एयरपोर्ट पर तस्‍करों ने सजाई दुकान, कर डाला 167 करोड़ का काला धंधा

हाइलाइट्स

पिछले दो महीने से चैन्‍नई एयरपोर्ट पर चल रहा था खेल. सॉविन्‍योर शॉप के जरिए हो रही थी सोने की तस्‍करी. अब तक 267 किलो सोने को किया जा चुका था पार.

नई दिल्‍ली. चेन्नई के इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर सोने की तस्करी करने वाला एक बड़ा गिरोह पकड़ा गया है. आबुधाबी और सिंगापुर से आए सोने को पहले इसी दुकान या एयरपोर्ट के टॉयलेट में रखा जाता. फिर दुकान के कर्मचारी इस सोने को अपने मलाशय में छिपाकर एयरपोर्ट से बाहर ले जाते. इस दुकान के जरिए ही तस्‍करों ने 2 महीने में 267 किलो सोने की तस्करी कर डाली. इसकी कीमत 167 करोड़ रुपये बताई जा रही है. अब तस्‍करी के इस धंधे का खुलासा हुआ है. कस्‍टम डिपार्टमेंट के एयर इंटेलिजेंस यूनिट ने दुकान मालिक शाबीर अली सहित नौ लोगों को गिरफ्तार किया है.

साबिर अली एक यूट्यूबर है. उसने एयरपोर्ट अथॉरिटी से एयरपोर्ट परिसर में दुकान किराए पर ली थी. किराए और दुकान के सामान पर उसने 77 लाख रुपये खर्च किए थे. जांच में सामने आया है कि उसे यह पैसा श्रीलंका के एक व्‍यक्ति ने दिया था जो सोने का बड़ा तस्‍कर है. इस पूरी गैंग के तार श्रीलंका और अबू धाबी के बड़े तस्करों से जुड़े हुए हैं. इस मामले में तमिलनाडु के एक युवा नेता का नाम भी सामने आ रहा है.

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केवल तस्‍करी के लिए किराए पर ली दुकान
चेन्नई एयर इंटेलिजेंस यूनिट को पता चला था कि एयरपोर्ट पर एक दुकान के जरिए सोने को एयरपोर्ट से बाहर पहुंचाया जा रहा है. और जांच करने पर अधिकारियों को सॉविनियर शॉप पर शक हुआ. इसे यूट्यूबर साबिर अली ने फरवरी में ही किराए पर लिया था और वो ही उसे चला रहा था. दुकान की तलाशी ली गई तो उसमें कुछ नहीं मिला. फिर दुकान के मालिक साबिर अली की जांच की गई तो उसके मलाशय से पेस्ट के फॉर्म में 3 बंडल सोना मिला.

सोने के इस तरह से तस्करी किए जाने का पता चलते ही इंटेलिजेंस यूनिट हरकत में आई. दुकान की जांच में साबिर समेत 7 और लोगों को पकड़ा गया. पता चला पूरी दुकान केवल तस्करी के लिए किराए पर ली गई थी. इसका मास्टरमाइंड श्रीलंका का नागरिक आर कुमार बताया गया. उसने अबू धाबी में रहते हुए हवाला के पैसे से एयरपोर्ट में दुकान किराए पर ली थी. इस काम में उनका साथ यूट्यूबर साबिर ने दिया.

श्रीलंकाई नागरिक ने दिए पैसे
जांच में पता चला है कि श्रीलंका के एक नागरिक ने यूट्यूबर साबिर से संपर्क किया था. उसने साबिर को एयरपोर्ट में एक दुकान किराए पर लेने को कहा था. दुकान के किराए और सामान के लिए पैसा श्रीलंकाई नागरिक ने हवाला के जरिए साबिर तक पहुंचाया. फिर साबिर और एक अन्‍य व्‍यक्ति ने 77.44 लाख रुपये विदवेदा नाम की कंपनी को दुकान लेने के लिए दिए. यह कंपनी एयरपोर्ट में दुकानों का देखरेख करती है.

ऐसे होती थी सोने की तस्करी?
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, तस्‍कर सोना सोना अबू धाबी और सिंगापुर से लाते थे. वे भारत में उतरते ही एयरपोर्ट के टॉयलेट में या फिर साबिर की दुकान में सोना रख देते थे. यह सोना पेस्‍ट या फिर पाउडर फार्म में होता था. इसके बाद दुकान में काम करने वाले लोग इस सोने को अपने मलाशय में छिपाकर एयरपोर्ट से बाहर ले जाते थे.

कर्मचारियों के पास था BCAS का कार्ड
साबिर की दुकान में सात कर्मचारी काम करते थे. दुकान में काम करने वालों के पास नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (BCAS) का कार्ड था. इस कार्ड के कारण कर्मचारियों की तलाशी कम होती थी. इससे वे आसानी से एयरपोर्ट की सुरक्षा से बच निकलते थे.

दो महीने में पार किया 267 किलो सोना
जांच में सामने आया है कि तस्‍करों ने इस दुकान के जरिए पिछले दो महीनों में ही विदेश से 267 किलो सोने की तस्‍करी भारत में की है. इस सोने की कीमत 167 करोड़ रुपये आंकी गई है. सोने को एयरपोर्ट से बाहर सुरक्षित पहुंचाने के एवज में साबिर और उसके साथियों को 3 करोड़ रुपये कमीशन दिया गया.

Tags: Airport Diaries, Aviation News, Gold smuggling case

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