नई दिल्ली. जर्मनी में लगभग 12 साल पहले एक बैंक में ऐसा अजीब वाकया हुआ जिसने सभी को चौंका दिया. एक थका हुआ बैंक क्लर्क काम के दौरान कीबोर्ड पर उंगली दबाए हुए सो गया. इस गलती के कारण एक शख्स को 64.20 यूरो के जगह 222,222,222.22 यूरो यानी 222 मिलियन यूरो ट्रांसफर हो गए. इसके बाद बैंक ने क्लर्क पर एक्शन लिया.
हालांकि, गनिमत रही कि एक अन्य कर्मचारी ने समय रहते इस भारी-भरकम ट्रांजैक्शन को पकड़ लिया और इसे सही कर दिया, जिससे ये ट्रांजैक्शन पूरा नहीं हो सका.
नौकरी से हाथ धो बैठा सुपरवाइजर
साल 2012 में घटी ये घटना अब इंटरनेट पर वायरल हो रही है. क्लर्क द्वारा की गई इस गलती पर सुपरवाइजर ने भी ध्यान नहीं दिया और इस ट्रांजैक्शन को अप्रूव कर दिया. चूंकि ट्रांजैक्शन की जांच-पड़ताल करने की जिम्मेदारी सुपरवाइजर की थी, इसलिए बैंक ने इस बड़ी गलती के लिए उसे जिम्मेदार ठहराते हुए तुरंत नौकरी से निकाल दिया. इसके बाद यह मामला जर्मनी के लेबर कोर्ट तक पहुंचा.
कोर्ट ने दिया क्लर्क को बहाल करने का आदेश
जर्मनी की हेस्से राज्य की अदालत ने सुपरवाइजर को नौकरी से निकालने को गलत बताया. अदालत ने कहा कि यह गलती क्लर्क की ओर से जानबूझकर नहीं की गई थी और यह केवल एक लापरवाही का नतीजा है. जजों ने यह भी माना कि सुपरवाइजर को हर दिन सैकड़ों दस्तावेज़ों की जांच करनी पड़ती थी. घटना वाले दिन उन्होंने 812 दस्तावेज़ों की समीक्षा की थी और हर दस्तावेज पर कुछ ही सेकंड का समय दिया जा सकता था.
अदालत ने बैंक की अपेक्षाओं को अव्यवहारिक बताया और कहा कि ऐसी गलती रोकने के लिए स्वचालित त्रुटि-पहचान प्रणाली का अभाव भी समस्या का हिस्सा था. अदालत ने फैसला सुनाया कि सुपरवाइजर को केवल चेतावनी दी जानी चाहिए थी न कि नौकरी से निकाला जाना चाहिए था.
नेटिजन्स दे रहे प्रतिक्रिया
यह मामला जब सामने आया तो बैंक की कार्यप्रणाली में मौजूद खामियों के बारे में चर्चा तेज हो गई. कई लोगों ने कहा कि यदि बैंक में बेहतर सुरक्षा प्रणाली होती, तो इतनी बड़ी गलती रोकी जा सकती थी. कई लोगों का कहना था कि असामान्य रूप से बड़े ट्रांजैक्शन को कई स्तर से मंजूरी की आवश्यकता होती, जिससे गडबड़ी को पकड़ा जा सकता है और रिस्क कम हो जाता है.
कुछ लोगों ने इस गलती के लिए बैंक क्लर्क को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि काम करते हुए सो जाना गैर जिम्मेदाराना हरकत है, जबकि अन्य ने कहा की के काम के दबाव में ऐसी गलती किसी से भी हो सकती है.
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FIRST PUBLISHED : December 7, 2024, 16:15 IST