गोड्डा. गूगल ने दुनिया बदल दी. ऐसे में महिलाएं इससे कैसे अछूती रह सकती हैं. गोड्डा की रहने वाली नीना कुमारी ने बिना सरकारी मदद के गूगल से ऑर्गेनिक प्रोडक्ट बनाना सीखा और खुद का ट्रस्ट खोल दिया. ट्रस्ट में मोहल्ले की दर्जनों महिलाओं को जोड़कर उनको रोजगार दिया. आज इस ट्रस्ट द्वारा बनाए गए प्रोडक्ट देश भर में सप्लाई किए जाते हैं.
इस ट्रस्ट में ऑर्गेनिक प्रोडक्ट बनाए जाते हैं. इन्हें गाय के गोबर और जड़ी बूटियों के पाउडर से तैयार किया जाता है. यहां धूपबत्ती जो खुशबू से वातावरण शुद्ध करती है. लक्ष्मी-गणेश की मूर्ति, घी बत्ती, जूट का थैला, बैग व कई आइटम बनते हैं. महिलाएं रोजाना 3-4 घंटे ही दोपहर में घर का सारा काम करने के बाद इस काम को करती हैं.
ऐसे हुई ट्रस्ट की शुरुआत
ट्रस्ट की संचालिका नीना कुमारी ने Local 18 को बताया कि उन्होंने लॉकडाउन के समय जब हर चीज बंद हो गई, तब घर बैठे-बैठे गूगल से ऑर्गेनिक प्रोडक्ट बनाना सीखा. इस ट्रस्ट की शुरुआत की, जिसका नाम श्रीराम स्वयं सेवा ट्रस्ट रखा. पहले वह खुद से इसे कुछ महीनों तक चलाती रहीं. फिर धीरे-धीरे मोहल्ले की कई महिलाएं उनके साथ जुड़ीं और बड़े पैमाने पर सामान बनवाने लगीं. इसकी सेलिंग जिले भर के साथ देश के अलग-अलग कोने में भी कोरियर से करती हैं. इसके लिए ऑनलाइन शॉपिंग एप्लीकेशन की मदद लेती हैं. वह खुद महीने में 20 से 30 हजार तक की आमदनी कर लेती हैं.
मोहल्ले में भी बिक्री
आगे बताया कि ट्रस्ट में सिर्फ ऑर्गेनिक सामान बनता है. उनके मोहल्ले में भी अब लोग कई वर्षों से उनका बनाया प्रोडक्ट इस्तेमाल करते हैं. खूब पसंद भी करते हैं. वहीं, इन प्रोडक्ट को बनाने के लिए मैटेरियल नागपुर और कोलकाता से मंगवाती हैं. वहीं, इस महिला समूह स्वयं सेवा ट्रस्ट में जुड़ी महिला ममता देवी और प्रीति झा ने बताया कि दिन में 3-4 घंटा कम कर वह रोजाना 300 से 350 रुपए तक की कमाई कर लेती हैं.
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FIRST PUBLISHED : July 17, 2024, 18:06 IST