जमीन के रेट में वृद्धि के साथ इन दो और वजहों से भी महंगे हो रहे हैं घर-दुकान

नई दिल्‍ली. देशभर में प्रॉपर्टी के रेट दिन-रात बढ़ रहे हैं. घर हो या दुकान, हर तरह के प्रॉपर्टी के रेट तेजी से बढ़े हैं. घरों की कीमत में इजाफा होने के पीछे जमीन के बढ़े रेट ही जिम्‍मेदार नहीं है. पिछले चार सालों में भवन निर्माण की लागत में तेज़ी से हुई वृद्धि की वजह से भी घरों की कीमतें बढ़ रही हैं. कोलीयर्स इंटरनेशनल की रिपोर्ट के अनुसार, निर्माण के लिए जरूरी सामग्री और श्रमिकों की बढ़ती लागत इसकी मुख्य वजह है. खासकर कुशल श्रमिकों की मांग बढ़ने से उनकी लागत में बढ़ोतरी हुई है. 2020 में निर्माण लागत ₹2000 प्रति वर्ग फुट थी, जो 2024 में बढ़कर ₹2800 प्रति वर्ग फुट हो गई. यह लगभग 40% की वृद्धि है.

निर्माण लागत में सबसे ज्यादा असर कुशल श्रमिकों की बढ़ती मांग का है. आधुनिक तकनीकों जैसे एल्युमिनियम शटरिंग और इको-फ्रेंडली निर्माण के लिए विशेषज्ञ श्रमिकों की जरूरत होती है. इन श्रमिकों की उपलब्धता सीमित होने के कारण उनके शुल्क में बढ़ोतरी हुई है. वहीं, निर्माण सामग्री जैसे सीमेंट और स्टील की कीमतों में मामूली बदलाव देखने को मिला है. पिछले एक साल में सीमेंट की कीमत में 15% की गिरावट हुई है, जबकि स्टील की कीमत 1% कम हुई है. दूसरी ओर, कॉपर और एल्युमिनियम की कीमतों में क्रमशः 19% और 5% की वृद्धि हुई है.

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नई तकनीक अपना रहे हैं डेवलपर्स
आजकल डेवलपर्स निर्माण में नई तकनीकों का इस्तेमाल कर रहे हैं, जो समय और गुणवत्ता दोनों में सुधार लाती हैं. एल्युमिनियम शटरिंग तकनीक के जरिए बेहतर फिनिशिंग और मजबूती मिलती है, लेकिन इसमें स्टील और कंक्रीट की अधिक आवश्यकता होती है, जिससे लागत बढ़ती है. इसके अलावा, श्रमिकों को इन तकनीकों के लिए प्रशिक्षित करना भी महंगा साबित हो रहा है.

क्रेडाई पश्चिमी यूपी के सचिव दिनेश गुप्ता के अनुसार, मौसम की वजह से निर्माण कार्य साल में दो-तीन महीने प्रभावित होता है. इस कमी को पूरा करने और प्रोजेक्ट समय पर पूरा करने के लिए नई तकनीकें अपनाई जा रही हैं. वहीं, निराला वर्ल्ड के सीएमडी सुरेश गर्ग का कहना है कि एल्युमिनियम शटरिंग के लिए अनुभवी श्रमिकों की जरूरत होती है, जो नई प्रणाली पर काम कर सकें और दूसरों को भी प्रशिक्षित करें. ईरोस ग्रुप के निदेशक अवनीश सूद के अनुसार, इको-फ्रेंडली तकनीक और बेहतर गुणवत्ता देने के लिए उच्च गुणवत्ता वाली सामग्री और प्रशिक्षित टीम का उपयोग समय की मांग है.

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