12 या 16 घंटे नहीं, अब सिर्फ 240 मिनट में पूरी होगी दिल्‍ली से पटना की दूरी

नई दिल्‍ली. देश में मौलिक सुविधाओं का लगातर विस्‍तार किया जा रहा है. आवागमन के साधन को अपग्रेड करने के साथ ही कोशिश की जा रही है कि लोग अपने डेस्टिनेशन तक जल्‍द से जल्‍द पहुंच सकें. इसे ध्‍यान में रखते हुए एक्‍सप्रेसवे, नए एयरपोर्ट और रेलवे इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर में अभूतपूर्व तरीके से काम किया जा रहा है. खासकर नेशनल कैरियर की पहचान रखने वाले रेलवे सिस्‍टम को लगातार अपग्रेड किया जा रहा है. देश में जल्‍द से जल्‍द हाई-स्‍पीड या बुलेट ट्रेन चलाने की कोशिश है. इस प्रयास के तहत अहमदाबाद-मुंबई हाई-स्‍पीड रेल यानी बुलेट ट्रेन प्रोजेक्‍ट पर तेजी से काम चल रहा है. इस बीच, रेल मंत्री अश्विनी वैष्‍णव ने बड़ी खुशखबरी दी है. उन्‍होंने बताया कि भारतीय रेलवे 280 किलोमीटर की रफ्तार से चलने में सक्षम ट्रेन सेट का डिजाइन बनाया जा रहा है और उसका निर्माण भी किया जा रहा है.

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को संसद को बताया कि इंटीग्रल कोच फैक्टरी (चेन्नई) में BEML के साथ मिलकर हाई-स्पीड ट्रेन सेट (Bullet Train) का डिजाइन बनाया जा रहा है और निर्माण किया जा रहा है. इस ट्रेन की रफ्तार 280 किलोमीटर प्रति घंटा होगी. इस तरह देश की राजधानी दिल्‍ली से पटना की दूरी महज 4 घंटे में पूरी की जा सकेगी. बता दें कि दिल्‍ली से बिहार की राजधानी पटना की दूरी 1000 किलोमीटर है. रेल मंत्री वैष्णव ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि मेक इन इंडिया पहल के तहत वंदे भारत ट्रेनों की सफलता के बाद भारतीय रेलवे (आईआर) ने अब हाई-स्पीड ट्रेन सेट का डिजाइन बनाना और उसका निर्माण शुरू कर दिया है.

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एक कोच पर 28 करोड़ रुपये की लागत
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसदों सुधीर गुप्ता और अनंत नायक की ओर से पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए रेल मंत्री ने कहा, ‘निर्माण लागत लगभग 28 करोड़ रुपये प्रति कार (करों को छोड़कर) है, जो अन्य ट्रेन सेट की तुलना में काफी कॉम्पिटिटिव है.’ केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हाई-स्पीड ट्रेन सेट का डिजाइन और निर्माण एक जटिल और कॉम्‍प्‍लेक्‍स टेक्‍नोलॉजी वाली प्रक्रिया है. उन्होंने प्रमुख तकनीकी पहलुओं के बारे में भी विस्‍तार से बताया. इनमें एयरोडायनमिक, एयर-टाइट कार बॉडी का डिजाइन और निर्माण, हाई-स्‍पीड के लिए इस्‍तेमाल मॉडर्न टेक्‍नोलॉजी सहित इलेक्ट्रिक्स का डिजाइन और निर्माण, ट्रेन सेटों का वजन और ट्रेनों की हीटिंग, वेंटिलेशन और AC शामिल है.

अहमदाबाद-मुंबई बुलेट ट्रेन का ताजा हाल
अश्विनी वैष्‍णव ने जापान के साथ तकनीकी और वित्तीय सहायता से चलाई जा रही मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल (एमएएचएसआर) प्रोजेक्‍ट की ताजा स्थिति के बारे में भी जानकारी दी है. उन्होंने कहा कि इस परियोजना के तहत अब तक 336 किलोमीटर पियर फाउंडेशन, 331 किलोमीटर पियर निर्माण, 260 किलोमीटर गर्डर कास्टिंग और 225 किलोमीटर गर्डर लॉन्चिंग पूरी हो चुकी है. वैष्‍णव ने बताया कि समुद्र के नीचे सुरंग (लगभग 21 किलोमीटर) का काम भी शुरू हो गया है. रेल मंत्री ने कहा कि 508 किलोमीटर लंबी एमएएचएसआर परियोजना में मुंबई, ठाणे, विरार, बोईसर, वापी, बिलिमोरा, सूरत, भरूच, वडोदरा, आणंद, अहमदाबाद और साबरमती में 12 स्टेशन बनाए जाएंगे. इसके लिए जमीन का अधिग्रहण किया जा चुका है.

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