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नई दिल्ली. गोल्ड एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड्स (ETF) में निवेशकों की रुचि बढ़ने के साथ ही अक्टूबर में इसमें निवेश बढ़कर 1,961 करोड़ रुपये तक पहुंच गया. एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के ताजा आंकड़ों के अनुसार, यह आंकड़ा सितंबर के 1,233 करोड़ रुपये से काफी अधिक है. अक्टूबर में हुआ यह इनफ्लो गोल्ड ETF श्रेणी के लिए मासिक शुद्ध इनफ्लो का नया रिकॉर्ड स्थापित करता है.

जनवरी 2020 से अब तक, गोल्ड ETF में कुल 24,153 करोड़ रुपये का का शुद्ध निवेश हुआ है. वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के अनुसार, भारतीय गोल्ड ETF में कुल भौतिक सोने की होल्डिंग पिछले चार वर्षों में लगभग दोगुनी होकर 54.5 टन तक पहुंच गई है. चार साल पहले यह 27.4 टन थी. विशेषज्ञों के अनुसार, त्योहारों का सीजन, बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव, केंद्रीय बैंकों की नीतियों में बदलाव और शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव जैसे विभिन्न कारणों ने सोने की मांग में इस वृद्धि को बढ़ावा दिया है. व्यक्तिगत और संस्थागत दोनों प्रकार के निवेशकों ने सोने में महत्वपूर्ण रुचि दिखाई है.

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क्या है गोल्ड ETF
गोल्ड एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड्स (ETF) एक प्रकार का वित्तीय साधन है जो स्टॉक एक्सचेंजों पर ट्रेड होता है और निवेशकों को सोने की कीमत में उतार-चढ़ाव का लाभ उठाने का अवसर देता है. गोल्ड ETF खरीदने पर निवेशक बिना एक्चुअल गोल्ड खरीदे इसकी कीमत में परिवर्तन का लाभ प्राप्त कर सकते हैं. इस कारण से गोल्ड ETF सोने में निवेश करने का एक सुविधाजनक और सस्ता तरीका माना जाता है.

सोने की कीमतें
12 नवंबर को सोने की कीमतें एक महीने के निम्न स्तर पर पहुंच गईं. स्पॉट गोल्ड 0.1% गिरकर $2,617.15 प्रति औंस हो गया, जो 10 अक्टूबर के बाद का सबसे निचला स्तर है. भारत में 24 कैरेट सोने की कीमत 7,893.3 रुपये प्रति ग्राम रही, जबकि 22 कैरेट सोना 7,237.3 रुपये प्रति ग्राम था. पिछले सप्ताह में 24 कैरेट सोने में 1.24% की बढ़ोतरी हुई, लेकिन महीने भर में इसमें 2.14% की गिरावट आई है.

क्या है जानकारों की राय
एलकेपी सिक्योरिटीज के कमोडिटी और करंसी विशेषज्ञ जतिन त्रिवेदी ने बताया, “मजबूत डॉलर इंडेक्स सोने पर दबाव डाल रहा है. ट्रम्प की जीत के बाद अमेरिकी बॉन्ड की बढ़ती कीमतें बुलियन में करेक्टिव ट्रेंड्स ला रही हैं. जब तक सोना $2,750 के स्तर से नीचे है, यह ट्रेंड बना रह सकता है.”

कोटक सिक्योरिटीज की एवीपी- कमोडिटी रिसर्च कायनात चैनवाला ने बताया, “ट्रम्प की चुनावी जीत और अमेरिकी सीनेट पर रिपब्लिकन पार्टी के नियंत्रण के बाद निवेशकों का झुकाव जोखिम वाले एसेट्स की ओर बढ़ा, जिससे COMEX गोल्ड एक महीने के निचले स्तर $2,650.30 प्रति औंस तक गिरा. फेडरल रिजर्व द्वारा 25 बेसिस पॉइंट की कटौती के बाद सोने में थोड़ी वृद्धि हुई, लेकिन मजबूत डॉलर और बढ़ती ट्रेजरी यील्ड के कारण यह दबाव में रहा.”

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