जुए जैसी हो चली F&O ट्रेडिंग! युवाओं को लगी बुरी लत, हर दिन हो रहे बर्बाद

हाइलाइट्स

फ्यूचर एंड ऑप्शन सेगमेंट में काम करने वाले 10 में से 9 ट्रेडर नुकसान में रहे.FY 2022 में प्रत्येक ट्रेडर को होने वाला एवरेज लॉस 1 लाख रुपये से ज्यादा का था.6 साल में F&O सेगमेंट का टर्नओवर 210 लाख करोड़ से बढ़कर 500 लाख करोड़ रुपये हो गया.

नई दिल्ली. शेयर बाजार में फ्यूचर एंड ऑप्शन ट्रेडिंग कम पूंजी और कम वक्त में पैसा कमाने का बड़ा जरिया है. लेकिन, इसमें रिस्क बहुत ज्यादा है. यही वजह है कि 10 में से 9 ट्रेडर इस F&O ट्रेडिंग में नुकसान में रहते हैं. सबसे ज्यादा परेशान करने वाली बात यह है कि युवा वर्ग इसके ज्यादा शिकार हो रहे हैं. फ्यूचर एंड ऑप्शन सेगमेंट के कारण युवाओं को ट्रेडिंग की बुरी लत लग गई है. फ्यूचर एंड ऑप्शन में काम करने के लिए काफी अनुभव की जरूरत होती है. लेकिन, शॉर्टकट तरीके से पैसा बनाने के चक्कर में लाखों युवा बिना किसी अनुभव के F&O ट्रेडिंग में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं लेकिन इसके बदले में बड़ी कीमत चुका रहे हैं. टीओआई की एक रिपोर्ट के अनुसार, देशभर में ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जिनमें युवाओं ने फ्यूचर एंड ऑप्शन ट्रेडिंग में लाखों-करोड़ों रुपये का लॉस किया है. किसी ने अपनी सैलरी और सेविंग दांव पर लगा दी तो किसी ने अपने मां-बाप का पूंजी को बर्बाद कर दिया.

F&O में लॉस करने वाले कई युवा निवेशक, पैसे उधार लेकर फिर से ट्रेडिंग कर रहे हैं और दोबारा हाथ जला रहे हैं. टीओआई की रिपोर्ट में देश के कई चार्टेड अकाउंटेट्स ने अपने क्लाइंट्स के आईटी रिटर्न के बारे में बताया कि उन्होंने फ्यूचर एंड ऑप्शन ट्रे़डिंग में कितना लॉस किया.

लाखों रुपये के नुकसान की अलग-अलग कहानी

23 जून को असम में रहने वाले चार्टेड अकाउंटेंट रोशन अग्रवाल ने X पर लिखा कि उन्होंने एक स्टूडेंट का इनकम टैक्स रिटर्न फाइल किया, जिसमें छात्र की आय जीरो थी लेकिन F&O ट्रेडिंग से एक वित्तीय वर्ष में होना वाला लॉस 26 लाख रुपये रहा. इससे पहले भी इस स्टूडेंट ने 20 लाख रुपये का नुकसान किया था.

सीए रोशन अग्रवाल ने कहा, इस स्टूडेंट के पास अपनी कोई आय नहीं थी, और F&O की लत लगने के कारण वह परिवार, दोस्तों से पैसे व ऊंची ब्याज दर पर लोन लेकर ट्रेडिंग कर रहा था.

पंजाब के रहने वाले एक और चार्टेड अकाउंटेंट, हिमांक सिंगला ने भी अपने एक क्लाइंट के बारे में बताया, जिसे F&O ट्रेडिंग के कारण 1 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ, जबकि उसकी इनकम 42 लाख रुपये थी. वहीं, लखनऊ में रहने वाली चार्टेड अकाउंटेंट गरिमा वाजपेयी ने बताया कि 80 फीसदी आईटीआर में लोगों ने फ्यूचर एंड ऑप्शन ट्रेडिंग में हुए लॉस के बारे में बताया.

इस नुकसान से सरकार भी परेशान

फ्यूचर एंड ऑप्शन ट्रेडिंग में रिटेल निवेशकों को हो रहे इस जबरदस्त नुकसान से शेयर बाजार की नियामक संस्था सेबी से लेकर सरकार भी परेशान है. F&O ट्रेडिंग की बढ़ती लत का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि फाइनेंशियल ईयर 2017-18 में F&O सेगमेंट का टर्नओवर 210 लाख करोड़ था लेकिन 2023-24 में यह बढ़कर 500 लाख करोड़ रुपये हो गया है. टर्नओवर में दोगुना से ज्यादा वृद्धि रिटेल इन्वेस्टर्स के कारण हुई है. इस समान अवधि में F&O सेगमेंट में रिटेल इन्वेस्टर्स की संख्या 2 फीसदी से बढ़कर 40 प्रतिशत तक हो गई. दुख की बात है कि रिटेल इन्वेस्टर्स प्रॉफिट में नहीं रहे.

क्या कहती है SEBI की स्टडी

शेयर बाजार की नियामक संस्था SEBI (सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया) की ओर से पब्लिश एक रिपोर्ट में बताया गया कि फ्यूचर एंड ऑप्शन सेगमेंट में काम करने वाले 10 में से 9 ट्रेडर नुकसान में रहे. वित्तीय वर्ष 2022 में प्रत्येक ट्रेडर को होने वाला एवरेज लॉस 1 लाख रुपये से ज्यादा का था.

सेबी की चेयरमैन माधबी पुरी बुच ने 27 जून को एक प्रेस ब्रीफिंग में कहा था कि सेबी को पता चला है कि F&O सेगमेंट में काम करने के लिए लोग पैसा उधार ले रहे हैं. इससे घर की बचत और पूंजी को बढ़ा खतरा है. सेबी के अलावा, आरबीआई और खुद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण भी फ्यूचर एंड ऑप्शन सेगमेंट में निवेशकों की बढ़ती भागीदारी और हायर वॉल्युम पर चिंता जाहिर कर चुके हैं.

SEBI ने समाधान के लिए बनाई समिति

फ्यूचर एंड ऑप्शन ट्रेडिंग को लेकर रिटेल ट्रेडर्स में बढ़ता क्रेज और उसके संभावित खतरों के समाधान के लिए सेबी ने एक एक्सपर्ट वर्किंग कमेटी को नियुक्त किया है. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इस कमेटी ने सेबी को कुछ सुझाव दिए हैं. इनमें डेरिवेटिव कॉन्ट्रेक्ट साइज को 5 लाख से बढ़ाकर 20-30 रुपये करने को कहा है. हालांकि, इस बारे में फिलहाल ज्यादा स्पष्टता नहीं है.

इसके अलावा, सरकार फ्यूचर एंड ऑप्शन ट्रेडिंग से होने वाली कमाई पर ज्यादा इनकम टैक्स लगाने के बारे में विचार कर रही है, जैसा कि लॉटरी और क्रिप्टोकरेंसी के मामले में लगाया जाता है.

क्यों लगी F&O ट्रेडिंग की लत?

वैल्यू रिसर्च के फाउंडर और सीईओ, धीरेंद्र कुमार का कहना है कि देश में अब बड़ी तादाद में लोग डेरिवेटिव ट्रेडिंग कर रहे हैं और जुए की तरह खेल रहे हैं. लोगों को F&O ट्रेडिंग की लत इस कदर लग चुकी है कि वे नुकसान होने के बाद भी पैसा उधार लेकर ट्रेड कर रहे हैं.

मुंबई के रहने वाले एक 35 वर्षीय ट्रेडर ने स्वीकार किया किया कि फ्यूचर एंड ऑप्शन ट्रेडिंग में काम करने का उसका मकसद जल्दी से पैसा कमाकर अमीर बनना है.

फ्यूचर एंड ऑप्शन ट्रेडिंग की लत से पैसा तो बर्बाद हो रहा है बल्कि ट्रेडर मानसिक रूप से भी परेशान हो रहे हैं. बड़े-बड़े लॉस होने की वजह से कई ट्रेडर डिप्रेशन में चले गए हैं. रिटेल ट्रेडर्स में फ्यूचर एंड ऑप्शन सेगमेंट की बढ़ती लत, एक गंभीर मुद्दा बनता जा रहा है, जिस पर सरकार और सेबी को गंभीरता से सोचने की जरूरत है.

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