नई दिल्ली. सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ऑफ इंडिया का शुद्ध लाभ चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही के लिए 10 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 1,703 करोड़ रुपये रहा है. बैंक ऑफ इंडिया (बीओआई) ने शनिवार को बताया कि उसका मुनाफा खराब ऋणों से निपटने के लिए अलग रखी गई धनराशि में वृद्धि के कारण सीमित रहा.
बीते वित्त वर्ष की समान तिमाही में उसका शुद्ध लाभ 1,551 करोड़ रुपये रहा था. बैंक की मुख्य शुद्ध ब्याज आय जून तिमाही के लिए छह प्रतिशत बढ़कर 6,275 करोड़ रुपये रही है. इसमें अग्रिमों में लगभग 16 प्रतिशत की उछाल और शुद्ध ब्याज मार्जिन के 0.04 प्रतिशत बढ़कर 3.07 प्रतिशत होने का भी योगदान है.
बैंक की गैर ब्याज आय जून तिमाही में घटकर 1,302 करोड़ रुपये रह गई, जो बीते वित्त वर्ष की समान तिमाही में 1,462 करोड़ रुपये थी. बैंक की जमा वृद्धि समीक्षाधीन तिमाही के दौरान 9.74 प्रतिशत रही है. ऋण विस्तार के मोर्चे पर, खुदरा और कृषि दोनों ने तिमाही के दौरान 20 प्रतिशत से अधिक की अच्छी वृद्धि दिखाई, जबकि एमएसएमई खंड में 13 प्रतिशत की वृद्धि हुई. जून तिमाही के अंत में सकल गैर निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) अनुपात सुधरकर 4.62 प्रतिशत हो गया.
खराब परिसंपत्तियों के लिए प्रावधान बढ़कर 1,215 करोड़ रुपये हो गया, जो एक साल पहले की समान अवधि में 776 करोड़ रुपये था। यह आय वृद्धि को सीमित करने वाले प्रमुख कारकों में से एक प्रतीत होता है. ऋणदाता के लिए कुल पूंजी पर्याप्तता 16.18 प्रतिशत रही, जबकि मुख्य बफर स्तर 13.62 प्रतिशत रहा.
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FIRST PUBLISHED : August 3, 2024, 23:01 IST