किसान गांव में लगाया यह उद्योग, घर बैठे हो रही है एक लाख की आमदनी

आजमगढ़: यूपी का आजमगढ़ जनपद ब्लैक पॉटरी उद्योग के लिए देशभर में जाना जाता है. पॉटरी उद्योग आजमगढ़ की नई पहचान के रूप में दुनिया भर में प्रसिद्ध हो चुका है. लोग अब पटरी उद्योग से जुड़कर रोजगार सृजन में बढ़-चढ़कर सहभागी बन रहे हैं और अपने साथ-साथ आसपास के लोगों को भी रोजगार देने का काम कर रहे हैं.

ऐसे में आजमगढ़ शहर से नजदीक एक किसान ने अपने खाली पड़ी जमीन में पॉटरी उद्योग स्थापित किया और आज वह उस उद्योग की मदद से अपने साथ-साथ आसपास के 20 से 25 लोगों को रोजगार भी मुहावाया कर रहे हैं.

पॉटरी उद्योग में मिला 25 लोगों को रोजगार
आजमगढ़ शहर क्षेत्र से सटे हरिया गांव स्थित मां वैष्णो पॉटरी उद्योग का संचालन किया जाता रहा है. इसमें विभिन्न प्रकार के मिट्टी के बर्तन बनाए जाते हैं. मिट्टी के कुल्हड़, मटके केतली, तवा, कढ़ाई आदि जैसे बर्तन इस पॉटरी उद्योग में बनाए जाते हैं. इसकी मार्केट में काफी डिमांड है. पिछले 1 साल से शुरू किया गया यह उद्योग संचालक के साथ-साथ आसपास के लगभग 20 से 25 लोगों के कमाई का जरिया बना हुआ है.

रेस्टोरेंट में है भारी डिमांड
उद्योग का प्रबंधन कर रहे हरिशंकर बताते हैं कि इस उद्योग में लगभग 9 से 10 हजार मिट्टी के बर्तनों का उत्पादन डेली हो जाता है, जो आजमगढ़ और आसपास के क्षेत्र में बेचा जाता है. आजमगढ़ के अलावा अगल-बगल के जिलों में भी इस मिट्टी के बर्तन की भारी डिमांड है.

मिट्टी के इन बर्तनों की डिमांड सबसे अधिक ठंड के महीने में होती है. विशेष कर मिट्टी के बने कुल्हड़ की.  ठंड के समय में इसकी खपत लगभग चार गुना हो जाती है. जहां चाय की दुकान से लेकर बड़े-बड़े रेस्टोरेंट तक में मिट्टी से बनाए गए कुल्हड़ की सबसे अधिक डिमांड होती है.

मिट्टी की कढ़ाई और केतली की है डिमांड
लोकल18 से बात करते हुए उद्योग के प्रबंधक हरिशंकर ने बताया कि 1 महीने में लगभग डेढ़ से 2 लाख मिट्टी के बर्तनों की खपत हो जाती है. मार्केट में कुल्हड़ के बाद सबसे ज्यादा डिमांड मिट्टी के बने केतली, तवा और कढ़ाई की होती है. जहां गर्मियों के दिनों में लोग मिट्टी से बने घड़े का इस्तेमाल करना बेहद पसंद करते हैं इसलिए गर्मियों के समय में घड़े और केतली की डिमांड सबसे अधिक होती है.

उन्होंने बताया कि इस उद्योग की मदद से औसतन 1 लाख रुपए तक की कमाई महीने में हो जाती है. इस उद्योग को स्थापित करने में सरकारी योजना का भी विशेष योगदान रहा है. सरकार की मदद से चलाई जा रही योजना के तहत कुल लागत में लगभग 35 प्रतिशत की सब्सिडी भी मिल गई, जिससे उद्योग लगाने में आसानी हुई.

Tags: Azamgarh news, Business ideas, Business news, Local18, Success Story, UP news

Source link