म्यूचुअल फंड में लगाते हैं पैसा तो बजट की घोषणाओं का आप पर क्या होगा असर

नई दिल्ली. एडलवाइस की एमडी और सीईओ राधिका गुप्ता ने केंद्रीय बजट 2024 की घोषणा के बाद म्यूचुअल फंड में हुए बदलावों के बारे में बताया है. उन्होंने कहा कि बजट से पहले, म्यूचुअल फंड में अलग-अलग टैक्स कैटेगरी थी क्योंकि कुछ म्यूचुअल फंड पर लॉन्ग या शॉर्ट टर्म टैक्स लगाया जाता था तो कुछ पर मार्जिनल रेट लगता था. उन्होंने कहा कि कुछ फंड्स पर इंडेक्सेशन भी लगता था.

बकौल गुप्ता, इस बजट में इंडेक्सेशन को खत्म करके यह सब सरल कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि अब म्यूचुअल फंड पर टैक्स की 3 श्रेणिया हैं और इन पर अलग-अलग तरीके से टैक्स लगेगा. राधिका गुप्ता ने आगे इसकी व्याख्या भी की.

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कौन सी है तीन कैटेगरी
राधिका गुप्ता ने कहा कि आपके पास टैक्स की तीन कैटेगरी हैं “पहली कैटेगरी ऐसे इक्विटी और म्यूचुअल फंड के लिए है जिनमें इक्विटी 65% से अधिक है, उन पर पूंजीगत संपत्ति के रूप में टैक्स लगाया जाता है – शॉर्ट टर्म में 20% और लॉन्ग टर्म में 12 प्रतिशत. एक वर्ष से अधिक तक रखे गए एसेट को लॉन्ग टर्म में गिना जाता है. दूसरी कैटेगरी ऐसे फंड्स है जिनका 65% से अधिक निवेश डेट सिक्योरिटीज में होता हैं. इन पर मार्जिनल रेट पर टैक्स लगाया जाता है. तीसरी श्रेणी वह है जो उपरोक्त में से किसी भी खांचे में फिट नहीं होती. मसलन, गोल्ड इंडेक्स फंड, गोल्ड ईटीएफ, इक्विटी फंड या अंतरराष्ट्रीय फंड में निवेश करने वाला फंड.

क्या बदला?
राधिका गुप्ता ने कहा कि दूसरी श्रेणी पिछले साल की तरह अपरिवर्तित बनी हुई है लेकिन तीसरी श्रेणी में बड़ा बदलाव है. उन्होंने कहा कि यदि आपके पास तीसरी कैटेगरी वाले फंड है आप लॉन्ग टर्म इन्वेस्टर हैं तो अब उस पर मार्जिनल रेट पर टैक्स नहीं लगेगा. उन्होंने कहा कि अब इस पर आपको 12.5 फीसदी का लॉन्ग टर्म टैक्स देना होगा. हालांकि, शॉर्ट टर्म के निवेशकों के लिए इसमें भी कोई बदलाव नहीं है.

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