिए तरस रहा था. उद्योग जगत के एक अधिकारी ने बताया कि चालू वित्तवर्ष की समाप्ति तक भारत के खाते में एक खास उपलब्धि होगी, जिसे सुनकर हर भारतीय का सीना गर्व से चौड़ा हो जाएगा.
उद्योग जगत के एक अधिकारी ने बताया कि सरकारी समर्थन और घरेलू कंपनियों के प्रतिस्पर्धी उत्पादों के कारण देश का माल और सेवा निर्यात चालू वित्त वर्ष में 800 अरब डॉलर को पार कर जाएगा. ऐसा पहली बार होगा जब देश का निर्यात किसी एक वित्तवर्ष में 800 अरब डॉलर के पार जाएगा. अभी तक भारत को आयात करने वाले देश के तौर पर जाना जाता था, लेकिन मेक इन इंडिया और पीएलआई जैसी योजनाओं ने सारा मामला पलटकर रख दिया है.
सरकार ने उठाए कई कदम
अपैरल मेड-अप्स और होम फर्निशिंग सेक्टर स्किल काउंसिल के चेयरमैन ए शक्तिवेल ने कहा कि सरकार ने कारोबार सुगमता और अनुपालन बोझ को कम करने सहित उद्योग की प्रतिस्पर्धी क्षमता बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए हैं. लिहाजा अब मुझे विश्वास है कि चालू वित्त वर्ष में हमारा कुल निर्यात 800 अरब डॉलर को पार कर जाएगा.
देश में खुलेंगे 12 औद्योगिक शहर
उन्होंने कहा कि देश में 12 नए औद्योगिक शहर खोलने की घोषणा से घरेलू विनिर्माण को और बढ़ावा मिलेगा. उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना पहले से ही विनिर्माण के मोर्चे पर एक सफलता की कहानी कह चुकी है. यही वजह है कि चुनौतीपूर्ण भू-राजनीतिक स्थिति के बावजूद भारतीय निर्यातकों को विकासशील और विकसित अर्थव्यवस्थाओं से अच्छे ऑर्डर मिल रहे हैं.
कम हो रहा लाल सागर का संकट
शक्तिवेल ने कहा, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल लाल सागर संकट के प्रभाव को कम करने के लिए ढुलाई सहित सभी संबंधित हितधारकों के साथ नियमित रूप से बैठकें कर रहे हैं. आपको बता दें कि पिछले वित्त वर्ष में निर्यात 778 अरब डॉलर रहा था. चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-सितंबर के दौरान निर्यात एक प्रतिशत बढ़कर 213.22 अरब डॉलर हो गया, जबकि आयात 6.16 प्रतिशत बढ़कर 350.66 अरब डॉलर हो गया. वित्त वर्ष की पहली छमाही के दौरान व्यापार घाटा 137.44 अरब डॉलर रहा है.
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FIRST PUBLISHED : November 10, 2024, 21:22 IST