पति की मौत के बाद दाने-दाने को मोहताज पत्नी के संघर्ष और सफलता की कहानी

सहरसा.जिंदगी कितनी भी मुश्किल भरी हो, पर कुछ करने की चाहत मंजिल का पता ढूंढ़ ही लेती है. सहरसा की रेखा देवी इसी का उदाहरण हैं. समय से बहुत पहले पति स्वर्ग सिधार गए. लेकिन आज रेखा अपने पैरों पर खड़ी परिवार पाल रही हैं. सरकार की जीविकोपार्जन योजना ने उन्हें लखपति और अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बना दिया.

रेखा के पति ताड़ी उतारने का काम करते थे. एक दिन पेड़ से गिर गए और मौत हो गयी. रेखा और उसके बच्चों के सामने भुखमरी की नौबत आ गयी. परिवार के भरण पोषण के लिए दूसरों के घरों में चौका बर्तन का काम शुरू किया. मुफलिस की जिंदगी से जूझ रहीं रेखा ने जिंदगी से हार मानने के बजाए सरकार की जीविको पार्जन योजना का सहारा लिया. एक छोटे से कारोबार की शुरुआत की और देखते ही देखते लखपति बन गयींआज न सिर्फ व्यापार अच्छा चल रहा है बल्कि अपने बच्चों को अच्छी परवरिश कर पढ़ा लिखा रही हैं. रेखा ने गांव में जमीन खरीद कर अपना घर भी बना लिया है.

जीत गयी रेखा
स्थानीय लोग बताते हैं पति की मौत के बाद रेखा बदहाल जिंदगी जीने पर मजबूर थीं. जीविका संगठन से जुड़ने के बाद सतत जीविकोपार्जन योजना का लाभ उठाया. इस योजना में 2 लाख रुपए की आर्थिक सहायता मिलती है. रेखा ने उससे गांव में किराना की छोटी सी दुकान खोली, दिन रात मेहनत की. अब वो अपने पैरों पर खड़ी हैं. अपने चार बच्चे भी पाल रही हैं. समाज में उनकी इज्जत है. वो दूसरी महिलाओं के लिए आदर्श बन गयी हैं. महिला के इस जज्बे को आज हर कोई सलाम कर रहा है.

5554 परिवारों को मदद
जिला नोडल एसजेआई विक्रमादित्य चौधरी ने बताया सतत जीविकोपार्जन योजना सरकार की एक महत्वपूर्ण योजना है. शराब और ताड़ी के कारोबार से जुड़े ऐसे लोगों को जिसका शराबबंदी के बाद कारोबार प्रभावित हुआ है उसे सहायता प्रदान कर आर्थिक रूप से मजबूत बनाया जाता है. जिले में कुल 5554 परिवार इसका लाभ उठा चुके हैं. इसमें पहले एक लाख की राशि दी जाती थी अब इसे बढ़ा कर दो लाख कर दिया गया है.

FIRST PUBLISHED : July 29, 2024, 19:20 IST

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