नई दिल्ली. नो फ्लाई लिस्ट को डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) द्वारा जारी किया जाता हैं. इसमें उन लोगों की जानकारी होती है जिनके हवाई सफर पर प्रतिबंध लगाया गया होता है. यह प्रतिबंध कुछ समय या फिर आजीवन हो सकता है. प्रतिबंध किसी एक खास एयरलाइन द्वारा लगाया जाता है जिसमें उस शख्स ने नियमों के प्रतिकूल व्यवहार किया होता है.
मसलन, कॉमेडियन कुणाल कामरा पर 2020 में इंडिगो ने 6 महीने का प्रतिबंध लगा दिया था. इसकी वजह यह थी कि उन्होंने टीवी एंकर अर्नब गोस्वामी के साथ प्लेन में कथित तौर पर मौखिक हिंसा की थी. इसी तरह बॉडी बिल्डर बॉबी कटारिया पर भी स्पाइसजेट ने अनैतिक व्यवहार के लिए प्रतिबंध लगाया था. केरल की सत्ताधारी सरकार के कनवीनर ई पी जयराजन और 2 कांग्रेसी नेताओं को इंडिगो ने प्रतिबंधित कर दिया था. ऐसे कई मामले आपको देखने को मिल जाएंगे.
क्या है नियम?
ऐसी कई गतिविधियां है जिनकी वजह से किसी व्यक्ति के फ्लाइट पर चढ़ने पर प्रतिबंध लग सकता है. 2017 में सरकार ने फ्लाइट में यात्रियों के खराब बर्ताव को रोकने के लिए नो फ्लाइ लिस्ट लागू करने के लिए कुछ गाइडलाइंस जारी की थी. इसके अनुसार, अगर किसी फ्लाइट में कोई यात्री खराब व्यवहार करता है तो मुख्य पायलट को इसकी शिकायत दर्ज करनी होती है. इस शिकायत की जांच होती है. यह जांच इंटरनल पैनल द्वारा की जाती है. जांच के दौरान एयरलाइन उस व्यक्ति पर 30 दिन के लिए प्रतिबंध लगा सकती है. पैनल को 30 दिन में फैसला लेना होता है. इसके बाद तय किया जाता है कि दोषी शख्स पर कितने दिन का प्रतिबंध लगेगा. अगर कमिटी 30 दिन के अंदर फैसला नहीं ले पाती तो वह शख्स दोबारा से फ्लाइट पर चढ़ने का पात्र हो जाता है.
भरना पड़ सकता है जुर्माना
उड़ान प्रतिबंध के अलावा पैसेंजर पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है. 2017 में एक शख्स ने जेट एयरवेज में फर्जी हाइजेक की चिट्ठी छोड़ी थी जिसके बाद न सिर्फ उस पर प्रतिबंध लगाया गया बल्कि जुर्माना भी लगाया गया. आमतौर पर प्लेन में खराब बर्ताव की मामले बेहद कम आते हैं. हालांकि, ऐसी थोड़ी-बहुत घटनाएं भी परिचालन में समस्याएं पैदा कर के अन्य यात्रियों की यात्रा में खलल डाल सकती हैं.
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FIRST PUBLISHED : July 7, 2024, 16:42 IST