अमेरिका को फूटी आंख नहीं सुहा रही भारत-रूस की यारी, 19 कंपनियों पर लगाया बैन

नई दिल्‍ली. अमेरिका में एक बार फिर डोनाल्‍ड ट्रंप का राज लौट आया है. वैसे तो ट्रंप को भारत और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दोस्‍त माना जाता है, लेकिन इस बार मामला जरा उल्‍टा पड़ गया. ट्रंप के राष्‍ट्रपति बनते ही अमेरिका ने भारत की 19 कंपनियों पर बैन लगा दिया है. यह कार्रवाई भारत के पुराने दोस्‍त रूस की मदद करने के आरोप में की गई है. अमेरिका ने अपनी कार्रवाई में कहा है कि भारतीय कंपनियों ने रूस को ऐसे मैटेरियल व टेक्‍नोलॉजी की सप्‍लाई की है, जिसका इस्‍तेमाल रूस ने मिलिट्री ऑपरेशन में किया है.

ब्‍लूमबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि अमेरिका की ओर से कई यह कार्रवाई भारत सहित चीन, तुर्की पर भी असर डाल रही है. इन सभी देशों की तमाम कंपनियों ने रूस को सामान की सप्‍लाई की थी. अमेरिका का कहना है कि अंतरराष्‍ट्रीय प्रतिबंधों के बावजूद इन सामानों को रूस को सप्‍लाई करना नियमों का उल्‍लंघन है. यह सप्‍लाई ऐसे समय की गई जब रूस और यूक्रेन युद्ध लड़ रहे थे और अमेरिका सहित तमाम पश्चिमी देशों ने रूस पर प्रतिबंध लगा दिया था.

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क्‍या भेजा था भारतीयों कंपनियों ने
भारत की कंपनियों ने रूस की मिलिट्री-इंडस्ट्रियल बेस को इन सामनों की सप्‍लाई की थी. इसमें इलेक्‍ट्रॉनिक उपकरण, एयरक्राफ्ट के पार्ट्स मशीन टूल व अन्‍य जरूरी सामाना शामिल थे. भारतीय कंपनियां जैसे Ascend Aviation India, TSMD Global, Futrevo और Mask Trans ने ऐसे सामानों की सप्‍लाई की थी, जिनका इस्‍तेमाल सिविलियन के साथ मिलिट्री भी कर सकती है.

कितने का सामान भेजा
इंडियन एक्‍सप्रेस के अनुसार, Ascend Aviation ने एयरक्राफ्ट कंपोनेंट के 700 से ज्‍यादा शिपमेंट भेजे हैं, जिनकी कुल कीमत 2 लाख डॉलर (करीब 1.70 करोड़ रुपये) बताई जाती है. इसी तरह, Mask Trans कंपनी ने भी करीब 3 लाख डॉलर के एविएशन कंपोनेंट रूस को भेजे थे. ये सामान रूस की ऐसी कंपनी को भेजे गए, जिस पर अमेरिका ने पहले ही बैन लगा रखा था.

अन्‍य कंपनियों ने भी भेजे थे सामान
TSMD Global और Futrevo जैसी भारतीय कंपनियों ने रूस को माइक्रो इलेक्‍ट्रॉनिक उपकरण और सीपीयू भेजे थे. TSMD ने कुल करीब 3.6 करोड़ रुपये के सामान भेजे थे, जबकि Futrevo ने करीब 12 करोड़ के सामान रूसी कंपनियों को भेजे थे. इसके अलावा Galaxy Bearings एवं Orbit Fintrade ने मिलिट्री मशीनरी में इस्‍तेमाल होने वाली बियरिंग भेजी थी तो Khushbu Honing, Lokesh Machines और Sharpline Automation ने डिफेंस प्रोडक्‍शन में यूज होने वाले उपकरण भेजे थे.

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