जेल जैसा है इस कंपनी का ऑफिस, पानी पीने, टॉयलेट जाने के लिए भी सख्त नियम कायदे

हाइलाइट्स

एक टीम को 24 फीट लंबे 6 ट्रक हर दिन खाली करने का टारगेट दिया गया है.कर्मचारियों को 30 मिनट के टी ब्रेक के बाद लगातार काम करने को कहा जाता है. उनको शपथ दिलाई जाती है कि वे अपना टार्गेट पूरा करने तक न तो टॉयलेट जाएंगे और न ही पानी पीएंगे.

नई दिल्ली. हरियाणा के मानेसर में स्थित अमेज़न के एक वेयरहाउस में कर्मचारियों से ज्‍यादा काम कराने और उन्‍हें टॉयलेट जाने और पानी पीने तक की मनाही की खबर सामने आने के बाद राष्‍ट्रीय मानवाधिकार आयोग सक्रिय हुआ है. आयोग ने इस मामले पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. आयोग का कहना है कि अगर मीडिया में आई खबर सही है तो यह श्रमिकों के मानवाधिकारों का घोर उल्‍लंघन तो है ही साथ ही यह श्रम कानूनों के भी खिलाफ है. आयोग ने केंद्र सरकार से एक सप्‍ताह में जवाब दाखिल करने को कहा है.

एनएचआरसी ने इस केस की प्रोसिडिंग्‍स में बताया है कि मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अमेज़न के मानेसर स्थित एक गोदाम में कर्मचारियों से अमानवीय व्‍यवहार किया जा रहा है. एक 24 वर्षीय कर्मचारी के हवाले से कहा गया कि अमेज़न में कर्मचारियों से नियमित रूप से यह शपथ लेने के लिए कहा जाता है कि वे तब तक न टॉयलेट जाएंगे और न ही पानी पियेंगे, जब तक कि उन्‍हें दिया गया काम वे खत्‍म न कर लें. कर्मचारियों को बड़े ट्रकों से सामान उतारना पड़ता है. भीषण गर्मी के कारण पैकेज उतारने में काफी कठिनाई होती है. लगातार काम करने पर भी कर्मचारियों की एक टीम एक दिन में केवल चार ट्रक ही खाली कर पाते हैं.

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6 ट्रक खाली करने का लक्ष्‍य
एनएचआरसी की प्रोसिडिंग्‍स में बताया गया है कि कर्मचारियों की एक टीम को 24 फीट लंबे 6 ट्रक हर दिन खाली करने का टारगेट दिया गया है. कर्मचारियों को 30 मिनट के टी ब्रेक के बाद लगातार काम करने को कहा जाता है. उनको शपथ दिलाई जाती है कि वे अपना टार्गेट पूरा करने तक न तो टॉयलेट जाएंगे और न ही पानी पीएंगे. पिछले महीने वेयरआउस की ‘इनबाउंड टीम’ को कम से कम आठ बार यह शपथ दिलाई गई.

नहीं है रेस्‍ट रूम
मानेसर प्‍लांट कि एक महिला कर्मचारी ने बताया कि वेयरहाउस में आराम करने की जगह नहीं है. उन्‍हें टॉयलेट में बैठकर आराम करना पड़ता है. एक कर्मचारी का कहना है कि उन्हें सप्ताह में 5 दिन और प्रतिदिन 10 घंटे काम करने होते हैं. उन्हें हर महीने 10,888 रुपए सैलरी मिलती है. उन्हें चाय और लंच के लिए हर दिन 30-30 मिनट के ब्रेक मिलते हैं. कर्मचारी का कहना है कि सीनियर हम पर निगाह बनाए रखते हैं. समय-समय पर यह भी चेक करते हैं कि कोई टॉयलेट या अन्य जगहों पर समय तो नहीं बिता रहा.

कंपनी ने आरोप नकारे
अमेज़न इंडिया ने इन आरोपों को नकारा है. कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि वे इन आरोपों की जांच कर रहे हैं. उन्होंने कहा, “हम इन दावों की जांच कर रहे हैं. लेकिन यह स्पष्ट है कि हम अपने कर्मचारियों से इस तरह का कोई काम करने को कभी नहीं कहेंगे. अगर हमारे संज्ञान में ऐसा कोई वाकया आता है तो हम तुरंत इसे रोकेंगे. हम ये सुनिश्चित करेंगे कि इसमें शामिल मैनेजर को दोबारा ट्रेनिंग दी जाए.”

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