बिहार में शुरू करना है बिजनेस तो मुख्यमंत्री उद्यमी योजना में जल्द करें आवेदन, जानें प्रोसे

जमुई. अगर आप अपना कोई कारोबार करना चाहते हैं और इसके लिए मुख्यमंत्री उद्यमी योजना का लाभ लेकर अपने कारोबार की शुरुआत करना चाहते हैं. लेकिन किसी कारणवश तय समय के अंदर आप इस योजना के लिए आवेदन नहीं कर सके थे तो आपके लिए अच्छी खबर सामने आई है. इस योजना में आवेदन की आखिरी तारीख को बढ़ा दिया है.

गौरतलब है कि इस योजना के तहत आवेदन के लिए आखिरी तारीख 31 जुलाई तक ही थी, और इसी समय के अंदर लोगों की आवेदन करना था. लेकिन अंतिम दिन विभाग का सर्वर क्रैश हो जाने के कारण कई अभ्यर्थी आवेदन करने से वंचित रह गए. और इसी कारण से अब योजना के लिए आवेदन की आखिरी तारीख को बढ़ा दिया गया है. अब अभ्यर्थी 16 अगस्त शाम 05 बजे तक इसके लिए आवेदन कर सकते हैं.

इन उद्यम की शुरुआत के लिए ऋण देगी बिहार सरकार
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत फीड उत्पादन, पोहा-चूड़ा उत्पादन, रेडीमेड गारमेंट, हनी प्रोसेसिंग, एलईडी बल्ब उत्पादन, सोया प्रोडक्ट समेत कई उद्योगों में आवेदन की प्रक्रिया जारी है. इस योजना का उद्देश्य राज्य के उद्यमियों को प्रोत्साहित करना और स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़ाना है. सरकार ने इस योजना में आवेदन की अंतिम तिथि को बढ़ाकर अब 16 अगस्त शाम 5 बजे तक कर दिया है, जिससे और भी ज्यादा लोग इस योजना का लाभ उठा सकें.

आवेदन की तिथि बढ़ने का सीधा फायदा उन उद्यमियों को होगा, जो किसी कारणवश पहले आवेदन नहीं कर पाए थे. लेकिन अब इस के बाद और भी ज्यादा उद्यमियों को इस योजना का लाभ मिल सकेगा. यदि आपने अभी तक आवेदन नहीं किया है, तो अब आपके पास 16 अगस्त शाम 5 बजे तक का समय है. अपने दस्तावेज तैयार करें और समय पर आवेदन जमा करें ताकि आप भी इस योजना का लाभ उठा सकें और अपने उद्यम को नई ऊंचाइयों तक पहुंचा सकें.

लॉटरी सिस्टम के जरिए होगा लाभार्थियों का चयन
आवेदन की प्रक्रिया पूरी होने के बाद, सभी प्राप्त आवेदनों की जांच की जाएगी और लॉटरी सिस्टम के जरिए लाभार्थियों का चयन किया जाएगा. यह प्रक्रिया पारदर्शी और निष्पक्ष होगी, जिससे सभी आवेदकों को समान अवसर मिल सकेगा. सूत्रों के मुताबिक, अगस्त के आखिरी सप्ताह तक लाभार्थियों का चयन कर लिया जाएगा और उन्हें सूचित किया जाएगा.

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री उद्यमी योजना का मुख्य उद्देश्य राज्य के युवाओं और उद्यमियों को प्रोत्साहित करना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है. इस योजना के तहत चयनित लाभार्थियों को वित्तीय सहायता, तकनीकी ज्ञान और अन्य संसाधनों की उपलब्धता कराई जाएगी, जिससे वे अपने उद्योग को सफलतापूर्वक चला सकें. इससे राज्य में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी.

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