नारायण मूर्ति को सपने में डराएगा इस बैंकिंग महारथी का बयान! कहा- 3.5 दिन ही होगा काम

नई दिल्ली. जहां इन्फोसिस के सह-संस्थापक नारायण मूर्ति युवाओं को हफ्ते में 70-80 घंटे काम करने की सलाह दे रहे हैं वहीं इस दिग्गज बैंकर ने ठीक इसके उलट बात कर दी है. मार्केट कैप के लिहाज से दुनिया के सबसे बड़े बैंक जेपी मॉर्गन के सीईओ जेमी डाइमन ने एक ऐसा बयान दिया है जिसे सुनकर शायद नारायण मूर्ति के पैरों तले जमीन ही खिसक जाए.

जेपी मॉर्गन के सीईओ जेमी डाइमन ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को आने वाले समय में कामकाज और जीवनशैली में क्रांतिकारी बदलाव लाने वाला बताया है. उन्होंने कहा कि AI तकनीक से कर्मचारियों का कार्यकाल सप्ताह में पांच दिन से घटकर तीन से साढ़े तीन दिन तक सीमित हो सकता है. इसके साथ ही, उन्होंने भविष्यवाणी की कि AI से लोग 100 साल तक जीवित रह सकेंगे और जीवन अधिक स्वस्थ और लंबा होगा.

ये भी पढ़ें- शादी वाले सीजन में चमकेंगे ये 5 शेयर! कुछ महीनों में मिलेगा 15 फीसदी तक मुनाफा?

ब्लूमबर्ग टीवी को दिए गए इंटरव्यू में डिमोन ने कहा, “AI एक ‘जीवंत और विकसित तकनीक’ है जो समय के साथ बिजनेस प्रक्रियाओं और सामाजिक मानकों को पूरी तरह बदल देगी.” हालांकि, डिमोन ने तकनीक के कारण नौकरियों पर प्रभाव को लेकर चिंता व्यक्त करने वालों को भरोसा दिलाया कि हर तकनीकी बदलाव के साथ नए अवसर भी बनते हैं.

जेपी मॉर्गन में AI का उपयोग
जेपी मॉर्गन पहले ही अपने संचालन में AI को शामिल कर चुका है. बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्र में AI का इस्तेमाल ट्रेडिंग, हेजिंग, रिसर्च और एरर डिटेक्शन जैसे कार्यों में किया जा रहा है. डिमोन ने कहा कि AI के जरिए कंपनियां न केवल लागत घटा सकती हैं, बल्कि प्रक्रियाओं को भी अधिक कुशल बना सकती हैं.

नौकरियों पर प्रभाव और समाधान
AI के कारण नौकरियां जाने की चिंता बनी हुई है. गोल्डमैन सैक्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, AI दुनिया भर में करीब 30 करोड़ नौकरियों को प्रभावित कर सकता है. अमेरिका में करीब 25% कर्मचारी इस बात को लेकर चिंतित हैं कि उनके रोजगार पर AI का प्रभाव पड़ेगा. डिमोन ने कहा, “लोगों को गहरी सांस लेकर तकनीकी बदलावों को समझने की जरूरत है. तकनीक ने हमेशा नौकरियां बदली हैं, लेकिन इससे नए अवसर और जीवन स्तर में सुधार भी हुआ है.”

भविष्य की संभावनाएं
मैकिन्जी की हालिया रिपोर्ट में बताया गया है कि जेनरेटिव AI और उभरती तकनीकें कर्मचारियों के 60-70% कार्यों को ऑटोमेट कर सकती हैं. इससे हर साल वैश्विक अर्थव्यवस्था में $2.6 से $4.4 लाख करोड़ का योगदान हो सकता है. इसके अलावा, तकनीक के चलते कर्मचारियों का कार्यभार कम हो सकता है और काम के घंटे भी घट सकते हैं. डिमोन ने कहा कि AI के जरिए आने वाले बदलावों को अपनाने से समाज और व्यवसाय दोनों को लाभ होगा. उन्होंने इसे जीवनशैली और कामकाज में संतुलन लाने वाला बताया.

Tags: Business news

Source link