Apple Rejects Meta AI Chatbot Llama Proposal: एप्पल यूजर्स मेटा चैटबॉट लामा को फिलहाल यूज नहीं कर पाएगें. ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि एप्पल ने मेटा के उस प्रस्ताव को मना कर दिया है. जिसमें मेटा चैटबॉट लामा को एप्पल के डिवाइसेज में इंटिग्रेट किया जाना था. इस खबर के बाहर आने के बाद से यूजर्स दोनों ही कंपनियों के अगले कदम का इंतजार कर रहे हैं. दोनों ही कंपनियों की इस बात को लेकर कई स्तर पर बातचीत हुई लेकिन इसके बाद भी समझौता नहीं हो सका.
ChatGPT और Gemini बने रोड़ा?
रिपोर्ट्स की माने तो एप्पल के मेटा को ना कहने के पीछे चैटबॉट लामा की प्राइवेसी लेवल को बताया जा रहा है. मेटा की एआई पार्टनरशिप को ना बोलने के साथ ही एप्पल ओपनएआई और अल्फाबेट के साथ डील करने को लेकर भी चर्चाओं में है. उदाहरण के तौर पर जून महीने में ही चैटजीपीटी को लेकर डील अनाउंस की गई है और इसके अलावा जेमिनी के साथ आने वाले टाइम में डील किए जाने की उम्मीद है.
क्या है मना करने के पीछे की वजह?
ब्लूमबर्ग ने सूत्रों के हवाले से बताया कि मेटा के समझौते को मना करने के पीछे की वजह एप्पल उसके कमजोर प्राइवेसी लेवल को बता रही है. लेकिन इसके अलावा एक वजह और एप्पल पहले चैटबॉट लामा की आलोचना कर चुका है. जिसकी वजह से अगर एप्पल इस समझौते को लेकर हामी भर देता तो सबको लगता की लामा को लेकर एप्पल के रुख में बदलाव आया है.
चैटजीपीटी और गूगल के साथ समझौता
मेटा के चैटबॉट लामा को न बोलने के बाद अब सबकी नजरें चैटजीपीटी और गूगल के एआई पर है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, चैटजीपीटी को एक बेहतर ऑप्शन के रुप में देखा जा रहा है. इसके अलावा अगर हम गूगल की बात करें तो एप्पल के सफारी वेब ब्राउजर के लिए पहले से ही एक समझौता है तो जेमिनी के साथ समझौता नई बात नहीं होगी.
एप्पल इंटेलिजेंस
इन सबके अलावा एप्पल इस बार आयोजित हुए अपने वर्ल्डवाइड डेवलपर कॉन्फ्रेंस 2024 में ‘ एप्पल इंटेलिजेंस ‘ नाम के एआई सर्विस को दुनिया के सामने पैश किया है. फिलहाल इस एआई सर्विस का इस्तेमाल iPhone 15 Pro और उसके बाद के मॉडल में ही यूजर्स कर सकेंगे.
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