आप की खेत की मिट्टी कैसी, मौसम कैसा, कौन सी फसल से ज्‍यादा कमाई, चलेगा पता

नई दिल्‍ली. ज्‍यादातर किसान परंपरागत खेती करते हैं, उन्‍हें लगता है कि उनके खेत में कोई दूसरी फसल नहीं हो सकती है. अगर दूसरी फसल लगाकर प्रयोग किया तो कहीं नुकसान न हो जाए. यह सोचकर एक खेती परिवार की पीढि़यां करती रहती हैं, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. कृषि मंत्रालय किसानों को स्‍वयं बताएगा कि उन्‍हें कौन सी खेती करनी चाहिए, किस खेती में ज्‍यादा कमाई होगी? यह संभव डिजीटल पब्लिक इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर (डीपीआई) होगा. इस दिशा में मंत्रालय ने काम भी शुरू कर दिया है.

कृषि मंत्रालय तीन डिजीटल पब्लिक इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर (डीपीआई) तैयार करवा रहा है. इसमें तीन चीजें शामिल हैं, पहला एग्रीस्‍टेग है, दूसरा एग्री डिसीजन सपोर्ट सिस्‍टम और तीसरा सोएल मैपिंग है. एग्रीस्‍टेग के तहत देशभर के करीब 12 करोड़ किसानों की आईडी( फार्मर रजिस्‍ट्री) बनाई जा रही है. इसमें जमीन किसके नाम है, कितनी जमीन है और क्‍या क्‍या बोया गया है, सारा कुछ फीड किया जाएगा.

इस तरह दी जाएगी एडवाइजरी

किस लोकेशन की मिट्टी कैसी है, यह कृषि डीएसएस में दिखेगा. मसलन यूपी फलां जिले के फलां गांव में मिट्टी कैसी है. किसान ने क्‍या बोया है. यह डिजीटल क्रॉप सर्वे से पता चलेगा. इस तरह किसानों को एडवाइजरी दी जा सकती है. मिट्टी पता होगा, आइएमडी लिंक होने से मौमस का पता होगा. उनके लिए किस चीज की खेती फायदे हो सकती है. इसके अलावा किसानाें को आगाह भी किया जा सकता है. किसी किसान के खेत में लगे मक्‍के पर कीटाणु लगे हैं, तो उसके आसपास के दूसरे किसानों को आगाह किया जा सकेगा. एग्री स्‍टैग से पता होगा, इसके आसपास कौन कौन से किसान हैं, जिन्‍होंने ने मक्‍का बोया है. उन्‍हें भी बताया जा सकता है.

डिजीटल क्रॉप सर्वे चल रहा है

डिजीटल क्रॉप सर्वे लगतार चलने वाली प्रक्रिया है. हर फसल में करनी होती है. मौजूदा समय 17 राज्‍यों के 450 जिलों में यह शुरू हो चुका है. कई राज्‍य 100 फीसदी डिजीटल क्रॉप सर्वे पर आ चुके हैं. इसमें उत्‍तर प्रदेश, मध्‍य प्रदेश, गुजरात, ओडिशा, तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना शामिल हैं. इसके अलावा असम और राजस्‍थान जैसे प्रदेशों काफी हद तक डिजीटल क्रॉप सर्वे का शुरू हो चुका है. कई राज्‍य पालयट प्रोजेक्‍ट कर चुके हैं, जो अगले साल तक 100 फीसदी कर लेंगे.

Tags: Agriculture, Farmer Income Doubled

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