भारतीय मानक ब्यूरो ने बनाए बाइलॉज. नोएडा और ग्रेटर नोएडा में होंगे लागू. दिल्ली में पहले से लागू है मानक.
नई दिल्ली. राष्ट्रीय राजधानी में भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा बनाया बिल्डिंग कोड ऑफ इंडिया, 2016 लागू है. घरों के निर्माण में मानक ब्यूरो द्वारा लागू मानदंडों को पूरा करना अनिवार्य है. अब ब्यूरो ने नोएडा के लिए भी बिल्डिंग बाइलॉज बनाए हैं. ये बाइलॉज नोएडा के साथ ही ग्रेटर नोएडा और यमुना अथॉरिटी के अधिकारक्षेत्र में भी लागू करने की तैयारी है. इन बाइलॉज को बनाने का मकसद एनसीआर में मजबूत घरों के निर्माण को बढावा देना है. इन बाइलॉज में घर खरीदारों के लिए सुविधाओं के साथ ही सुरक्षा का भ्भी पूरा ध्यान रखा गया है.
बाइलॉज लागू होने के बाद घटिया निर्माण सामग्री के इस्तेमाल कर बिल्डर घर नहीं बना सकेगा. ऐसा इसलिए है क्योंकि कंस्ट्रक्शन के दौरान क्वॉलिटी की थर्ड पार्टी जांच की व्यवस्था की गई है. ग्रुप हाउसिंग में सर्विस प्लान नक्शा पास कराते समय ही देना होगा. इसमें बताना होगा कि बिल्डर घर खरीदारों को क्या-क्या सुविधा प्रदान करेगा.
घर होंगे ज्यादा सुरक्षित और आरामदायक
इन बाइलॉज के लागू होने के बाद बिल्डर को ज्यादा सुरक्षित और सुविधाओं वाले घर बनाने होंगे. सुरक्षा और सुविधा से जुड़ी हर चीज के लिए मानक तय होंगे. इमारतों में बिजली की तार और पानी की पाइप किस क्वालिटी की होगी. इन्हें कौन सी एजेंसी लगाएगी आदि बातें भी पहले से ही तय होंगी और उसी अनुरूप बिल्डर को काम करना होगा.
गैस यानी पीएनजी की पाइप लाइन, लिफ्ट और एसी इंस्टालेशन के लिए भी मानक तय किए गए हैं. साथ ही हर बिल्डर को आवासीय परिसर में आकाशीय बिजजी से बचाने के पुख्ता इंतजाम भी करने होंगे. इन बाइलॉज को लागू करने का मकसद नोएडा और ग्रेटर नोएडा में ऐसे घरों के निर्माण को बढावा देना है, जो न केवल सभी मूलभूत सुविधाओं से युक्त हों, बल्कि सुरक्षित भी हों.
दिल्ली में पहले से हैं नियम
दिल्ली में बिल्डिंग बनाने के लिए दिल्ली नगर निगम ने पहले से ही नियम तय किए हैं. रॉ मैटेरियल से लेकर सुरक्षा, वेंटिलेशन, सीढियों और किचन के साथ-साथ एंट्री एग्जिट के लिए भी नियम हैं. भारतीय मानक ब्यूरो ने इसके लिए बिल्डिंग कोड ऑफ इंडिया 2016 लागू किया है. डीडीए के निर्माण में इनका पालन करना जरूरी है.
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FIRST PUBLISHED : July 7, 2024, 14:27 IST